धर्मशाला की 875 वर्गगज भूमि पर कई सालों से कब्जा जमाए बैठे लोगों पर गिरेगी गाज
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की शिकायत पर हाई कोर्ट ने दिए थे प्रॉपर्टी जांच के आदेश
 तहसीलदार की पैमाइश रिपोर्ट में अंचल अस्पताल भवन में 603 वर्गगज भूमि पर कब्जा दर्शाया

भिवानी, 28 दिसंबर। दिनोद गेट स्थित खानदान कालोकिया धर्मशाला की भूमि पर कई सालों से कब्जा जमाए बैठे लोगों की अब नींद उड़ गई हैं, क्योंकि राजस्व विभाग के बाद अब नगर परिषद ने भी धर्मशाला की भूमि पर अवैध कब्जा मान लिया है और अवैध कब्जे को खाली कराने के लिए नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने भिवानी एसडीएम कोर्ट में अपील की है। इससे पहले भिवानी तहसील कार्यालय द्वारा कराई गई भूमि की फिजिकल वैरिफिकेशन(पैमाइश) में कालोकिया धर्मशाला की भूमि पर 875 वर्गगज जगह पर कुछ लोगों का अवैध कब्जा दर्शाया गया है। जिसमें दिनोद गेट स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम का भवन भी अवैध कब्जे के दायरे में आ गया है। अंचल अस्पताल भवन निर्माण में धर्मशाला की 603 वर्गगज से अधिक भूमि पर अवैध कब्जा सरकारी रिकार्ड में सामने आया है। अस्पताल के साथ ही कुछ अन्य लोग भी इस अवैध कब्जे के दायरे में आ गए हैं। जिन पर अब गाज गिरनी तय है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिसमें अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम भवन निर्माण में धर्मशाला की सौ साल से अधिक पुरानी जगह पर कब्जा किए जाने का आरोप लगाया था। हाई कोर्ट ने संगठन की याचिका पर सरकार को इस प्रॉपर्टी की जांच कर इसके मालिक का पता लगाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद संबंधित अधिकारियों में खलबली मची और नगर परिषद अधिकारियों ने इस भूमि का शामलात भूमि माना और इस पर अवैध रूप से बने अंचल नर्सिंग होम को खाली कराने व निर्माण हटाने के लिए भिवानी एसडीएम कोर्ट में अपील कर दी। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने एसडीएम कोर्ट में की अपील के अंदर स्पष्ट तौर पर कहा है कि अंचल नर्सिंग होम धर्मशाला की भूमि पर बना हैं, जिसे कब्जा व निर्माण हटवाकर खाली कराने के लिए कई बार नोटिस भी दिया गया, लेकिन फिर भी अवैध कब्जा व निर्माण नहीं हटा रहा है। इसीलिए भिवानी एसडीएम कोर्ट की शरण ली गई है। 

तहसीलदार की पैमाइश में ये हैं धर्मशाला की भूमि पर कब्जाधारी

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि संगठन की ओर से भिवानी तहसीलदार के समक्ष धर्मशाला की कुल भूमि की पैमाइश कराए जाने की मांग की थी। जिस पर भिवानी तहसीलदार ने सेवानिवृत्त गिरदावर व पटवारी की एक कमेटी का गठन किया। इस कमेटी द्वारा धर्मशाला भूमि की डीजीपीएस मशीन की सहायता से पैमाइश कराई गई। जिसके बाद कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार खानदान कालोकिया धर्मशाला की भूमि पर रवि पुत्र श्रीभगवान ने 111 वर्ग गज भूमि पर अवैध कब्जा दर्शाया है। जबकि राजेंद्र प्रजापति ने 24 वर्गगज भूमि कब्जाई हुई है। अंचल नर्सिंग होम भवन बनाने के लिए 603 वर्गगज धर्मशाला की भूमि पर अवैध कब्जा सामने आया है।  बिरजू देवसरिया 137 वर्गगज पर अवैध कब्जा किया हुआ है। इस तरह ये सभी कब्जाधारी धर्मशाला की कुल 875 वर्गगज भूमि पर कई सालों से अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं। जिन्हें अब खाली कराने की कवायद शुरू हो चुकी है। राजस्व विभाग की पैमाइश की संगठन ने प्रमाणित रिपोर्ट भी तहसील कार्यालय से प्राप्त कर ली है। 

