आधुनिक युग में डिजिटलीकरण देश के सतत विकास के लिए किए जाने वाले हर कार्य के लिए अनिवार्य है। इसलिए भविष्य में डिजिटल रूप का बहुआयामी होना समय की आवश्यकता भी होगी। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं की योजनाओं को डिजिटल रूप देने से सुशासन को और मजबूत किया जा सकता है।

आज देश बहुत तेजी से सूचना प्रौद्योगिकी को अपना रहा है, जिससे पारदर्शिता के साथ विकास की गति को तेज होगी।
केंद्रीय बजट 2022-23 में डिजिटलीकरण  के उपयोग को बढ़ाने पर फोकस किया गया है। कौशलता व आजीविका के लिए डिजिटल इकोसिस्टम (DESH&Stack e&portal)  शुरू होने जा रहा है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से कौशलता के साथ-साथ सशक्त बनाना है। देश में ‘ड्रोन शक्ति’ और ड्रोन-ए-ए-सर्विस (DrAAS) की सुविधा के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग से स्टार्टअप्स शुरू करने के नए मार्ग प्रस्सत होंगे।

वित्तीय क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग को एक कदम आगे बढ़ाते हुए, नयी डिजिटल मुद्रा सुरक्षित लेनदेन और व्यापारिक गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रभावी रूप देने के लिए डिजिटलीकरण के तहत पीएम ई-विद्या कार्यक्रम से वन क्लास-वन टीवी चैनल कार्यक्रम को 200 टीवी चैनलों तक जोड़ा जाएगा। वर्चुअल लैब और स्किलिंग ई-लैब की स्थापना भी कौशल और लर्निंग वातावरण को बढ़ावा देने में कारगर सिद्ध होगी। डिजिटल  के माध्यम से वितरित की जाने वाली उच्च गुणवत्ता वाली ई-सामग्री बनाने की पहल शिक्षण कक्ष में नये आयाम जोड़ेगी।

विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा के लिए,  डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रावधान राष्ट्रीय शिक्षा नीति को नवीनतम आधुनिक शिक्षा से जोड़ने में महत्वपूर्ण कदम है। ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और हाइपर ऑटोमेशन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों की भूमिका सर्विस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण होने जा रही है। इन प्रौद्योगिकियों से सर्विस के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

अभी से ही विश्वविद्यालय भी छात्रों को सर्वोत्तम सीखने का अनुभव प्रदान करने के लिए नई तकनीकों का तेजी से उपयोग करने लगे हैं। मैक्रो स्तर पर, प्रौद्योगिकी पहले से ही राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ई-पासपोर्ट से एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) – एक प्रौद्योगिकी संचालित वितरण प्रणाली जो देश भर में खाद्य सुरक्षा को सुलभ बनाती है। प्रौद्योगिकी का बढ़ता उपयोग आम लोगों को सशक्त बना रहा है।

कोविड -19 के दौरान, हमने अस्पतालों और डॉक्टरों द्वारा ऑनलाइन रोगियों की देखभाल में प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग को बेहतर महसूस किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा कल्पना की गई है कि स्वास्थ्य प्रणाली को सुचारू करने में डिजिटलीकरण बहुत लाभकारी सिद्ध हो रहा है। इसी तरह, राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं की सार्वभौमिक वास्तविकता सिद्ध करेगा। कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क भारत के टीकाकरण अभियान की रीढ़ है।

हरियाणा सरकार द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयोग काफी व्यापक है। प्रदेश लगभग हर विभाग के कामकाज में ई-गवर्नेंस को फोकस कर पेपरलेस गवर्नेंस की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ऑटो अपील सॉफ्टवेयर (एएएस), अंत्योदय सरल पोर्टल, सीएम विंडो पोर्टल, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना, और परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) कुछ ऐसी पहल हैं जो हरियाणा सरकार की प्रशासनिक प्रणाली में डिजिटल रूप को दर्शाती हैं। परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) एक अनूठी पहल है, जिसके माध्यम से परिवार सभी सरकारी योजनाओं को घर बैठे लाभ ले सकते हैं।

डिजिटलीकरण न केवल सेवाओं और कल्याणकारी योजनाओं के लाभ को पारदर्शी रूप दे रहा है बल्कि सिस्टम की खामियों को तेजी से दूर करने और वंचित लोगों तक सरकार के कार्यक्रमों व योजनाओं से लाभान्वित करने में मददगार साबित हो रहा है।

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