खाने का सामान लेने व करेंसी बदलने बाहर निकला था नवीन भारत सारथी बेंगलुरु, मार्च 01। यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के छठें दिन एक भारतीय छात्र की रूसी आक्रमण में मौत हो गई है। मारे युवक की पहचान कर्नाटक के रहने वाले 21 वर्षीय नवीन शेखरप्पा के रूप में हुई है। नवीन की मौत खारकीव में हुई है। युद्धक्षेत्र में अपने बेटे को खोने के बाद शेखरप्पा के पिता ने आरोप लगाया है कि खारकीव में जितने भी भारतीय छात्र अभी फंसे हुए हैं, उनके पास भारतीय दूतावास से ना तो कोई अधिकारी पहुंचा है और ना ही दूतावास की ओर से कोई मदद पहुंची है। खाने का इंतजाम करने बाहर निकला था नवीनइंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, नवीन के पिता ने बताया है कि उनके बेटे की रूसी गोलीबारी में उस वक्त मौत हो गई, जब वो दवा खरीदने के लिए घर से बाहर निकला था। वहीं नवीन के चाचा ने बताया है कि उनका भतीजा एक बंकर में ठहरा हुआ था, वो वहां से कुछ खाने का इंतजाम और करेंसी बदलने के लिए बाहर निकला था, तभी रूसी गोलीबारी में उसकी मौत हो गई। भारतीय झंडा लगाने की दी थी सलाहआपको बता दें कि नवीन से उसके परिवार की आखिरी बातचीत आज ही हुई थी। आखिरी वीडियो कॉल में परिवार ने नवीन से कहा था कि वो जहां ठहरा है, उस बिल्डिंग के बाहर भारतीय तिरंगा लगा ले। परिवार ने बताया कि यह विचार केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सुझाया था। पीयूष गोयल ने स्पष्ट रूप से कहा था कि रूस और यूक्रेन ने भारतीय छात्रों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। पीयूष गोयल से नवीन के परिवार की फोन पर बात भी हुई थी। मेडिकल कोर्स की पढ़ाई कर रहा था नवीनरिपोर्ट के मुताबिक, नवीन के पिता ज्ञानगौदर ने शिकायत की है कि भारतीय दूतावास से कोई भी खारकीव में फंसे भारतीय छात्रों तक नहीं पहुंचा है। नवीन के परिवार के सदस्यों ने बताया कि नवीन खारकीव में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था और अभी उसकी पढ़ाई का चौथा साल चल रहा था। नवीन के चाचा ने बताया कि उनके भतीजे के साथ बंकर में कर्नाटक के अन्य कई लोग मौजूद थे। मंगलवार को जब परिवार का नवीन से संपर्क हुआ तो उसने बताया कि बंकर में खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं है, इसलिए वो कुछ इंतजाम करने के लिए बाहर जा रहा है। नवीन के घर छाया मातमआपको बता दें कि यूक्रेन में नवीन की मौत की खबर जैसे ही कर्नाटक में उसके घर तक पहुंची तो शोक में डूबे परिवार को सांत्वना देने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ वहां इकट्ठा हो गई। रिश्तेदारों के साथ-साथ आसपास के जिलों से भी लोग नवीन के परिवार को मिलने के लिए पहुंचे। मुख्यमंत्री ने की परिवार से बातनवीन की मौत पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दुख प्रकट किया है और उन्होंने परिवार से बात भी की है। मुख्यमंत्री ने परिवार को ये आश्वासन दिया है कि उनके बेटे के पार्थिव शरीर को भारत लाने का हर संभव प्रयास करेंगे। इसके लिए वो लगातार विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के संपर्क में हैं। Post navigation मंदर-बंदर-डंगर और किसान आंदोलन के मुद्दे वाला चुनाव उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव-2022… चुनाव का श्रीगणेश – पहला चरण