गुरूग्राम, 23 जनवरी, 2022. – आज दिनांक 23 जनवरी ,2022 युवा संगठन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन(AIDYO) और भवन निर्माण कारीगर मजदूर यूनियन ने संयुक्त रुप से नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वी जयंती को राजकीय उच्च विद्यालय भीमगढ़ खेड़ी अशोक विहार फेस 2 में मनाया गया. जिसकी अध्यक्षता कामरेड बलवान सिंह जिलाध्यक्ष ने की संचालन संगठन के सचिव राजेश कुमार ने किया. स्मृति सभा को संबोधित करते हुए कामरेड सरवन कुमार ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्रबोस साम्प्रदायिक राजनीति के सख्त खिलाफ थे, हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात को निकम्मे दिमागों की उपज बताया था । नेताजी के सपने को पूरा करने के संकल्प को दोहराया।

युवा नेता वजीर सिंह ने बताया कि नेताजी सुभाष सभी के प्रेरणास्रोत हैं। 1947 में देश को अंग्रेजों से आजादी तो मिली लेकिन शोषण से मुक्ति का नेताजी का सपना पूरा नहीं हुआ। नेताजी ने समाजवादी क्रांति की जरूरत महसूस की थी। अध्यक्ष बलवान सिंह ने कहां की नेताजी सुभाष साम्प्रदायिक व समझौतावादी राजनीति के सख्त खिलाफ थे। आज आज़ादी के 74 साल बाद भी स्वतंत्रता सेनानिनियों और मनीषियों का सपना पूरा नहीं हुआ है। शिक्षा महंगी हो चुकी है। शिक्षा का निजीकरण-व्यापारीकरण करके इसे बाजार को बिकाऊ माल बनाया जा रहा है। युवाओं को शराब व नशे की लत में फंसाया जा रहा है। इससे अपराध बढ़ रहे हैं और महिलाओं के जीवन व इज्जत-आबरू पर हमले हो रहे हैं। देश के मेहनतकश लोग घोर गरीबी, तंगहाली,  कर्ज, शोषण-जुल्म में पिस रहे हैं। लोग भूखे मर रहे हैं। बेरोजगारी चरम पर है। वोट बैंक की राजनीति करने वाली पूंजीवादी पार्टियों व पूंजीपतियों की राजनैतिक प्रबंधन सरकारों के पास लोगों को देने के लिए अच्छा कुछ भी नहीं है । उन्हें डर है कि मेहनतकश जनता पर बढ़ते हमलों से कहीं जनउभार के हालात पैदा न हो जाएं। इसलिए स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही चाहे कांग्रेस हो, या बीजेपी, उन्होंने मेहनतकश जनता की एकता व भाईचारे को तोड़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। जनजीवन के असली मुद्दों से छात्र-नौजवानों सहित आम लोगों का ध्यान हटाने की जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं। धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्र आदि के नाम पर लोगों में फूट डाली जा रही है, उन्हें आपस में लड़ाया जा रहा है। लोगों के दिमाग में कट्टरपन व साम्प्रदायिकता का जहर घोला जा रहा है। धर्मोन्माद और एक खास धर्म के लोगों के प्रति नफरत फैलाई जा रही है।

राजेश कुमार गोस्वामी व विजेंद्र सिंह ने सास्कृतिक प्रस्तुतियां पेश की.
सरकार की जनविरोधी गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को देशद्रोही का तमगा देकर बेरहमी से दमन किया जा रहा है। विरोध की आवाज का गला घोंटा जा रहा है। फिर भी छात्र हर अन्याय-अत्याचार का डटकर विरोध कर रहे हैं। अगर आज नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जिन्दा होते तो देश के मौजूदा अन्याय-अत्याचार को चुपचाप बर्दाश्त नहीं करते। आज नेताजी सुभाष के जीवन संघर्ष से सीख लेकर उनके अधूरे सपने को साकार करने की शपथ लेने का दिन है। शिक्षा व लोकतंत्र पर हो रहे हमले समेत महंगाई, बेरोजगारी , नशाखोरी, अश्लीलता, नैतिक पतन और महिलाओं पर अत्याचार जैसी तमाम ज्वलंत समस्याओं के खिलाफ छात्र-युवाओं को लामबंद करें, उन्हें उच्च नीति-नैतिकता के आधार पर जागरूक करें और पूंजीवाद-विरोधी दिशा में जोरदार आंदोलन खड़ा करें ताकि शासक पूंजीपति वर्ग की इस साजिश को नाकाम किया जा सके । यही उनके प्रति सही व सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इस कार्यक्रम में अशोक विहार आर डबल्यू ए के प्रधान देवेंद्र नारा, कॉमरेड बलवान सिंह, सरवन कुमार, वजीर सिंह,के अलावा सामाजिक कार्यकर्त्ता इन्दरपाल सल्ले, रामकुमार, राजेश मान,विजेन्दर कुमार, कमल कांत, कृष्ण कुमार, हेमराज, बिजेंदर कर्मवीर अलावा स्मृति सभा में उपस्थित सभी ने भी विचार रखे व श्रद्धांजलि दी।

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