सड़कों व खेतों में विचरण करता बेसहारा गोवंश मुद्दा 

उत्तर प्रदेश चुनावों के बाद अब हरियाणा विधानसभा में गूंजा

भारत सारथी

हरियाणा विधानसभा में आज बेसहारा पशुओं के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं व फसल उजाडऩे का मामला जोर-शोर से उठा। इस संदर्भ में कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने गैर-सरकारी प्रस्ताव सदन में रखा, जिस पर कई विधायकों ने अपने-अपने सुझाव दिए। हालांकि प्रस्ताव में आवारा शब्द था लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा ऐतराज जताए जाने के बाद इस शब्द को हटा दिया गया। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने सुझाव दिया कि गौशालाओं में बने फिनाइल जैसे पदार्थों की खरीद सरकारी विभागों में अनिवार्य की जानी चाहिए।

कई विधायकों ने कुत्तों व बंदरों के आतंक की भी व्यथा बताई। गीता भुक्कल ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि प्रदेश में 2018 व 2019 यानी 2 वर्षों में 241 लोगों की बेसहारा पशुओं की वजह से जान गई। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी सड़क दुर्घटना का शिकार हो चुकी है। उन्होंने बताया कि करनाल में 70 दिनों में 451 लोगों को कुत्ते ने काट लिया और इसी तरह पंचकूला से लेकर अन्य जिलों के मामले भी है। उन्होंंने कहा कि गुरुग्राम में करीब 500 लोगों को कुत्तों ने काट लिया। भुक्कल ने कहा कि स्थानीय निकायों द्वारा बेसहारा पशुओं को उठाने का ठेका दिया जाता है, लेकिन यह जांच नहीं की जाती है ठेका लेने वाले ने वास्तव में क्या काम किया जबकि स्थिति ज्यों की त्यों बनी रहती है। उन्होंने कहा कि इन पशुओं की वजह से किसान भी परेशान है क्योंकि मौका लगते ही खेत की फसल उजाड़ देते है।

पशु मेले के बाद आ जाते हैं बेसहारा पशु
कांग्रेस विधायक अमित सिहाग ने कहा कि प्रदेश में नंदीशालाएं बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नंदियों का खुला घूमना एक बड़ी समस्या का कारण बना हुआ है। उन्होंने कहा कि पशु मेलों में दुधारू पशु तो लोग खरीद लेते है लेकिन ऐसे पशु जो लेाग नहीं खरीदते, उन्हें खुला छोड़ दिया जाता है।

गाय को माता समझकर काम करते तो सड़कों पर नहीं फिरती: गोगी
कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि गाय को राजनीतिक मुद्दा तो बना दिया लेकिन उनकी भलाई के लिए किया कुछ नहीं। उन्होंने सरकार की तरफ इशारा करते हुए कहा कि गाय को माता समझकर काम करते तो सड़कों पर नहीं फिरती। उन्होंने कहा कि बेसहारा गाय भूखी प्यासी खेतों में घूमती रहती हैं। उन्होंने कहा कि गौशालाओं की जमीनों पर कब्जे है, सरकार को उन्हें छुड़वाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हर जगह नकली गऊ रक्षक बन गए है जिनकी स्वीकृति के बिना पशु को बेच भी नहीं सकते।

आम आदमी और किसानों के लिए विकराल समस्या बन चुके हैं बेसहारा पशु: बलराज कुंडू
महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने बेसहारा पशुओं को लेकर कहा कि यदि सरकार वाकई में इस विषय को लेकर गंभीर है तो ग्राम पंचायतों को की मदद से इस समस्या का समाधान संभव है लेकिन सरकार को इसके लिए बजट का बंदोबस्त भी करना होगा। सिर्फ हवाई बातें करने से इस समस्या का कोई समाधान नहीं होने वाला। कुंडू ने कहा कि ऐसे पशुओं की वजह से आए रोज सड़क हादसे होते हैं और सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और कितने ही लोग अपंगता की श्रेणी में पहुंच चुके हैं लेकिन सरकार कतई गंभीर नजर नहीं आती। किसानों कों को इन पशुओं की वजह से हाथों में लाठियां लेकर सारी रात फसलों को बचाने के लिये पहरेदारी करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ गौ माता कहने से ही गाय का भला नहीं हो सकता इसके लिए सरकार को धरातल पर काम करना होगा।

