सरकार का खुद का लेखा-जोखा बताता है कि ग्रामीण विकास के नाम पर दिये बजट में सरकार ने केवल 33-34 प्रतिशत ही पैसा खर्च किया है और 66-67 प्रतिशत पैसा ग्रामीण विकास पर खर्च ही नही हुआ : विद्रोही
 हरियाणा रूरल फंड के नाम पर सरकार ने 1731.67 करोड़ रूपये की वसूली की जिसमें ग्रामीण विकास के लिए केवल 72 करोड रूपये खर्च किये अर्थात कुल फंड में 5 प्रतिशत राशि भी ग्रामीण विकास के लिए खर्च नही हुई : विद्रोही
मोदी सरकार डाक घरों में जमा धन पर ब्याज देने की व्यवस्था को खत्म कर दिया। पीएफ खाते पर टैक्स लगा दिया, जीवन रक्षक दवाएं 10 से 15 प्रतिशत महंगी कर दी, नये वाहनों के दाम बढ़ेगेे : विद्रोही

01 अप्रैल 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा सरकार ग्रामीण विकास के नाम पर आम हरियाणवियों के साथ क्रूर मजाक करके ना केवल झूठे दावे कर रही है, अपितु गांवों के विकास को अवरूद्ध भी कर रही है। विद्रोही ने कहा कि इसका जीता जागता प्रमाण स्वयं सरकार का बजट व ग्रामीण विकास के लिए कथित आवंटित धन खर्च का सरकारी लेखा-जोखा है। वर्ष 2021-22 के बजट में भाजपा-जजपा खट्टर सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए 5779.95 करोड़ रूपये आवंटित किये थे जिनमें से 31 मार्च 2022 तक सरकार ने केवल 1937.66 करोड़ रूपये ही ग्रामीण विकास के लिए खर्च किये और बजट प्रावधान में से 4042 करोड रूपये खर्च न करने के कारण लेप्स हो गए। इस तरह सरकार का खुद का लेखा-जोखा बताता है कि ग्रामीण विकास के नाम पर दिये बजट में सरकार ने केवल 33-34 प्रतिशत ही पैसा खर्च किया है और 66-67 प्रतिशत पैसा ग्रामीण विकास पर खर्च ही नही हुआ। 

विद्रोही ने कहा कि इसी तरह वर्ष 2021-22 वित्तिय वर्ष में हरियाणा की ंमडियों पर फसल खरीद पर लगाया हरियाणा रूरल फंड के नाम पर सरकार ने 1731.67 करोड़ रूपये की वसूली की जिसमें ग्रामीण विकास के लिए केवल 72 करोड रूपये खर्च किये अर्थात कुल फंड में 5 प्रतिशत राशि भी ग्रामीण विकास के लिए खर्च नही हुई। हरियाणा सरकार का वर्ष 2021-22 के ग्रामीण विकास का लेखा-जोखा चीखा-चीखकर कह रहा है कि मुख्यमंत्री खट्टर ने हरियाणा के गांवों के कथित विकास के सभी दावे झूठे व फर्जी है। सरकार के अंाकडे ही बता रहे है कि वह ग्रामीण विकास के नाम पर किसान, मजदूरों को ठगकर, झूठ बोलकर किस तरह उनका शोषण कर रही है व ग्रामवासियों को विकास के संवैद्यानिक हक से वंचित कर रही है। ]

विद्रोही ने कहा कि एक ओर भाजपा खट्टर सरकार विकास व नागरिक सुविधाओं के नाम पर धोखाधड़ी कर रही है, वहीं एक अप्रैल से सरकार की नीतियों के चलते आमजनों पर महंगाई की चौतरफा मार पड़ रही है। विगत 10 दिनों में ही पैट्रोल-डीजल पर 6.40 रूपये प्रति लीटर की बढोतरी करके मोदी सरकार ने आमजनों को महंगाई की आग में झोंक दिया है व पैट्रोल-डीजल भाव बढऩे का सिलसिला रूकने का नाम नही ले रहा है। वहीं राष्ट्रीय व प्रादेशिक राजमार्गो पर टोल टैक्स 10 से 18 प्रतिशत बढाया, पीएफ ब्याज दरों में कटौती कर दी गई। मोदी सरकार डाक घरों में जमा धन पर ब्याज देने की व्यवस्था को खत्म कर दिया। पीएफ खाते पर टैक्स लगा दिया, जीवन रक्षक दवाएं 10 से 15 प्रतिशत महंगी कर दी, नये वाहनों के दाम बढ़ेगेे। इस तरह आमजनों पर मोदी सरकार ने महंगाई की चौतरफा मार मारने का फैसला कर लिया है जिसके चलते आमजनों को दो वक्त पेट की आम बुझाना भी मुश्किल होता जा रहा है व महंगाई डायन उसे चारो ओर से खा रही है। 

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