शिक्षण संस्थानों के रखरखाव के लिए इंजीनियरिंग विंग बनाने पर विचार

विदेशों की मांग अनुसार युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण

चंडीगढ़, 23 फरवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि  नई शिक्षा नीति के तहत सरकार का मुख्य ध्येय कम लागत में बेहतर शिक्षा मुहैया करवाना और सभी शिक्षण संस्थाओं में अच्छी गुणवत्ता का इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना है।

मुख्यमंत्री आज स्कूली शिक्षा, उच्चतर शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास को लेकर बजट पूर्व परामर्श बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री कवंर पाल भी मौजूद रहे।    

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति वर्ष 2025 तक लागू करनी है और सरकार व्यक्तित्व विकास के साथ- साथ संस्कृति उत्थान को लेकर भी कार्य कर रही है। इसलिए कक्षा तीसरी से पोस्ट ग्रेजुएशन तक शिक्षा पर विशेष बल देते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि कक्षा 9वीं से 12वी तक कौशल विकास का विषय अनिवार्य रूप लागू किया जाएगा ताकि प्रदेश के युवा स्वरोजगार एवं रोजगारपरक शिक्षा ग्रहण कर सकें। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी सत्र से 10वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को टेबलेट देने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करने में कारगर होगा। उन्होंने कहा कि स्कूल एवं  कालेज स्तर पर ऐच्छिक कोष बनाने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि इन शिक्षण संस्थाओं में आवश्यकतानुसार कुछ समय के लिए मैनपावर को लगाया जा सके। इसके अलावा इन संस्थानों के रखरखाव के लिए  इंजीनियरिंग विंग बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों का सर्वागींण विकास करने के लिए निजी स्कूलों के साथ एमओयू किया जाएगा। इससे सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने 5वीं एवं 8वीं कक्षाओं की बोर्ड की परीक्षाएं नहीं लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए विद्यार्थियों का बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य नहीं है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विदेशों की मांग अनुसार युवाओं को व्यवसाय प्रशिक्षण के लिए चिह्नित करें। इसके साथ ही विदेशी भाषा में प्रशिक्षण भी उपलब्ध करवानें के लिए कार्य करें। इससे विदेशों में भी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढेंगे।

मुख्यमंत्री ने स्कूली शिक्षा, उच्चतर शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में कार्य कर रहे निजी एवं सरकारी संस्थानों के प्रबुद्व प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुझाव लिए। उन्होंने कहा कि वे अपने सुझाव लिखित में भी भेज सकते हैं। अच्छे सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा। 

बैठक में एसीएस श्री टीवीएसएन प्रसाद, डॉ. महावीर सिंह, आनंद मोहन शरण, प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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