ऐसे किया फर्जी

वाड़ाबृजपाल सिंह परमार ने बताया कि असियान पाना की कालोकिया धर्मशाला की भूमि पर अवैध कब्जा जमाने वालों ने धोखाधड़ी से 22 सितंबर 1997 में रजिस्ट्री कराई थी। पवन अंचल और उसकी पत्नी सरिता अंचल के नाम से साजबाज होकर अंचल बंधुओं ने रजिस्ट्री कराई थी। इसमें 400 वर्गगज की रजिस्ट्री पवन अंचल व 27 वर्गगज की रजिस्ट्री पत्नी सरिता अंचल के नाम से कराई गई थी। जबकि 1860  से लेकर 2000 तक राजस्व विभाग व नगर परिषद रिकार्ड में ये भूमि धर्मशाला के नाम से चली आ रही है। मगर नगर परिषद अधिकारियों से साजबाज होकर 2001 में इसकी फर्जीवाड़ा कर अलग अलग यूनिट बना दी और इनमें फर्जी असेसमेंट के आधार पर 10 से 12 रजिस्ट्रियां भी धोखाधड़ी से करा दी गई। 16 जून 2014 को सरिता अंचल ने अपने नाम रजिस्ट्री आंखों में धूल झोंकने के लिए अपने पति पवन अंचल के नाम करा दी। फिर 16 जून 2014 को ही 400 वर्गगज की रजिस्ट्री पवन अंचल ने अपने भाई विनोद अंचल के नाम ब्लड गू्रप में करा दी। 2015 में 250 वर्गगज की रजिस्ट्री धर्मशाला को हथियाने के लिए फर्जी तरीके से कराई गई। धर्मशाला की जगह पर अवैध कब्जा करते हुए 2017 में अधिकारियों से मिलीभगत कर शोरूम का नक्शा पास कराया और फिर शोरूम के नक्शे पर ही अवैध रूप से अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम का अवैध भवन की बुनियाद खड़ी कर डाली। अंचल नर्सिंग होम की अस्पताल के नाम से किसी भी संबंधित विभाग से भी कोई एनओसी नहीं ली गई। भिवानी नगर परिषद की भवन ऊंचाई की अनुमति 48 फूट की है, जबकि अवैध रूप से अंचल नर्सिंग होम की ऊंचाई 66 फूट तक गलत तरीके से बढ़ाई गई है। सरकार को चूना लगाते हुए लोगों को गुमराह कर आंखों में धूल झेंकने के लिए कई बार ये रजिस्ट्री ब्लड ग्रूप में ही एक दूसरे के नाम होती रही। जिससे ये साबित किया जा सके कि ये जमीन कई बार बिक चुकी है। जबकि राजस्व विभाग के रिकार्ड में आज भी ये खसरा नंबर 504 धर्मशाला कालोकिया खानदान आसियान पाना के नाम से दर्ज है। 

आयुषमान योजना में भी फर्जीवाड़ा

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि अंचल नर्सिंग होम संचालक डॉ विनोद अंचल व डॉ अनिता अंचल ने स्वास्थ्य अधिकारियों से मिलीभगत कर गलत तरीके से आयुषमान भारत योजना का भी पैनल हथिया लिया। जबकि अस्पताल के नाम से कोई भी संबंधित विभाग की एनओसी तक नहीं ली गई। जिस मामले में संगठन ने हाई कोर्ट में याचिका डाल फर्जीवाड़ा से जुड़े तथ्य रखे और इस पर कार्रवाई की मांग की। हाई कोर्ट ने संगठन की याचिका पर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को आदेश देते हुए एक माह के अंदर पूरे प्रकरण की जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए। इसी प्रकरण में अब मुख्य सचिव हरियाणा सरकार द्वारा सीईओ आयुषमान भारत को कार्रवाई करने की सिफारिश भेज दी है। 

भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारी डॉ अंचल के बचाव में उतरे

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि जिला प्रशासन व संबंधित विभागों के भ्रष्टाचार में डूबे कुछ अधिकारी अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम के संचालक डॉ विनोद अंचल व डॉ अनिता अंचल के बचाव में उतरे हैं। ये अधिकारी न केवल मामले को घुमाने में जुटे रहे, बल्कि पूरे प्रकरण को ही दबाने की भी नाकाम कोशिशें की गई, मगर संगठन की इच्छा शक्ति और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अब इन अधिकारियों ने भी घुटने टेक दिए। ये अधिकारी अब अस्पताल व उसके संचालकों को बचाने की बजाए खुद की खाल बचाने में जुटे हैं। क्योंकि संगठन ने कोर्ट की अवमानना मामले में इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी शिकंजा कस दिया। बृजपाल सिंह ने यह भी बताया कि हाई कोर्ट ने 2020 में अंचल नर्सिंग होम की अवैध भवन संबंधी मामले में हरियाणा म्यूनिसिपल एक्ट 1973 की धारा 208 व 208ए के तहत कार्रवाई के आदेश दिए थे। लेकिन जिला नगर आयुक्त कम एडीसी राहुल नरवाल द्वारा अस्पताल संचालक को बचाने के लिए नियमों को ताक पर रखकर अनुचित लाभ पहुंचाने का प्रयास किया। बृजपाल सिंह परमार ने आरोप लगाया कि धर्मशाला की भूमि पर अवैध भवन का निर्माण हो जाने के बाद अब इस भवन का अवैध निर्माण मानते हुए इसे खाली कराने के लिए भिवानी एसडीएम कोर्ट की शरण में गई है। नगर परिषद अधिकारी जब निर्माण शुरू हुआ था तब इस मामले में हाथ पर हाथ धरे आंख मूंदे बैठे रहे।

जिन अधिकारियों की भूमिका होगी उजागर, उन पर संगठन कराएगा कार्रवाई

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि धर्मशाला की भूमि पर अवैध कब्जाधारियों को काबिज कराने व नियमों को ताक पर रखकर अनुचित लाभ पहुंचाने का कुप्रयास करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों की भूमिका उजागर होने के बाद संगठन उनके खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई कराएगा। इसके लिए संगठन काफी तथ्य भी अधिकारियों के खिलाफ जुटा चुका है। जिन्हें माननीय हाई कोर्ट में रखा जाएगा और ऐसे अधिकारियों की सेवा समाप्ति की भी मांग की जाएगी। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव हरियाणा सरकार को स्पष्ट आदेश दिए हुए हैं कि हरियाणा के अंदर कहीं भी शामलात भूमि, देह भूमि व पंचायती भूमि, कॉमन लैंड पर अवैध कब्जा है तो ऐसे कब्जाधारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कराए जाएं।

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