बेसहारा पशुओं को भोजन आदि देने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए: विज
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आज राज्य के लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि बेसहारा पशुओं के रखरखाव के लिए सरकार को कोई न कोई व्यवस्था करनी चाहिए और भोजन इत्यादि देने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय हमारी आत्मा का केंद्र है और जिस प्रकार से गाय आज सड़कों व खेतों में बेसहारा घूम रही है उसकी ङ्क्षचता की जानी चाहिए और उनकी व्यवस्था भी की जानी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैंने ऐसा देखा है कि पहले शहर में गौशाला होती थी और शहर का हर व्यापारी अपनी कमाई में से उसके लिए कुछ न कुछ निकालता था। इसी प्रकार, किसान भी अपनी खेती में से गाय के लिए चारा निकालता था। उन्होंने कहा कि गांच को भूख लगती है और गाय को कुछ न कुछ खाने के लिए चाहिए। समाज को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और इसके लिए जिम्मेदारी लगानी पड़ेगी और इसमें लोगों का दायित्व व श्रद्धा भी है इसलिए लोग सरकार के साथ काम करें। विज ने कहा कि हमें ऐसी योजना करनी चाहिए जिसके तहत गौधारण के लिए स्थान हो, भोजन की व्यवस्था हो, गाय के भोजन के लिए संस्थाएं आगे आएं। इसके अलावा, अन्य पशुओं के पालन की व्यवस्था भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को पुण्य भी मिलेगा।

राज्य में बेसहारा गौवंश को सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा: दलाल
हरियाणा के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा कि राज्य में बेसहारा गौवंश को सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा और हमारा लक्ष्य हैं कि जितनी भी गाय बेसहारा हैं उनके लिए गौशाला बनाई जाए। इसी कड़ी में राज्य सरकार ङ्क्षचतित है और इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। दलाल सत्र के दौरान बेसहारा पशुओं के संबंध में लाए गए प्रस्ताव के बारे में अपना वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं की वजह से तरह-तरह की समस्याएं किसानों को आ रही है इस समस्या से निपटने के लिए गंभीरता से विचार किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बेसहारा पशुओं के संबंध में हमारी सरकार ने कानून लाने का काम भी किया है लेकिन आज लोगों ने गायों को अपने घर रखने की बजाय सड़कों पर छोडऩे का काम किया जा रहा है लेकिन लोगों को सरकार के इस प्रयास के साथ अपनी ओर से भी सहयोग करना चाहिए।

4.5 लाख गौवंश को गौशालाओं में भेजने का काम हुआ
उन्होंने कहा कि हरियाणा के गौवंश व अन्य बेसहारा पशुओं के लिए सरकार ने बहुत से कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि बेसहारा पशुओं के लिए गौअभ्यारण्य, नंदी शालाएं खोलने का काम किया गया है और गौशालाओं में गायों को एकत्रित कर भेजने का काम किया गया हैं। इसी प्रकार, गौसेवा आयोग गठन किया गया तथा 4.5 लाख गौवंश को गौशालाओं में भेजने का काम हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक नीति बनाई है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति या संस्था 1000 रुपए प्रति एकड़ प्रति साल के तहत भूमि लेकर गौशाला संचालित कर सकता हैं। दलाल ने कहा कि पंचकूला में स्थापित गौशाला में गोबर से खाद बनाने का काम किया गया है और इसी प्रकार, इस गौशाला में नैचूरल पेंट बनाने का काम भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय गैस प्राधिकरण द्वारा गैस खरीदने के लिए विभिन्न समझौते किए गए हैं।

600 गौशालाओं में 4.5 लाख गौवंश को रखा गयाउन्होंने बताया कि राज्य में 600 गौशालाएं चल रही हैं और इनमें 4.5 लाख गौवंश को रखा गया है तथा इसी प्रकार, एक लाख बेसहारा गौवंश को गौशालाओं में रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती का जिक्र करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती में भी गौवंश बहुत योगदान हैं और सरकार इस ओर अग्रसर है कि इस पर एक नीति तैयार की जाए ताकि खाद का पैसा बचे और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा सके। दलाल ने कहा कि वर्ष 2014 से 2022 के दौरान गौशालाओं का बजट दुगुना किया गया हैं। दलाल ने कहा कि इसी तरह लाखों कुत्तों का स्टरलाइजेशन किया गया है।

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