-प्रेम जनमेजय
संपादक-व्यंग्य यात्रा

कमलेश भारतीय की रचनात्मक यात्रा का लगभग आधी सदी से साक्षी हूँ। एक रचनाधर्मी यात्री के रूप में सकारात्मक सोच और सामाजिक प्रतिबद्धता की उनकी यात्रा को विभिन्न विधाओं में मैंने देखा परखा है। उनके अंदर एक बेबाक पर संवेदनशील सजग पत्रकार है जो उन्हें निरन्तर विवश करता है कि वे ऐसे शब्द रचें जो मानव समाज की बेहतरी के लिए हुए हों। लघु कथा साहित्य में उनका एक मुकाम है। पर कथ्य की मांग पर वे कहानी भी रचते हैं।

कमलेश भारतीय का कहानी संकलन,”यह आम रास्ता नहीं है’ जो मुझे समर्पित भी है, मैंने पूरा पढा है और उनकी कहानी कला को बहुत समीप से जाना है। कमलेश भारतीय की कहानियों में जहां आधुनिकता है , वहीं गांव की पगडंडियों पर चलते हुए मां और मिट्टी जैसे संदेश भी । आज दुख इस बात का है कि बिना चिंतन मनन के लिखा जा रहा है इसलिए काफी उथला लेखन सामने आ रहा है । कमलेश भारतीय विसंगतियों को उजागर करने में भी सक्षम हैं । उनके पास व्यंग्य की प्रखर दृष्टि है जो हमारे समय की विसंगतियों को प्रत्यक्ष करती है। इस दृष्टि से ‘अपडेट ‘ !और ‘अगला शिकार’ कहानियां मेरी पसंदीदा कहानियां हैं।

मेरी शुभकामनाएं हैं कि कमलेश भारतीय की सक्रिय लेखनी निरन्तर उनके अनुभवों को शब्दबद्ध कर , हिंदी कहानी को समृद्ध करती रहे।

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