..ओ जी म्हारे आंगन कुवलो खुदा दो, जे को ठंडो पानी
धूमधाम से मनाया गणगौर पर्व, सुहागिनों ने गाए गीत –
हांसी । मनमोहन शर्मा
बड़वाली ढाणी में को गणगौर पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान सुहागिनों ने गौर-गौर गणपति, ईसर पूजै पार्वती के गीत के साथ पर्व की शुरूआत की। पर्व को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला। महिलाओं ने शिव और पार्वती की पूजा-अर्चना की और गीत गाए।
महिलाओं ने ईसरजी के आंगन रालो रे, म्हारा मान गुमानी ढोला। ओ जी म्हारे आंगन कुवलो खुदा दो, जे को ठंडो पानी। माथन भांवर घड़ा री गणगौर, घड़ा रही गणगौर। सोनी गढ़ को खडक़ो म्हे सुन्यो सोना घड़े रे सुनार आदि गीत गाए। महिलाओं ने गणगौर के साथ सेल्फी भी ली। बड़वाली ढाणी निवासी उर्मिला, चित्रा ने बताया कि इस पूजा का खास महत्व नवविवाहिताओं के लिए होता है।
नव विवाहिताएं इस पर्व पर अपने पिता के घर में रहकर सोलह दिनों तक माता गणगौर की पूजा करती हैं और अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना करती हैं। उन्होंने बताया कि गणगौर की पूजा धुलंडी के दिन से शुरू होती है। इसमें होलिका दहन की राख से सोलह पिंडियां बनाकर उनकी 16 दिनों तक पूजा की जाती है। यह पूजा गणगौर उत्सव तक लगातार होती है। उन्होंने बताया कि आज गणगौर पर्व का अंतिम दिन होगा। शाम को विर्सजन किया जाएगा। इस अवसर पर अर्चना, आरती, वंदना, सीमा, तनु, सरला, सोना आदि भी मौजूद रही।