हिसार : 16 मार्च – हरियाणा सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में एक बोर्ड बनाया जाएगा। इसके अलावा प्राकृतिक खेती से यदि किसान को पैदावार का नुकसान होता है उसकी भरपाई तीन साल तक सरकार की ओर से की जाएगी। प्राकृतिक खेती से किसान की लागत कम होगी और फसल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। यह बात हरियाणा के कृषि मंत्री श्री जे.पी. दलाल ने कही। वे आज हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के किसान मेला के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा आज हमारे खाद्यान्न भंडार भरे हुए है। अब कृषि की पैदावार बढ़ाने की जगह कृषि उपज की गुणवत्ता बढ़ाने की जरूरत है। क्योंकि अधिक पैदावार लेने के लिए कृषि रसायनों का बहुत अधिक प्रयोग हो रहा है जिससे पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ अनाज भी प्रदूषित हो रहा है जिसका असर मानव जाति के स्वास्थ्य पर देखा जा रहा है।उन्होंने कहा हरियाणा सरकार ने किसानों के फायदे के लिए कोई भी कृषि संबंधी स्कीम लागू करने में न तो पहले कभी कमी आने दी है और न ही आगे आने दी जाएगी। कृषि मंत्री ने किसानों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा किसानों को उपज का बेहतर भाव दिलाने के लिए गन्नौर में 8 हजार करोड़ रूपए की लागत से विश्वस्तर का कृषि उपज बिक्री केन्द्र बनाने जा रहा है। उन्होंने कहा किसानों को फसल मुआवजा दिलवाने में सरकार बीजाई से लेकर मुआवजा दिलवाने तक पूरी तरह पैरवी करेगी। उन्होंने कहा पिछले पांच साल में फसल मुआवजे का 5200 करोड़ रूपया किसानों के खाते में डाला गया है तथा हरियाणा से आज तक एक भी फसल बीमा कंपनी लाभ नहीं ले पाई है। उन्होंने कहा कृषि व कृषि से जुडे व्यवसायों में बढिय़ा कार्य करने वाले किसानों के लिए प्रदेश में प्रगतिशील किसान प्राधिकरण भी बनाया जाएगा जिससे प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ उनके द्वारा अन्य किसानों का मार्गदर्शन किया जाएगा। हमने किसान की फसल का सीधा लाभ किसान के खाते में डालने का काम किया है। हमारा प्रयास है कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे: प्रो. बी.आर. काम्बोजकुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय खाद्यान्न सुरक्षा के लिए अनुसंधानों के साथ पोषण सुरक्षा के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय प्राकृतिक खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए अग्रसर है। इसके लिए सघन अनुसंधान कार्य किया जा रहा है। सरकार की सहायता, वैज्ञानिक की शोध और किसान की मेहनत ही सफलता का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा हमारा प्रयास है कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे। उन्होंने विश्वविद्यालय की अनुसंधान उपलब्धियों का उल्लेख किया और बताया कि विश्वविद्यालय हरियाणा के सभी गांवों से जुड़ा हुआ है और एक क्लिक से ही फसल व मौसम संबंधित जानकारी तुरंत हरियाणा के हर कोने में पहुंच जाती है। उन्होंने कहा इससे उन्हें खेती की नवीनतम प्रौद्योगिकियों का ज्ञान प्राप्त होगा और कृषि संबंधी अपनी समस्याओं का कृषि वैज्ञानिकों से हल प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम में लुवास, हिसार के कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा भी उपस्थित थे। इस मौके पर कृषि मंत्री ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लिखी गई पुस्तक का विमोचन भी किया। Post navigation “बुरा न मानो, होली है” भारत के हित और पड़ोसियों के साथ संपर्क