-कमलेश भारतीय यह कमाल की राजनीति है या राजनीतिक कलाबाजी है कि अभी पंजाब विधानसभा के परिणाम घोषित भी नहीं हुए और प्रत्याशियों को छिपाने की खबरें आने लगीं । पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के प्रवक्ता प्रीतपाल सिंह ने यह रहस्योद्घाटन किया है कि कांग्रेस के प्रत्याशियों को परिवार समेत न केवल राजस्थान बल्कि छत्तीसगढ़ में रखा जा रहा है । इन दोनों राज्यों में कांग्रेस ही सत्ता में है । इसी प्रकार आप पार्टी के प्रत्याशियों को दार्जिलिंग की सैर पर भेजा गया है । वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आप का सहयोग कर रही हैं । चुनाव परिणाम के पूर्वानुमान यह बता रहे हैं कि पंजाब में किसी भी पार्टी को अकेले दम पर सरकार बनाने लायक बहुमत नहीं मिलने जा रहा जिसके चलते जोड़ तोड़ के पूरे आसार हैं । और अमित शाह को तो थोड़ा सा मौका मिलना चाहिए । बाकी सरकार भाजपा की बना के दिखा देंगे । क्या क्या कमाल नहीं दिखा चुके -गोवा , मणिपुर , मध्य प्रदेश , उत्तराखंड और कर्नाटक में । राजस्थान में मुकाबला कर गये अशोक गहलोत । महाराष्ट्र में मात दे गये शरद पवार । कसर तो वहां भी न छोड़ते चाणक्य । हालांकि पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने इन अफवाहों को नकारते कहा कि यदि इतना पता है तो राजस्थान के रिसोर्ट का नाम भी बता दें । राजस्थान का तो पता नहीं लेकिन मानेसर का रिसोर्ट खूब चर्चा में छाया रहा था जब राजस्थान के कांग्रेसी विधायक वहां रखे गये थे और खुद हमारे खट्टर काका उनकी आवभगत में पूरी रूचि ले रहे थे । यह राजनीतिक उठा पटक बहुत बढ़ती जा रही है । अब तो चुनाव परिणाम से पूर्व ही यह खेल शुरू हो गया है । यानी फ्री पैकेज टूर सबको परिवार सहित । वाह । यह है राजनीति की नयी तस्वीर । कांग्रेस ने तो पश्चिमी बंगाल में बांड भी भरवाये थे प्रत्याशियों से तो अब पंजाब में राहुल गांधी ने कसमें भी दिलाई हैं । पर उपकार फिल्म का गाना है : कसमें वादे प्यार वफा सबबातें हैं बातों का क्या ,,कोई किसी का नहीं ,,,ये झूठे वादे हैं वादों का क्या ,,,, सचमुच अब राजनीति में कौन किसका है और किसका नहीं यह पता ही नहीं चलता । अब देखिए न कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह कांग्रेस को अलविदा कह चुके लेकिन अभी महारानी प्रणीत कौर कांग्रेस से बाहर क्यों नहीं हुईं ? बाहर करने की भी हिम्मत नहीं रही कांग्रेस हाईकमान में । फिर काहे की कसमें और वादे ? सट्टे का बाजार गर्म है कि पंजाब में सरकार किसकी बनेगी ? राजनीतिक पंडित भी न केवल पंजाब बल्कि उत्तर प्रदेश की सरकारों के बारे में कोई भविष्यवाणी करते संकोच कर रहे हैं । न उत्तर प्रदेश का कुछ कह सकते न ही पंजाब का । अधर में है सब कुछ । फिर कांग्रेस के अंदर कम घमासान है ? सिद्धू क्या गुल खिला दें , कोई नहीं बता सकता । इस तरह राजनीतिक सर्कस शुरू हो गयी है और कौन किधर उछल कूद करता दिखाई दे , कोई नहीं भांप सकता लेकिन यह राजनीतिक गिरावट बढ़ती जा रही है । बहुत दुखद ।-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation मन प्राण से जुड़ा हूं नाटक से : श्याम कुमार उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव-2022….. दूसरा चरण, पहले चरण के ट्रेंड का ही विस्तार है दूसरा चरण