खेतों में खड़े पानी की निकासी और दोबारा इस्तेमाल के लिए 221 करोड़ रुपये की योजनाहरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 53वीं बैठक सम्पन्न चंडीगढ़, 24 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि इस वर्ष बरसात के पानी को दोबारा उपयोग में लाने के लिए ज्यादा योजनाओं के क्रियान्वन पर जोर दिया गया है। इससे बाढ़ की स्थिति से निपटने के साथ-साथ ग्राउंड वाटर रिजार्जिंग व सूखे क्षेत्रों में इस पानी का सदुपयोग किया जा सकेगा। इसके लिए सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड के तहत 320 नई योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसके तहत लगभग 494 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। मुख्यमंत्री सोमवार को हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 53वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला व कृषि मंत्री श्री जेपी दलाल भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले सालों में मई महीने के दौरान बाढ़ नियंत्रण एवं सूखा राहत बोर्ड की बैठक होती थी। वर्तमान सरकार ने इस बैठक को साल में जनवरी व मई महीने में दो बार करने का निर्णय लिया है, ताकि मई महीने के दौरान किए गए कार्यों की वर्षा से पहले समीक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि खेतों में खड़े पानी की निकासी व उसके दोबारा उपयोग के लिए 221 करोड़ रुपये की योजनाएं तैयार की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा पिछले वर्ष क्रियान्वित योजनाओं का फायदा यमुना क्षेत्र में अब देखने को मिला है। पहली बार बारिश के दिनों में यमुना के क्षेत्र में बाढ़ का पानी नहीं भरा। उन्होंने कहा कि जल भराव से फसलों में नुकसान होने से भिवानी, रोहतक, झज्जर, हिसार व सोनीपत जैसे जिलों में 650 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है। इसे ध्यान में रखते हुए अब जिन क्षेत्रों में हर वर्ष जल भराव की समस्या रहती है, उन क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से योजना बनाई जा रही हैं। इसके अलावा अम्बाला व बरवाला शहर को जलभराव से मुक्त करने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग की 45 करोड़ रुपये की दो परियोजनाओं को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। 1 लाख एकड़ भूमि से की जाएगी वाटर लॉगिंग की समस्या खत्ममुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष 1 लाख एकड़ भूमि से वाटर लॉगिंग की समस्या खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए प्रभावित किसानों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। किसानों को केवल 20 प्रतिशत खर्च की राशि देनी होगी, शेष 80 प्रतिशत राशि सरकार द्वारा खर्च की जाएगी। 1 लाख एकड़ भूमि से वाटर लॉगिंग खत्म होने के बाद भविष्य में पूरे प्रदेश की जमीन को वाटर लॉगिंग से मुक्त किया जाएगा। प्रदेशभर के तालाबों में करवाई जाएगी खुदाईमुख्यमंत्री ने कहा कि तालाबों के लगातार पानी से भरे रहने के कारण पानी की रिचार्जिंग कम हो जाती है। ऐसे में तालाबों को साल में एक बार पूरी तरह खाली करवाना चाहिए और उसकी खुदाई भी करवानी चाहिए। इसके लिए पंचायत विभाग द्वारा बड़ी योजना तैयार की जा रही है, जिसके तहत तालाबों को एक बार खाली करने और उनकी मिट्टी निकालने का कार्य किया जाएगा। तालाब साफ होंगे तो पानी की रिचार्जिंग भी होगी और वर्षा होने पर गांवों में जल भराव की समस्या भी नहीं पैदा होगी। पानी के पुनः उपयोग के लिए खर्च होंगे सबसे अधिक 144 करोड़मुख्यमंत्री ने कहा कि 53वीं बैठक में अलग-अलग श्रेणी के लिए करीब 494 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसमें बारिश के पानी के पुनः उपयोग के लिए 80 योजनाओं पर करीब 144 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ-साथ आबादी प्रोटेक्शन श्रेणी की 46 योजनाओं पर 58.92 करोड़, प्रोटेक्शन आफ एग्रीकल्चर लैंड श्रेणी में 66 योजनाओं पर 79.21 करोड़, डीवाटरिंग मशिनरी श्रेणी में 45 योजनाओं पर 32.36 करोड़ रुपये, रिक्लेमेशन आफ लैंड श्रेणी की 20 योजनाओं पर 32.77 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। इसी प्रकार अटल भूजल योजना के तहत 26 योजनाओं पर 77.05 करोड़ तथा रिकंस्ट्रक्शन, रिनोवेशन आफ स्ट्रक्चर की 37 योजनाओं पर 69.55 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राष्ट्रीय स्तर पर दिखेगी हरियाणा के खेलों की छापबैठक के बाद पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के लिए बड़ी प्रसन्नता की बात है कि 5 वर्ष के बाद हरियाणा की झांकी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होगी। सबसे विशेष बात ये है कि इस झांकी का थीम हरियाणा के खेलों पर आधारित है। ओलंपिक व पैरालंपिक खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों का बेहतर प्रदर्शन रहा है। हरियाणा खेलों का हब है, इस झांकी में यह छाप देखने को मिलेगी। बजट से पहले सांसद और विधायकों से मांगे जा रहे सुझावएक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट कुछ दिनों में पेश होने वाला है। केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा बुलाई गई प्री-बजट बैठक में उन्होंने अपने कुछ सुझाव दिए थे। प्रदेश का अधिकतर क्षेत्र एनसीआर में होने के कारण 5 हजार करोड़ रुपये उन्हें दिए जाने की मांग की है। इसके साथ-साथ हरियाणा में बजट की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सांसदों व विधायकों से सुझाव मांगे जा रहे हैं। इन सुझावों को हरियाणा की प्री-बजट बैठक में शामिल किया जाएगा। इस बैठक में मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी, एसीएस श्री पीके दास, एसीएस श्री टीवीएसएन प्रसाद, प्रधान सचिव श्री अपूर्व कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल मौजूद रहे। इनके साथ-साथ एसीएस श्री देवेंद्र सिंह, श्री अमित झा, मंडलायुक्त व सभी जिलों के उपायुक्त वर्चुअली बैठक से जुड़े। Post navigation भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की किसानों के लिए मुआवजे की मांग मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, करनाल के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण