–कमलेश भारतीय थियेटर से ही रोज़गार चले , नहीं तो रंगकर्मी को आधी अधूरी लगती है जिंदगी । थियेटर करके ही रंगकर्मी खुश होता है । दूसरे काम करने से आधा अधूरा ही रहता है रंगकर्मी । यह कहना है रंगकर्मी, दादा साहब फाल्के व कला रत्न अवाॅर्ड विजेता राहुल भुच्चर का , जो रंग आंगन नाट्योत्सव के आखिरी दिन अपनी संस्था फेलेसिटी थियेटर की ओर से राकेश बेदी द्वारा निर्देशित नाटक ‘जब वी सेपेरिटिड ‘ का मंचन करने हिसार के जिंदल स्ट्रिप्स के तुलसी सभागार में आए थे । अपनी भूमिका से राहुल ने खूब प्रभाव तक किया । इस नाटक के बाद परिचय के दौरान मुझे जब राहुल के साथ भुच्चर सुनाई दिया तब मैं दौड़कर स्टेज पर जा पहुंचा क्योंकि मैं भी नवांशहर के एक भुच्चर परिवार से ही हूं , भारतीय मेरा लेखकीय नाम है । वही बात हुई राहुल भुच्चर भी नवाशहर से ही था लेकिन अब दिल्ली में बस गया है और अपनी थियेटर संस्था चला रहा है । इस तरह पहली बार नवांशहर के लोगों को भी यह पता चलेगा कि उनका एक बेटा एक्टर के रूप में धूम मचा रहा है । मैंने अपना नवप्रकाशित कथा संग्रह ‘नयी प्रेम कहानी’ भी दिया । मूल रूप से नवांशहर निवासी राहुल भुच्चर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम बी ए की है ।-नाटक का शौक कैसे लगा और कब से ? -सन् 2010-11 की बात है । नाटक देखने गया था और अहसास हुआ कि मैं भी नाटक कर सकता हूं । फिर शौक लगा और एक थियेटर की संस्था से जुड़ कर नाटक किये । उपाध्यक्ष भी रहा इस संस्था का । बहुत कुछ सीखता रहा । -फिर अपनी फेसिलिटी संस्था कब बनाई ?-सन् 2013 में । अब तक इसके बैनर पर सत्रह अठारह नाटक मंचित कर चुके हैं । एक वर्ष में हम अपनी संस्था की ओर से नाटकों के एक सौ बीस शो तक किये हैं । -किन किन के साथ नाटक किये अब तक ?-नितीश भारद्वाज , पुनीत इस्सर , गूफी पेंटल, कश्मीरा शाह , श्वेता तिवारी , अवतार गिल , रोहित राय , रूपाली गांगुली, मिनिषा लाम्बा , उर्वशी ढोलकिया, दिलनाज , ईश्वर मर्चेंट , मेघना मलिक और राकेश बेदी । -किन किन नाटकों में खुद हीरो का रोल निभाया ?-जब वी सेपेरिटिड, महाभारत में कर्ण , रांग नम्बर । -आप वैसे क्या काम करते हो ?-कांट्रेक्टर । शनिवार व रविवार को नाटक । परिवार के बारे में ? एक ही बेटा है रक्षित जो श्रीराम काॅलेज में पढ़ाई कर रहा है और एक्टर भी है । -और क्या कर रहे हो थियेटर के लिए ?-फेलेसिटी स्टूडियो चलाता हूं जिसमें नये रंगकर्मियों को सिखाते हैं । जब वी सेपेरिटिड की हीरोइन निखार खुल्लर उसी स्टूडियो की छात्रा है । इसमें गरीब बच्चों को भी रंगकर्म में अवसर देते हैं । नाटक के माध्यम से क्या देने की कोशिश रहती है ?-सामाजिक संदेश देने की कोशिश जैसे जब वी सेपेरिटिड में यह संदेश देने की कोशिश कि समाज में तलाक नहीं होने चाहिएं । पति पत्नी को आपस में बैठ कर अपने विवाद निपटाने चाहिएं जिससे बच्चों को अच्छा भविष्य मिले । -कोई पुरस्कार /’सम्मान ?-दादा साहब फाल्के व कला रत्न अवाॅर्ड जैसे अनेक सम्मान । -लक्ष्य ?-रंगकर्म करते रहना ।हमारी शुभकामनाएं राहुल भुच्चर को । आप इस नम्बर पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं : 9811027323 Post navigation मेडिकल की पढ़ाई अब अपने देश मे ही होगी आसान हकृवि के बाजरा अनुभाग को राष्ट्रीय स्तर पर मिला सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केंद्र अवार्ड