पटौदी और हेलीमंडी सरकारी अस्पताल के सभी डॉक्टर रहे सामुहिक छुट्टी पर.
मंगलवार को एक भी ओपीडी कार्ड नहीं बना, रोगियों को हुई परेशानी

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
एचसीएमएस एसोसिएशन के आह्वान पर पटौदी सामान्य नागरिक अस्पताल और हेलीमंडी में भगवान महावीर सामान्य अस्पताल के डॉक्टर अपनी मांगों के समर्थन में सामुहिक अवकाश लेकर प्रतिकात्मक हड़ताल पर रहे । मंगलवार को एक प्रकार से सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों के द्वारा हड़ताल ही की गई । पटौदी सामान्य नागरिक अस्पताल में सभी 11 डॉक्टर एचसीएमएस एसोसिएशन के आह्वान पर अपनी अपनी मांगों के समर्थन में अवकाश लेकर प्रतीकात्मक हड़ताल पर रहे।

जानकारी के मुताबिक सामान्य दिनों में पटौदी नागरिक अस्पताल में औसतन तीन से चार सौ के बीच में विभिन्न विशेषज्ञ डॉक्टरों से उपचार के लिए पीड़ित रोगी पहुंचते हैं । लेकिन मंगलवार को हड़ताल की वजह से ओपीडी काउंटर भी पूरी तरह से सुना ही रहा । सूत्रों के मुताबिक एकमात्र महिला रोग विशेषज्ञ डा ज्योति डबास के द्वारा ही महिला रोगियों की जांच और उपचार किया गया। मंगलवार की  इस हड़ताल के विषय में पटौदी नागरिक सामान्य अस्पताल के ही वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक सबसे महत्वपूर्ण मांग एचसीएमएस एसोसिएशन की यह है कि विशेषज्ञ डॉक्टरों का कैडर बिल्कुल अलग से बनाया जाए, यह व्यवस्था नहीं किए जाने की वजह से विशेषज्ञ डॉक्टरों को अपने कार्यकाल के दौरान मिलने वाले विभिन्न प्रकार के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है ।

इसी कड़ी में बताया गया है कि एच एम ओ के लिए सीधे साक्षात्कार करके नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए। इसका खामियाजा भी अन्य बहुत से अनेक डॉक्टरों को भुगतना पड़ रहा है । इसी कड़ी में एक और मांग जो बताई गई वह एसीपी है, जिसके तहत डॉक्टरों को प्रमोशन नहीं देकर पांच 10 और 15 वर्ष के अंतराल पर केवल मात्र वेतनमान में ही वृद्धि की जा रही है। जबकि दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों में ऐसा नहीं हो रहा । एसोसिएशन की मांग है कि एसीपी को 9, 4 13 और 20 वर्ष किया जाए । इसी प्रकार से सरकारी स्वास्थ्य सेवा में आने वाले डॉक्टरों के लिए देहात के क्षेत्र में कार्य करने की जो शर्त लागू की गई है , उसका भी सरलीकरण किया जाए । इन्हीं सब मुद्दों को लेकर पटौदी और हेली मंडी सरकारी अस्पताल के विभिन्न डॉक्टर अवकाश लेकर प्रतीकात्मक हड़ताल पर रहे ।

दूसरी ओर समाचार लिखे जाने तक हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के द्वारा एस्मा लागू कर दिया गया। जिसके तहत आगामी 6 माह तक सरकारी स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत डॉ अब हड़ताल नहीं कर सकेंगे। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के मुताबिक एस्मा लागू करने का कारण कोरोना महामारी की रोकथाम में बाधा डालने के लिए डॉक्टरों के एक समूह के द्वारा हड़ताल किया जाना मुख्य कारण बताया गया है। दूसरी ओर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के द्वारा एससीएमएस एसोसिएशन के द्वारा उठाई गई मांगों में से कई महत्वपूर्ण मांगों पर अपनी मुहर लगाते हुए स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है । इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि विशेषज्ञ डॉक्टरों का कैडर अलग से बनाया जाएगा । सीएम मनोहर लाल खट्टर की इस घोषणा का सरकारी सेवा में कार्यरत डॉक्टरों के द्वारा स्वागत करते हुए डॉक्टरों के हित में ही ठहराया गया है  । कुल मिलाकर मंगलवार को ओपीडी पूरी तरह से बंद रहने के कारण अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले रोगी उस समय परेशान होकर वापस लौटने के लिए मजबूर हो गए, जब यह पता लगा कि डॉक्टर अपनी मांगों के समर्थन में सामुहिक अवकाश लेकर प्रतीकात्मक रूप से हड़ताल पर ही हैं।

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