वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र,5 फरवरी :- डॉ. बी.वी. रमणा रेड्डी ने आज यानी सरस्वती माता की पूजा करने एवं आशीर्वाद लेने के बाद एनआईटी कुरुक्षेत्र के नए निदेशक के रूप में पदभार संभाला। डॉ. रेड्डी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (USICT), गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहे हैं। वह जीजीएसआईपी विश्वविद्यालय के केंद्रीकृत कैरियर मार्गदर्शन और प्लेसमेंट सेल (सीसीजीपीसी) और विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक जीजीएसआईपीयू एनएसएस सेल के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत रहे हैं। उनकी दक्षत्ता एवं रूचि का क्षेत्र, कंप्यूटर संचार नेटवर्क, ऑप्टिकल और माइक्रोवेव डिवाइसस, मोबाइल कंप्यूटिंग, आई. ओ. टी. और वी. एल. एस. आई. रहा है। आईसीटी के प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में प्रशासनिक कौशल के साथ-साथ एक शिक्षक और शोधकर्ता दोनों के रूप में उनके पास एक उत्कृष्ट अकादमिक ट्रैक रिकॉर्ड है और वे पिछले 33 वर्षों से अधिक समय से सेवायें दे रहे हैं। इससे पहले उन्होंने डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूएसईटी) के रूप में विभिन्न पदों पर कार्य किया। यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (USICT) के डीन, डीन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग (USAP), यूनिवर्सिटी इंफॉर्मेशन रिसोर्स सेंटर (UIRC) के अध्यक्ष और लाइब्रेरियन के रूप में और NIT कुरुक्षेत्र एवं NIT हमीरपुर में फैकल्टी के रूप में राष्ट्रीय संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वे मुख्य वार्डन छात्रावास की भूमिका में भी कार्यरत रहे हैं। उनके वर्तमान अनुसंधान हितों में वायरलेस संचार शामिल है जिसमें मोबाइल, एडहॉक और सेंसर आधारित नेटवर्क, कंप्यूटर संचार नेटवर्क, सेमीकंडक्टर और वी.एल.एस.आई. सर्किट और माइक्रोवेव और ऑप्टिकल संचार शामिल हैं। उनके नाम अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय पत्रिकाओं और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में 110 से अधिक प्रकाशन हैं। उन्होंने तेरह (13) पीएचडी से अधिक गाइड किये और वर्तमान में चार (4) विद्वानों को पीएचडी करवा रहे हैं। इसके अलावा, वह IETE, IE, ISTE के फेलो और IEEE, CSI और SEMCEI जैसे अन्य पेशेवर निकायों के सदस्य हैं। वह एआईसीटीई, यूजीसी, एनएएसी, टीईक्यूआईपी और एनआईसी द्वारा गठित विभिन्न समितियों में सक्रिय सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने सिंगापुर और चीन में स्थित विदेशी विश्वविद्यालयों का दौरा किया एवं वर्तमान में वे राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे (एनएसक्यूएफ) के अनुरूप शैक्षिक सुधारों और मूल्य आधारित शिक्षा में सक्रिय रूप से भाग ले रहे है और देश में व्यावसायिक शिक्षा में योगदान करते हुए वे अगली पीढ़ी के बच्चों के समग्र विकास और विकास में दृढ़ता से विश्वास रखते है, और वे समाज को जहां पृथ्वी पर रहने वाली प्रत्येक प्रजाति सौहार्दपूर्वक रहती है (वासुदेव कुटुम्बकम) के रूप में देखते हैं । इसके अलावा वे दृढ़ता से विश्वास करते हैं कि वे अपने विषयों की आंखों में पुरस्कार की चमक मान्यता के रूप में देखी जा सकती हैं। Post navigation कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर निःशुल्क कैंप का आयोजन। हवन यज्ञ और मंत्रोच्चारण के बीच अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का समापन