-कमलेश भारतीय

देश के रक्षामंत्री व उत्तर प्रदेश के कभी मुख्यमंत्री रहे राजनाथ सिंह ने संवाद कार्यक्रम में कहा कि हमें सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि समाज बनाने के लिए सियसत करनी चाहिए । बहुत शुभ शुभ बोल हैं राजनाथ जी के । वे यह भी दावा कर रहे हैं कि भाजपा ने जो वादे किये वे पूरे किये और बताया कि अब गुंडे जेल में हैं , सपा के राज की तरह सत्ता में नहीं हैं । सपा सिर्फ तुष्टीकरण, धर्म और जाति की राजनीति कर रही है ।

आइए राजनाथ सिंह जी की बातों पर कुछ विचार करते हैं । सियासत की बजाय समाज बनाने की बात बहुत खूबसूरत सपने की तरह है पर यह राजनीति को कभी रास नहीं आता । राजनीति में सिर्फ एक दूसरे को गिराने और नीचा दिखाने की प्रवृति बढ़ती जा रही है । चुनाव के दौरान वीडियोज और कैसेट ऐसे ऐसे आते हैं जिनसे समाज की भयावह तस्वीर सामने आती है । अभी आज ही मध्य प्रदेश के भाजपा विधायक जालम सिंह के खिलाफ उनकी बहू ऑडियो वायरल कर कह रही है कि उनका विधायक आवास अय्याशी का अड्डा बना हुआ है । और उनके पतिदेव की अलग अलग गर्लफ्रेंड्स के साथ फोटोज हैं और वे जब भी इस बंगले पर आते हैं तो नयी से नयी लड़की, शराब और नशे का सामान होता है । यह है एक दृश्य । दूसरा दृश्य पंजाब में जहां नवजोत सिद्धू की चचेरी बहन ने आरोप लगाये कि शेरी यानी सिद्धू ने हम पर जमीन हड़पने के लिए क्या क्या नहीं किया । शेरी का जवाब है कि यह सब राजनीतिक साजिश है । अभी पंजाब चुनाव के समय मुख्यमंत्री चन्नी के भतीजे पर ईडी का छापा , गिरफ्तारी और आरोप हैं । यह कैसी राजनीति और कैसा समाज बना रहे हैं हम ?

राजनाथ जी , केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी को अभी तक मंत्रिमंडल में क्यों रखा गया है ? क्या वे किसानों के लिए कोई बड़ा काम कर रहे थे ? उनके बेटे पर इल्जाम है कि कार चढ़ाकर चार किसानों को मार डाला । यह किस समाज में हुआ ? आपके विधायक कुलदीप सेंगर पर एक लड़की से रेप ही नहीं बल्कि उसके परिवार पर जुल्मों का इल्जाम रहा और जेल काट रहे हैं । आखिर तक भाजपा से निकाले नहीं गये । जब जेल गये तब निकालने की घोषणा हुई । क्या कल्याण किया था कुलदीप सेंगर ने ? ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक पर ईडी के छापे में क्या निकला ? सियासत थी या समाज बना रहे थे ? अब चन्नी के भतीजे की बारी है । सिद्धू की बारी है ।

सपा ने तुष्टिकरण की राजनीति की , धर्म और जाति का उपयोग किया तो क्या वह सत्ता में रह पाई ? लोगों ने सत्ता से बाहर कर दिया कि नहीं ? अब उसी परिवार की बहू अपर्णा यादव भाजपा में है । दलबदल सियासत बनाती है या समाज ? मौर्य दलबदल करते हैं तो पुराने केस को निकाल लाते हो ? नवजोत सिद्धू का भी पुराना केस निकल आया है । यह कैसी सियासत है ? यह तो बदले की सियासत है साफ साफ । इधर आ जाओ कोई कुछ नहीं कहेगा तब ठीक है । जैसे गंगा में डुबकी लगाने के बाद सारे पाप धुल जाते हैं , वैसे ही भाजपा में शामिल होने के बाद सब आरोप खत्म कैसे हो जाते हैं ? यह सियासत है या कोई नया समाज बनाने की कोशिश ? जाति पर आधारित राजनीति भी कौन सी पार्टी नहीं करती ? टिकट ही अनेक जगह जाति पर आधारित दिये जाते हैं । पंजाब में आज तक दूसरा कोई हिंदू मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया । सुनील जाखड़ कैप्टन अमरेंद्र सिंह के बाद मुख्यमंत्री बनते बनते इसीलिए रह गये । कितने कितने उदाहरण हैं । दलित की राजनीति कौन नहीं खेल रहा ? क्यों अकाली दल भी एक उपमुख्यमंत्री इसी समाज से बनाने का वादा क्यों कर रहा है ?

बहुत सुंदर बात कही लेकिन इस बात पर अमल यानी व्यवहारिक काम कौन करेगा ?

सियासत की गंगा को कौन शुद्ध करने आगे आयेगा ? बहुत मैली हो गयी राजनीति की गंगा ।
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

error: Content is protected !!