55 साल बाद भी हरियाणा को उसके हिस्से का रावी-ब्यास नदी का पानी नही मिला, केजरीवाल दिलाएँगे ? विद्रोही

16 मार्च 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आज विधिवत रूप से शपथ लेकर पंजाब की सत्ता संभालने पर नवनियुक्त मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे अपने को केवल आम आदमी बताने की जुमलेबाजी न करके मुख्यमंत्री के रूप में एक आमजन कीे तरह आचरण करके सत्ता चलाकर अपनी कथनी-करनी को भी एक करे। विद्रोही ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान व आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से आग्रह किया कि जहां वे पंजाब में अपनी पार्टी को सत्ता में आने पर एक क्रांति बता रहे है तो उसी भावना के अनुरूप विगत 55 वर्षो से नहरी पानी के मामले में हरियाणा से किये जा रहे अन्याय को भी समाप्त करके अपने को क्रांतिकारी भी साबित करे। राजनीतिक कारणों व वोट बैंक की राजनीति के चलते पंजाब की विभिन्न दलों की सरकारों ने 55 साल बाद भी हरियाणा को उसके हिस्से का रावी-ब्यास नदी का पानी नही दिया। चूंकि भगवंत मान ने पंजाब सरकार का 10 करोड़ से ज्यादा धन खर्च करके अमर शहीद सरदार भगत सिंह के पैतृक गांव खरकड़ कलां में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर अपने को शहीद भगत सिंह का अनुयायी होने का दावा किया है। 

ऐसे में विद्रोही ने कहा कि जब अपने को आम आदमी का मुख्यमंत्री बताने वाले भगवंत मान जी 10 करोड़ रूपये से ज्यादा धन खर्च करके भारत के 75 साल के प्रजातांत्रिक इतिहास के आज तक के सबसे खर्चीले शपथ समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते है तो वे हरियाणा को उसके हिस्से का रावी-ब्यास नदियों का पानी देने के लिए अधूरी पडी सतलुज-यमुना लिंक नहर का भी निर्माण करने का राजनीतिक साहस दिखा सकते है। वहीं नई राजनीति करने की बात करने वालेे आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं हरियाणा के मूल निवासी है। ऐसी स्थिति में एक हरियाणवी होने के नाते भी उनका यह नैतिक दायित्य बनता है कि वे अपने पैतृक राज्य को अपने राजनीतिक ओरे का प्रयोग करके रावी-ब्यासे का पानी देने पंजाब में अधूरी पड़ी सतलुज-यमुना लिंक नहर का निर्माण करवाये।

विद्रोही ने कहा कि केजरीवाल जी जिस कथित दिल्ली माडल का हवाला देकर पूरे देश में दिल्ली की तर्ज पर नये राजनीतिक बदलाव करने का दावा करते है, उस दिल्ली को हरियाणा अपने हिस्से का पानी यमुना नदी मेें से देकर दिल्ली के लोगों की प्यास वर्षो से बुझाता आ रहा है। दिल्ली वासियों को जरूरत के समय पीने का पानी देने का कर्ज भी अब अरविंद केजरीवाल पंजाब से हरियााणा को उसके हिस्से का नहरी पानी देकर उतार सकते है। विद्रोही ने कहा कि बदलाव की नई राजनीति करने का दावा करना आसान है, पर उसे जमीन पर तभी उतारा जा सकता है, जब नेता पूर्व सरकारों की लीक से हटकर नई परम्परा कायम करे। यदि केजरीवाल व भगवंत मान वास्तव में बदलाव व क्रांति के वाहक है और सरदार भगत सिंह के विचारों पर चलने वाले उनके सच्चे अनुयायी है तो इसको साबित करने के लिए पंजाब में अधूरी पडी सतलुज-यमुना लिंक नहर निर्माण करके सुप्रीम कोर्ट के जनवरी 2002 के आदेश अनुसार रावी-ब्यास नदी में पंजाब-हरियाणा के बटवारे समय तय निर्देशानुसार हरियाणा को उसके हिस्से का पानी देकर नई पहल करे। 

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