-कमलेश भारतीय विधानसभा के सत्र के दौरान देवर और भाभी के दौरान चुटकियां हुईं । वैसे भी संबंधों की प्रेम प्यार और दूरियां सामने आ ही जाती हैं , चाहे वह किसी भी राज्य की विधानसभा क्यों न हो ? हरियाणा विधानसभा में इन दिनों जजपा के उपमुख्यमंत्री हैं दुष्यंत चौटाला तो इनकी मां नैना चौटाला भी विधायक हैं । वहीं उपचुनाव में एक बार फिर जीत कर इनेलो से इनके देवर अभय चौटाला भी विधानसभा में आए हैं । विधानसभा के अंदर और बाहर इनेलो और जजपा में वाक् युद्ध चलता रहता है । अभी पिछले दिनों अभय ने कहा कि जजपा का भाजपा में विलय हो जायेगा तो इस पर भी खूब बयानबाजी दोनों ओर से हुई और दोनों ने एक दूसरे पर इल्जाम लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी । अजय चौटाला ने तो यहां तक कहा कि कभी ऐसा वक्त आयेगा जब कहा जायेगा कि एक पार्टी होती थी इनेलो । इस तरह की चुटकियां इस टूटे परिवार में आम बात हो गयी है । बीच बीच में इनके एक हो जाने की चर्चा भी चलती है लेकिन इनके बयानों के चलते ये बातें अफवाहें मात्र लगने लगती हैं । अभी विधानसभा सत्र के दौरान अभय चौटाला ने दुष्यंत चौटाला की अनुपस्थिति में बिना नाम लिये पूछा कि जो 5100 रुपये की पेशन देने की बात करते थे , वे यहां नहीं बैठे हैं । मैं उनसे पूछता कि पेंशन क्यों नहीं बढ़ी ? इस पर जवाब दिया मां नैना चौटाला ने क्योंकि वे विधायक के तौर पर मौजूद थीं सदन में । उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को दुष्यंत का यहां यानी उपमुख्यमंत्री पद पर बैठने कुछ हजम नहीं हो रहा । साथ ही दो लाइनें शायरी के रूप में सुनाईं : तोहमत लगाने वालों का मुझ पर ,,उठती उंगलियों ने दुष्यंत को मशहूर कर दिया । इस तरह की रोचक बयानबाजी सदन पर हुई । दूसरी ओर अनिल विज ने कांग्रेस की विधायक गीता भुक्कल को कहा किसी बात पर कि पहले लाॅ तो पढ़ लो तो दूसरी तरफ से गीता भुक्कल बोलीं कि लाॅ तो दिल्ली से कर रखा है पहले ही । गीता भुक्कल बाकायदा वकालत करती हैं और हिसार जेपी का केस लड़ने आया करती थीं । जबरन धर्मांतरण से जुड़े विधेयक के पेश होने के बाद कांग्रेस के विधायक रघुवीर कादयान व मुख्यमंत्री खट्टर के बीच विवाद हुआ । कादयान ने विधेयक की प्रति फाड़कर कहा कि यह कागज़ का टुकड़ा मात्र है और इससे धर्मांतरण को हवा मिलेगी , कादयान को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया । इस पर कांग्रेस ने रोष भी जताया । बाकी और मामले भी गूंज रहे हैं और गूंजते रहेंगे ।-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation जबरन मतांतरण विरोधी कानून के खिलाफ कांग्रेस विधायकों का व्यवहार अमर्यादित : सुरेश गोयल धूपवाला उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव-2022- चौथा चरण…..क्या लखीमपुर खीरी वाटरलू साबित होगा ?