भगवान श्री देवनारायण के “यश कीर्ति से जग उद्धार संभव,
षड्दर्शन साधु समाज द्वारा किया मुख्य अतिथियों का स्वागत

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र :- राष्ट्र के प्रमुख शिक्षाविद,गणितज्ञ एवं समाजिक पुरोधा डा. जय सिंह गुज्जर जी ने विष्णु अवतार श्री देवनारायण धर्म ग्रंथ का विमोचन करते हुए कहा कि भगवान श्री देवनारायण का अवतरण जग उत्थान और मानवता के लिए परम सत्ता की विशिष्ट और आध्यात्मिक शक्ति है। उन्होंने कहा कि अवतरण काल के तत्कालीन समय में संक्रमण काल चरम पर था। तब श्री भगवान देवनारायण ने अपने जीवन काल को मानवीय हित में सौदेश्य बनाते हुए , प्रेरणा प्रदान की।

कुरुक्षेत्र की श्री परशुराम कॉलोनी स्थित भगवान देवनारायण मंदिर के प्रांगण में आयोजित विमोचन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि डॉक्टर जयसिंह गुर्जर जी की उपस्थिति रही। उन्होंने भगवान देवनारायण के लोग जीवन के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर धर्म ग्रंथ की लेखिका डॉक्टर संजीव कुमारी, राकेश छोकर उपस्थित रहे। उन्होंने भी धर्म ग्रंथ विष्णु अवतार श्री देवनारायण पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने पुस्तक के सृजन और भगवान देवनारायण की शौर्य गाथा और प्रेरणा पर विस्तार से चर्चा की। इस धर्म ग्रंथ का सृजन राजस्थान के नागौर के प्रसिद्ध भोपा सुखाराम गुज्जर के असीम सहयोग से प्रसिद्ध लेखिका डॉक्टर संजीव कुमारी, राकेश छोकर व शिखा कुमारी ने संयुक्त रूप से किया है । इस धर्म ग्रंथ में भगवान देवनारायण के अवतरण काल पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। यह धर्म ग्रंथ इसलिए भी विशेष है कि इसमें पहली बार फड़ चित्रों के साथ हिंदी में अवतरण का वर्णन किया गया है।

विमोचन समारोह में मुख्यत षड्दर्शन साधु समाज के संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक द्वारा विमोचन समारोह के अतिथियों का भगवा वस्त्र धर्मपट्टी द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य उपस्थिति बनवारी लाल बटार, अनिल गुर्जर बड़सी, परमीत बटार, दुष्यंत छोकर, सानवी, अरविंद चौहान, जीवन मोदगिल, कांशीराम, सत्यपाल, गुरदीप, रणवीर कौर, देवी दत्त पांडे आदि की विशेष उपस्थिति रही। विदित हो कि विष्णु अवतार श्री भगवान देवनारायण प्रमुखता राजस्थान और मध्य प्रदेश के क्षेत्रों में लोक देवता के रूप में प्रतिष्ठित हैं। मानवीयता, पर्यावरण उद्धार, पशुपालन और सामाजिक समरसता पर भगवान श्री देवनारायण की प्रेरणीय ऊर्जा जगत को मिली । बगड़ावतों की शौर्य गाथा से लेकर भगवान देवनारायण का जन्म काल और फिर मानवता और जग उत्थान में उनके अनेकों सांसारिक कर्म इस संसार को पुनीत कर गए । भगवान देवनारायण का पूरा अवतरण काल धर्म ग्रंथ में उद्योग किया गया है।

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