चण्डीगढ़, 16 मार्च- हरियाणा विधान सभा बजट सत्र में आज कुल तीन विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा विधि (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2022; हरियाणा निरसन विधेयक, 2022 और हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक, 2021(प्रवर समिति द्वारा यथा प्रतिवेदित) शामिल हैं। इसके अलावा, हरियाणा नगरपालिका(संशोधन) विधेयक, 2022 और हरियाणा नगर निगम(संशोधन) विधेयक, 2022 को प्रवर कमेटी को भेजा गया है, जो इन पर दो मास में अपनी रिपोर्ट देगी।
इसके अतिरिक्त, सदन में हरियाणा यांत्रिक यान(पथकर-उद्ग्रहण)संशोधन विधेयक, 2022; हरियाणा जल संसाधन(संरक्षण, विनियमन तथा प्रबंधन) प्राधिकरण(संशोधन) विधेयक, 2022 और हरियाणा विनियोग(संख्या 1) विधेयक, 2022 पेश किए गए, जिन्हें बाद में विचारोपरांत पारित किया जाएगा।

हरियाणा विधि (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2022
राष्टï्रीय हरित अधिकरण और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर पारित विभिन्न आदेशों की अनुपालना में राष्टï्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले हरियाणा के जिलों में कृषि वाहनों सहित 10 वर्ष पुराने डीजल चालित वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध है। राष्टï्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले हरियाणा के जिलों के किसानों और अन्य प्रभावित लोगों को कृषि वाहनों के संचालन के संबंध में अस्थायी राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा हरियाणा विधि (विशेष उपबंध) अधिनियम, 2019 को 18 मार्च, 2019 को अधिसूचित किया गया था, जिसकी वैधता इसके लागू होने की तिथि से एक वर्ष के लिए थी।
 किसानों की वित्तीय स्थिति और राष्टï्रीय राजधानी क्षेत्र में कृषि वाहनों सहित 10 वर्ष पुराने डीजल चालित वाहनों के संचालन पर राष्टï्रीय हरित अधिकरण और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रतिबंध जारी रहने के कारण उक्त अधिनियम की वैधता को 30 जून, 2025 तक बढ़ाने  और इस अवधि में राष्टï्रीय राजधानी क्षेत्र से कृषि वाहनों को चरणबद्घ तरीके से हटाने के लिए विभिन्न नीतिगत मुद्दों को अंतिम रूप देने के हरियाणा विधि (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2022 पारित किया गया है।

हरियाणा निरसन विधेयक, 2022
ऐसे अधिनियम, जो अब लागू नहीं हैं या अप्रासंगिक व अप्रचलित हो गए हैं या जिनका अलग, स्वतंत्र व विशिष्टï अधिनियमों के रूप में होना अनावश्यक है, ऐसे अधिनियमों को निरस्त करने के लिए हरियाणा निरसन विधेयक, 2022 पारित किया गया है। ये अधिनियम वास्तव में अपना अर्थ खो चुके हैं लेकिन फिर भी अधिनियम पुस्तकों में दिखाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, श्री न्यायमूर्ति इकबाल सिंह(सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित हरियाणा संविधि समीक्षा समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में विभिन्न अधिनियमों को निरस्त करने की सिफारिश की थी।

हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 ( प्रवर समिति द्वारा यथा प्रतिवेदित )
सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय पद्धतियों को अपनाते हुए श्रेष्ठ खेलकूद शिक्षण हेतु प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में कार्य करने के अतिरिक्त खेलकूद विज्ञान, खेलकूद प्रौद्योगिकी, खेलकूद प्रबंधन और खेलकूद कोचिंग के क्षेत्रों में खेलकूद शिक्षा को प्रोन्नत करने के लिए हरियाणा राज्य में विशिष्ट विश्वविद्यालय के रूप में खेलकूद विश्वविद्यालय स्थापित और निगमित करने तथा उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 पारित किया गया है।
विश्वविद्यालय का उद्देश्य शारीरिक शिक्षा और खेलकूद विज्ञान के क्षेत्र में उच्च अध्ययन के संस्थान के रूप में विकसित करना; शारीरिक विद्या और खेलकूद विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष रूप से डिजाइनड शैक्षणिक व प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा खेलकूद की उच्च प्रौद्योगिकियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करते हुए इस क्षेत्र में अनुसंधान, विकास तथा ज्ञान के प्रसार की व्यवस्था करना; खेलकूद को प्रोन्नत करने के लिए शारीरिक विद्या एवं खेलकूद प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सुदृढ़ करना;
अन्य महाविद्यालयों/संस्थाओं को संबद्घ करने तथा शारीरिक शिक्षा एवं खेल विज्ञान, खेलकूद प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में कलात्मक शैक्षणिक प्रशिक्षण देने और अनुसंधान तथा सभी खेलों के लिए उच्च प्रदर्शन प्रशिक्षण के लिए उत्कृष्टïता के केन्द्र और संस्थाएं स्थापित करना और इस क्षेत्र में अन्य संस्थाओं को व्यावसायिक और शैक्षणिक नेतृत्व प्रदान करना होगा।

इसके अतिरिक्त, शारीरिक शिक्षा, खेलकूद विज्ञान, चिकित्सा व प्रौद्योगिकी और अन्य संबंधित क्षेत्रों में व्यावसायिक मार्गदर्शन और संस्थान सेवाएं प्रदान करना और शारीरिक शिक्षा, खेलकूद विज्ञान, चिकित्सा व प्रौद्योगिकी और सभी खेलों में उच्च  प्रदर्शन प्रशिक्षण के क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर ज्ञान, कौशल और सामथ्र्य के विकास के लिए क्षमताएं उत्पन्न करना; शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक की अवसंरचना उपलब्ध कराने के लिए क्षमताएं उत्पन्न करना; ज्ञान एवं विकास के लिए प्रमुख संसाधन केन्द्र के रूप में कार्य करना; अंतरराष्ट्रीय सहयोग उपलब्ध करवाना; प्रशिक्षण एवं अनुसंधान के प्रयोजन के लिए खेलकूद अकादमियों, विद्यापीठों, महाविद्यालयों, खेलकूद व मनोरंजन क्लबों और अंतरराष्ट्रीय परिसंघों के साथ सघन संयोजन स्थापित करना और उच्च अर्हता प्राप्त व्यवसायिकों को तैयार करना भी विश्वविद्यालय  का उद्देश्य होगा।

यह सभी खेलों के सर्वोत्कृष्ट और अन्य प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों के लिए उत्कृष्टता और शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद विज्ञान में नवाचार एवं अनुसंधान समर्थन और प्रचार के लिए केन्द्र के रूप में कार्य करेगा; प्रतिभाशाली एथलीटस को प्रशिक्षित करेगा ताकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के सर्वोत्कृष्ट एथलीटों के रूप में उभरने में सहायता की जा सके ; राज्य तथा भारत को खेलकूद शक्ति बनाने के लिए कार्य करेगा। विश्वविद्यालय शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद विज्ञान, जिसमें खेलकूद प्रौद्योगिकी, खेल चिकित्सा, खेलकूद अवसंरचना अभियान्त्रिकी, काइनिजियोलोजी, नैदानिक जैव यान्त्रिकी, खेलकूद मनोविज्ञान, खेलकूद पोषण, पुनर्वासन तथा भौतिक चिकित्सा, खेलकूद पत्रकारिता, खेलकूद मार्किटिंग तथा खेल कोचिंग भी शामिल हैं, में पाठयक्रमों की योजना बनाएगा। विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय खेलकूद परिसंघों, राष्ट्रीय खेलकूद परिसंघों, भारतीय ओलम्पिक संघ तथा भारतीय विश्वविद्यालय संघ के समन्वय से खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के अवसर प्रदान करेगा ।

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