हरियाणा के पत्रकार जगत द्वारा दिवंगत पत्रकार कमाल खान जी व विनोद दुआ जी को दी गई श्रद्धांजलि

राज्य स्तरीय पत्रकार वेबीनार में दिवंगत पत्रकार कमाल खान व श्री विनोद दुआ के लिए दो मिनट का मौन रख कर व्यक्त की अपनी भाव-भीनी श्रधांजली

झज्जर रोहतक :- सोनू धनखड़

जुम वेबीनार के माध्यम से आज पत्रकारिता के क्षेत्र में दिग्गज रहे व हाल ही में दिवंगत हुए पत्रकारों को भावभीनी श्रद्धांजलि व्यक्त की गई। जिसमें लखनऊ से वरिष्ठ पत्रकार सौरभ शर्मा जो कि कमाल खान के साथी भी रहे हैं उन्होंने विशेष तौर पर शिरकत की व दिवंगत पत्रकार कमाल खान के व्यक्तित्व को लेकर यादें सांझा की। सौरभ शर्मा ने उनकी जिंदगी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिस दौर में पत्रकारिता को ग्लैमर से जोड़ कर देखा जाता है उस दौर में कमाल खान पत्रकारिता के आयामों व मूल्यों पर अपनी पत्रकारिता करते रहे। उन्होंने ईमानदारी व बगैर दबाव की पत्रकारिता को जिंदा रखा। वे खबरों के पीछे न भागकर मुद्दा आधारित पत्रकारिता करते नजर आए। उन्होंने एक तस्वीर पर खबर करते हुए अपने शब्दों से कैमरे के सामने उकेरा जो काबिले तारीफ है।

हरियाणा के रोहतक से वरिष्ठ पत्रकार सतसिंह नें इस मिटिंग का संचालन किया व दोनों वरिष्ठ पत्रकारों के जाने को पत्रकारिता जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति बताया और कहा पत्रकार जगत के लिए आदर्श के रूप दोनों छत्रप से नई पीढी को उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए।

हरियाणा के जीन्द से प्रिंट और टीवी पत्रकार विजेंद्र कुमार ने कमाल खान विनोद दुआ जी को अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए उन्हें पत्रकारिता का अलंकार बताया साथ ही उन्होंने इस तरह ऐसे में उनके चले जाने को लेकर चिंता भी व्यक्त की, उन्होंनें तमाम साथी पत्रकारों के स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहने व पत्रकारिता क्षेत्र के साथियों के स्वस्थ रहने को लेकर भी चिंता जताई तथा सभी को इसे गंभीरता से लेकर त्वरित उपायों की भी ताकिद की। उन्होंने बताया कि अकेले जीन्द में चार पत्रकारों को दिल की बीमारी ने घेर रखा है जिनमे से एक भगवान को प्यारे हो चुके है। इसलिए अब जिला स्तर पर पत्रकारों को स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

राज्य स्तरीय पत्रकार वेबीनार में दिवंगत पत्रकार कमाल खान व श्री विनोद दुआ को श्रधांजली व्यक्त करनें के लिए दो मिनट का मौन रखा गया, वहीं उनकी आदर्श पत्रकारिता द्वारा बताए रास्ते पर चलनें का संकल्प भी व्यक्त किया गया

चंडीगढ से पत्रकार रामचंद्र लठवाल नें कमाल खान को श्रधांजली व्यक्त करते हुए बताया की सबसे पहले बचपन में जैसा भी नसीब होता है स्कूली पाठ्यक्रम ही मिलता है, जैसा की हम सभी को मिला है, जिसमें बहुत सारी जानकारी के साथ हम अपना बौधिक विकास का सफर शुरु करते हैं कुछ विषय या सवालों पर सहज सहमत होते और कुछ विषयों पर कम या ज्यादा अंतर्विरोधों के साथ यह सिलसिला आगे निरंतर आगे बढता रहता है। हमारे समय में कबीर जी के दोहे भी तीसरी चौथी क्लास से नसीब हो जाते थे बाकी सब बातों के अलावा उनमें सम्माहित सच का असर था या कुछ और कारण, कभी भी किसी तरह का अंतर्विरोध पनप ही नहीं पाता था। जानें कैसी शैली और उच्चतम अवस्था की रचना थी चाहे एक लाईन पढी जाए या पुरा पद्यांश क्या मजाल है दिल तक ना जाए या अंदर तक सहमती ना बनें। मेरे लिए तो कबीर जी के दोहे से थे कमाल खान। राम मंदिर पर रिपोर्टिंग करते हुए ऐसे ही निर्विरोध होकर दिल में बस गए और जब तक सांस चलेगी कायम रहेंगें। उसी प्रेम से जैसे कबीर जी बसते हैं । कमाल खान जैसे लोग कभी जा ही नहीं सकते वो सदा जिंदा रहते हैं उनके हुनर से उनके मानवीय प्रेम से, उनके उच्च विचारों से, मेरे लिए कमाल खान मेरे दिल और जहन में सदा जिंदा रहेंगे।

चंडीगढ व हरियाणा के दीपेंद्र देशवाल, सुनील राविश व कई पत्रकारों नें इस श्रद्धांजलि सभा में भाग लेकर अपनें विचार रखे

कमाल की पत्रकारिता में एक बेमिसाल विशालता, विराटता थी। उनकी सहज अभिव्यक्ती का गुण जो उनके व्यक्तित्व को विराट बनाते हुए, उनके साथ आम आदमी को भी जोङती थी।

जो अक्सर ही रह-रहकर कबीर, राम-रहीम तक सहज ही चली जाती थी जो जनमानस पटल पर ही नहीं दिलों तक भी गहरा असर करती थी। गंगा जमुनी तहजीब का सच्चा परोकार थे कमाल खान ।

अब उनके शारिरीक रुप से चले जानें के बाद एक विचार चल रहा है की कमाल खान की पत्रकारिता को संस्थानों में पढाया जाए।

कमाल खान का अंदाज तो देखिए जिस तहजीब, नफासत और अदब के साथ सर्वसमाज को जोङते हुए अपनी बात को कहते थे, वह उनका ही कमाल है,जो बेमिसाल है बाकमाल है। उन माता पिता को नतमस्तक सलाम, जिन्होने ऐसे नायाब सुसंस्कारित लाल को जन्म दिया , ईश्वर से प्रार्थना करता हुं उस परिवार को सब्र संतोष व यह आघात सहन करनें की क्षमता प्रदान करें

मीटिंग के अंत में सभी पत्रकारों द्वारा दिवंगत कमाल खान व श्री विनोद दुआ जी के अतुलनीय योगदान को याद करते हुए उन्हें तहेदिल से अपनी श्रद्धांजलि समर्पित की.

इस मौके पर राजेश कुंडू वजिन्दर सिंह, रामचन्द्र लठवाल, जगबीर घनघस, राहुल चौहान, दीपेंद्र देशवाल, सुनील रवीश, कमल सैनी, इंद्रवेश दुहन, अनिल कुमार, सन्नी मग्गू, परमजीत पवांर आदि मौजूद रहे।

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