जालन्धर — पँजाब चुनाव 2022 जो कि कोविड 19 व जाली वोटो को लेकर अपने सख्त नियमों से राजनैतिक दलों द्वारा किये गये प्रचार पर अपनी पैनी नजर के कारण कामयाब साबित हुई । लेकिन 20 फरवरी चुनाव की वोटिंग के दौरान वोट डालने आये वोटर की पहचान किये बिना वोट डालते रहे और अधिकारी तमाशबीन बन यह मंजर देखते रहे । यह बात अंतरराष्ट्रीय मानवधिकार परिषद खेल विभाग की राष्ट्रीय अध्यक्षा आरती राजपूत ने प्रेसविज्ञप्ति जारी करते हुए कही ।

उन्होंने कहा कि जब उनकी टीम ने पोलिंग बूथों का सर्वे किया तो उन्होंने देखा कि कोविड 19 के कारण सभी वोटरों ने मास्क लगा रखा था । और जब वो वोटर वोट डालने अंदर जा रहे रहे थे तो उनका सिर्फ आधार कार्ड और वोटर कार्ड चेक कर अंदर जाने दिया जा रहा था । मास्क लगा हुआ होने के कारण उनकी पहचान नही हो पा रही थी कि जो आधार कार्ड व वोटर कार्ड उसी वोटर का है जो वोट डालने आया है । जब वहां मौजूद अधिकारियों से इस विषय पर बातचीत की गई तो वो अधिकारी जवाब देने की बजाय इधर उधर भागते रहे है । जब इस विषय पर प्रशासन व वरिष्ठ चुनाव अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उनको इस विषय मे कोई जानकारी नही हैं ।

आरती राजपूत ने कहा कि इस प्रकार से की गई लापरवाही प्रशासन व चुनाव आयोग पर प्रशन चिन्ह लगाती है । यह बात वोट डालने आये वोटरों के अधिकारों का हनन है । इस प्रकार से की गई लापरवाही किसी भी प्रकार से विश्व मानवधिकार परिषद बर्दाश्त नही करेगा और परिषद इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ कारवाई करवाने के लिये माननीय राष्ट्रपति व चुनाव आयोग के उच्च अधिकारियों को पत्र लिख मांग करेगा ।

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