श्री कृष्ण धाम में महारुद्र यज्ञ में बताई शिव गायत्री महिमा

श्री कृष्ण धाम में विश्व कल्याण और करोना महामारी निदान के लिए चल रहा भगवान शिव का महारुद्र यज्ञ

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरूक्षेत्र, 20 जनवरी : श्री महाभारतीय संस्कृति अनुसंधान न्यास कुरूक्षेत्र द्वारा वीरवार को कृष्णा धाम में हवनात्मक महारुद्र यज्ञ के तीसरे दिन शिव गायत्री की महिमा बताई गई।जानकारी देते हुए षड्दर्शन साधु समाज के संगठन सचिव वैद्य पंडित प्रमोद कौशिक ने बताया कि यह महारुद्र यज्ञ ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी गणेशानंद गिरी महाराज के निर्वाण महोत्सव के उपलक्ष्य में करवाया जा रहा है।

इस अनुष्ठान की अध्यक्षता कर रहे कृष्णा धाम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज ने बताया कि सृष्टि के संहारक और पालक देवाधिदेव महादेव भगवान साक्षात महाकाल हैं। इनके विभिन्न रूप भक्तों की आस्था का केन्द्र हैं। रूप कोई भी हो भगवान सभी की मनोकामना पूरी करते हैं। भगवान शिव शक्ति के आराध्य देव माने जाते हैं। गायत्री मंजरी में वर्णन मिलता है कि शिव आदियोगी हैं। योग के सभी भेदों का गूढ़ ज्ञान शिव को प्राप्त है। शिव के साथ शक्ति का प्रादुर्भाव होता है। इसलिए शिव और शक्ति सदैव साथ रहते हैं। पृथ्वी की प्रथम एवं सबसे बड़ी शक्ति गायत्री माता हैं। गायत्री को महाकाली भी कहा गया है। शिव गायत्री योग आत्मा की उन्नति के लिए परम आवश्यक है। गायत्री मंत्र शिव की आराधना शक्ति है। शिव के साथ गायत्री का जाप सरल और शुभफलदायी है।

कार्यक्रम में यज्ञाचार्य रामकैलाश शुक्ला, आचार्य दीपक उपाध्याय, रवि त्रिपाठी, माणिक लाल पांडे ने अनुष्ठान के मुख्य यजमान करनाल के समाज सेवी नरसिंह गोयल, सुभाष चंद जांगड़ा और ओमी लाल, सुभाष पाली सहित अन्य यजमानों से हवन में आहुतियां डलवाई। इस मौके पर शिव नारायण, राजकुमार पांडे, नीरज मिश्रा, नील मिश्रा, नितेश शुक्ला, जितेंद्र कोठारी, राजकुमार दीक्षित, आशीष गर्ग, गौरव त्रिपाठी और आकाश शुक्ला आदि मौजूद रहे।

You May Have Missed

error: Content is protected !!