-कमलेश भारतीय

अब सवाल उठता है कि क्या नवजोत सिद्धू इसे हजम कर पायेंगे ? मुख्यमंत्री बनने के लिए जिस शख्स ने कांग्रेस में इतने उलटफेर करवाये और फिर भी प्रदर्शनी घोड़ा बन कर रह गये सिद्धू । अब आप पार्टी में भी जाने का मौका को चुके हैं क्योंकि आप पार्टी पहले ही आम राय से भगवंत मान पर दांव लगा चुकी है । भाजपा में भी इनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकेगी क्योंकि वहां पहले से ही पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह बैठे हैं । वहां भी नो एंट्री है सिद्धू के लिए । अब स्थिति यह हो गयी कि सिद्धू जाएं तो जाएं कहां ?

कांग्रेस ने आजकल कसम दिलानी शुरू कल रखी है । राहुल गांधी अमृतसर में भी शपथ दिले कर गये हैं कि दो तो बन नहीं सकते । एक हो बनेगा और दूसरा उसकी मदद करेगा लेकिन यह शपथ कोई असर दिखायेगी? सिद्धू के स्वभाव को देखकर ऐसा लगता नहीं कि वे इसे इतनी आसानी से पचा जायेंगे । कैप्टन अमरेंद्र सिंह सही कहते हैं कि सिद्धू अस्थिर स्वभाव वाला व्यक्ति है और यह कब क्या फैसला करे , कह।नहीं सकते । अब गेंद सिद्धू के पाले मे है और चन्नी को यदि मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित न करते तो एक बड़ा वर्ग चन्नी को प्रदर्शनी घोड़ा बनाये जाने का आरोप लगाता । इस वर्ग की नाराजगी सहने की हिम्मत कांग्रेस में बची नहीं । एक को तो प्रदर्शनी घोड़ा बनना ही था और यह सिद्धू की किस्मत में लिखा था । अब किधर जायेंगे सिद्धू जी ? बड़बोलेपन ने मार दिया । चन्नी पर हावी होने और अपने पंजाब की खुद ही तस्वीर खींचने , बिना हाईकमान से सलाह किये प्रत्याशी घोषित करने के चलते हाईकमान को लगा कि यदि सिद्धू को अब न रोका तो बाद में रोकना मुश्किल हो जायेगा तो प्रदर्शनी घोड़े पर लगाम लगा ही दी ।
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

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