19 मार्च 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के हरियाणा राजनिवास चंडीगढ़ में राज्यपाल दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के साथ होली मनाने का स्वागत करते हुए इसे दोनो राज्यों के मुख्यमंत्री के बीच सकारात्मक, सौहार्दपूर्ण घटना बताया। विद्रोही ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद दूसरे ही दिन भगवंत मान व मनोहरलाल खट्टर का एकसाथ मिलकर हरियाणा राजनिवास चंडीगढ़ में होली मनाना दोनो राज्यों के बीच अच्छे सम्बन्ध बनाने की अच्छी शुरूआत है। दोनों राज्यों के मुख्यंत्रीयों द्वारा एकसाथ होली मनाने की घटना मीडिया में फोटो इवेंट तक सीमित न होकर दोनो मिलकर शीघ्र कुछ ऐसे राजनीतिक फैसले ले जिसके दूरगामी परिणाम बड़े भाई पंजाब व छोटे भाई हरियाणा के बीच आपसी सामाजिक, राजनीतिक, प्रशासनिक रिश्ते प्रगाढ़ हो। 

विद्रोही ने कहा कि पंजाब-हरियाणा के बीच रिश्ते प्रमाढ करने के लिए ंपजाब में वर्षो से आधी अधूरी पड़ी एसवाईएल नहर निर्माण करवाने से अच्छा कदम अन्य कोई और नही हो सकता। वैसे भी जनवरी 2002 में सुप्रीम कोर्ट पंजाब में अधूरी पड़ी एसवाईएल नहर निर्माण का आदेश सेना की निगरानी में केन्द्र से सीमा सड़क संगठन से करवाने के लिए कह चुका है। लेकिन दोनो राज्यों की आपसी कटुता और पंजाब सरकार द्वारा इस मामले को बार-बार न्यायिक प्रक्रिया में उलझाने के कारण बीस वर्षो से अब तक सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर अमल नही हो पाया।

विद्रोही ने कहा कि अब पंजाब में कथित बदलाव व नई राजनीति क्रांति करने के नाम पर भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब में आप पार्टी की नई सरकार ने सत्ता संभाली है। आप पार्टी लीक से हटकर राजनीति करने का दावा करती है। यदि पंजाब की भगवंत मान सरकार सुप्रीमकोर्ट के जनवरी 2002 के आदेशानुसार पंजाब में आधी-अधूरी पडी एसवाईएल नहर का निर्माण करके नई राजनीति करने की अपनी कथनी-करनी एक कर सकते है। संयोग से इस समय पंजाब व दिल्ली एनसीटी क्षेत्रों में आप पार्टी की सरकार है। दिल्ली भी अपने नागरिकों की प्यास बुझाने के लिए यमुना नदी से मिलने वाले पानी पर हरियाणा पर निर्भर रहता है। यदिे पंजाब आप पार्टी की सरकार एसवाईएल नहर निर्माण करके हरियाणा को उसके हिस्से का पानी देता है तो हरियाणा को भी दिल्ली की प्यास बुझाने के लिए यमुना नदी का पर्याप्त पानी देने में आसानी होगी। इस प्रकार पंजाब में अधूरी एसवाईएल नहर निर्माण का फायदा हरियाणा व दिल्ली दोनो को ही होगा। वहीं पंजाब-हरियाणा के राजनीतिक-प्रशासनिक रिश्तों में ऐसी प्रागढ़ता आएगी जो दोनो राज्यों के नागरिकों के लिए बहुुत हितकारी होगा। ऐसी स्थिति में नई राजनीति व बदलाव की क्रांति करने का दावा करने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से विद्रोही ने अपील की कि पंजाब में अधूरी पड़ी एसवाईएल नहर का निर्माण करके राजनीति में बदलाव की शुरूआत करे।

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