गलत दस्तावेजों से आयुषमान भारत योजना पैनल का लाभ लेने के मामले में हाईकोर्ट हुआ सख्त

-हाई कोर्ट ने आदेशों की अवमानना के मामले में हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव संजीव कौशल को दिए दो सप्ताह में पालना के आदेश
-अगर दो सप्ताह में नहीं हुई आदेशों की पालना तो मुख्य सचिव पर 25 हजार लगेगा जुर्माना
-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने भिवानी के अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम द्वारा गलत दस्तावेजों से लिया था आयुषमान भारत योजना का लाभ

भिवानी, 23 मार्च। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भिवानी के अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम द्वारा गलत दस्तावेजों के सहारे आयुषमान भारत के पैनल का लाभ लेने के मामले में न्यायालय द्वारा पहले दिए गए आदेशों की पालना नहीं कराने पर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव संजीव कौशल पर सख्त रुख अख्तियार किया है। हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को दो सप्ताह के अंदर हाई कोर्ट के आदेशों की पालना सुनिश्चित किए जाने के आदेश दिए हैं। ऐसा नहीं होने पर मुख्य सचिव संजीव कौशल पर हाई कोर्ट द्वारा 25 हजार रुपये जुर्माना लगाने की बात कही है।  स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने 31 जुलाई 2021 को हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव, एसीएस हेल्थ विभाग व आयुषमान भारत योजना के सीईओ को भिवानी के अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम द्वारा गलत दस्तावेजों के सहारे आयुषमान भारत योजना के पैनल से जुड़कर अनुचित लाभ लेने की शिकायत दी थी। इस शिकायत पर संबंधित विभागों के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद संगठन अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण में गया। हाई कोर्ट ने इस मामले में 3 दिसंबर 2021 को सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को एक माह में शिकायतकर्ता की शिकायत पर कार्रवाई करने के आदेश दिए। लेकिन इस मामले में चार माह बीत जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया। जिस पर संगठन को मजबूरन फिर से 17 मार्च को अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से कोर्ट के आदेशों की पालना कराने के लिए उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव संजीव कौशल को न्यायालय के आदेशों की पालना दो सप्ताह में सुनिश्चित कराने के आदेश दिए हैं। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो कोर्ट ने मुख्य सचिव पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाने की बात कही है। ये जुर्माना राशि चंडीगढ़ पीजीआई में वेलफेयर फंड में देनी होगी। वहीं मुख्य सचिव कार्यालय के डीए विनोद भारद्वाज ने हाई कोर्ट को संतुष्ट किया कि 3 दिसंबर 2021 के उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले को दो सप्ताह के अंदर लागू करा दिया जाएगा।

प्रमाणित नक्शे की जगह लगा डाला साइट प्लान, मिलीभगत से ली फायर एनओसीशिकायतकर्ता बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम के संचालक डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल ने दमकल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलीभगत कर नगर परिषद से प्रमाणित नक्शा लगाने की बजाए साइट प्लान लगाकर गलत तरीके से फायर एनओसी हासिल कर ली। जबकि अस्पताल का नगर परिषद से अस्पताल के नाम कोई नक्शा पास नहीं है। बावजूद इसके दमकल विभाग के अधिकारियों ने अस्पताल को फायर एनओसी जारी कर दी। जिसके प्रमाणित दस्तावेज भी संगठन ने आरटीआई के जरिए हासिल किए थे। 

धर्मशाला की 603 वर्गगज जगह दबा कर डाला अवैध अस्पताल का निर्माणशिकायतकर्ता बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल ने राजस्व विभाग के रिकार्ड में धर्मशाला के नाम से दर्ज जमीन की 603 वर्गगज जगह नाजायज तौर पर दबाकर उस पर अवैध रूप से अस्पताल का निर्माण कर डाला। अस्पताल के अवैध भवन का नगर परिषद से कोई नक्शा भी पास नहीं है। जबकि बिना नक्शा पास के ही दमकल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलीभगत कर गलत तरीके से फायर एनओसी भी ले डाली। इसी के बाद अस्पताल संचालक ने आयुषमान भारत योजना के पैनल का गलत तरीके से लाभ लेने का इस्तेमाल किया। इन दस्तावेजों को संगठन ने न्यायालय में चुनौति दे डाली।

नेशनल बिल्डिंग कोड और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट नियम भी दाव पर लगाएशिकातकर्ता का आरोप है कि डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल ने नेशनल बिल्डिंग कोड के पार्ट-4 लाइफ सेफ्टी एनबीसी 2016 के वोल्यूम 1 का उल्लंघन किया है। वहीं नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट गाइडलाइन 2016 के तहत अस्पताल के सुरक्षा मानक भी दाव पर लगा डाले। अस्पताल के लिए ये दोनों ही गाइडलाइन की पालना करना बहुत ही जरूरी है। 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में भी कर चुका है गोलमालशिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि डॉ विनोद अंचल पहले भी अपने अस्पताल के अंदर राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में फर्जी दस्तावेज लगाकर ककाफी रुपयों का गोलमाल कर चुका है। लेकिन इसके बावजूद भी गलत दस्तावेजों के सहारे आयुषमान भारत योजना के पैनल पर अस्ताल जुड़ गयाऔर अब भी योजना का गलत लाभ स्वास्थ्य अधिकारियों की मिलीभगत से लेता आ रहा है।

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