धर्मपाल वर्मा, चंडीगढ़

किसी पत्रकार ने किसान नेता राकेश टिकैत से पूछा कि पूरे किसान आंदोलन में आप को क्या खास चीज खास दिखी। टिकैत ने जवाब दिया, हरियाणा का साथ।

देखा जाए तो टिकैत ने बहुत बड़ी बात कही है जो सच है ।

यदि राजनीति में भी देखे तो सबको हरियाणा का साथ चाहिए। कांग्रेस वालों को रणदीप सुरजेवाला चाहिए, दीपेंद्र हुड्डा चाहिए, समाजवादियों को संजय लाठर चाहिए ।ऐसे ही भारतीय जनता पार्टी को मतलब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूपेंद्र यादव चाहिए। जो हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं। जो कभी 2013 में रेवाड़ी में हुई सैनिक रैली में नरेंद्र मोदी के साथ आकर मिले थे। उसके बाद से वे उनके विश्वस्त सहयोगी के रूप में देखे जा रहे हैं।

भूपेंद्र यादव अभी केंद्र में मंत्री हैं। उनको लेकर अब यह आम राय बन रही है कि वह भारतीय जनता पार्टी के संकटमोचक के रूप में भी देखे जा रहे हैं। इस समय उनकी जरूरत कई जगह महसूस की जा रही है और वे और भी बड़े बनने जा रहे हैं ।खबर है कि उन्हें जेपी नड्डा की जगह भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।और यदि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह चिंता भी सताने लगेगी कि कहीं केजरीवाल अब भविष्य में गुजरात का रुख न कर ले और भाजपा के अस्तित्व पर, उसकी लोकप्रियता पर उसके जनाधार पर उत्तर प्रदेश में भी सवाल खड़े न हो जाए तो फिर डैमेज कंट्रोल के लिए गृहमंत्री अमित शाह को गुजरात में मुख्यमंत्री बनाकर भेजना पड़ सकता है।

गुजरात की स्थिति यह है कि आज वहां पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री हैं।ऐसे में केंद्र सरकार में अमित शाह की जगह एक ही आदमी ले सकता है वह भी हरियाणा का है उसका नाम है भूपेंदर यादव। यह जो हम आपको बता रहे हैं यह कोरी कल्पना नहीं है । इस मामले में पॉलिटिकल एक्सरसाइज भी हो रही बताई गई हैं ।सच्चाई यह है कि अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जितने विश्वस्त हैं उतने ही विश्वस्त जांचे परखे भूपेंद्र यादव भी हैं।

यही नहीं एक संभावना और भी बन रही है ।वह आज नहीं बन पाई तो कल बन सकती है ।

वह है भूपेंद्र यादव को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाए जाने की । अहीरवाल से मतलब दक्षिणी हरियाणा से राव इंद्रजीत सिंह के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं अब धूमिल होती जा रही हैं। कृष्ण पाल गुर्जर को प्रदेश अध्यक्ष बनने का एक मौका दिया गया था परंतु वे दो नावों में पैर रखने के चक्कर में चूक गए ।

अब ऐसी स्थिति बन रही है कि भाजपा दक्षिणी हरियाणा से नया मुख्यमंत्री बनाकर अहीरवाल, फरीदाबाद, पलवल, मेवात जिलो के साथ जीटी रोड बेल्ट को जोड़कर इस कैलकुलेशन पर आ रही है कि किसी खास वोट बैंक और खास ब्लॉक्स पर फोकस करके हरियाणा में फिर सरकार बनाई जा सकती है। लोकसभा के चुनाव हरियाणा विधानसभा के चुनाव से पहले होना भी हरियाणा के मामले में भाजपा के पहले भी काम आया है आगे भी आ सकता है। भाजपा आलाकमान किसी भी प्रदेश में चुनाव से साल दो साल पहले मुख्यमंत्री बदलने का काम अमूमन करती रहती है ।ऐसा हरियाणा में भी हुआ तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। मनोहर लाल खट्टर को करनाल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने का विकल्प विद्यमान है।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि हरियाणा में भाजपा मुख्यमंत्री के रूप में किसी जाट को कभी प्रोजेक्ट नहीं करेंगी। प्रदेश अध्यक्ष जाट के रूप में ओमप्रकाश धनखड़ का समायोजन भी उस समय हुआ था जब जाट बेल्ट में मतलब बरोदा में उप चुनाव होना था ।अब धनखड़ अध्यक्ष जरूर है परंतु राज में उनकी हिस्सेदारी कितनी और किस तरह की है सब जानते हैं।

मनोहर लाल खट्टर ने भाजपा के अपने सभी विरोधियों को किनारे लगा रखा है। ऐसे में मुख्यमंत्री बदला तो पार्टी में भी एक बैलेंस देखने को मिलेगा ।ऐसा माना जा रहा है कि इस मामले में ,ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर की पहचान वाले नेता भूपेंद्र यादव उपयुक्त उम्मीदवार के रूप में देखे जा रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो फिर प्रदेश और देश में हरियाणा का महत्व और बढ़ जाएगा।

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