आरटीआई खुलासा:प्रदेश में भृष्टाचार पर लगाम कसने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में भृष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ बनाने की सीएम घोषणा से सरकार मुकरी ।
-इंटरनेशनल एंटी करप्शन डे पर 2 वर्ष पूर्व भव्य समारोह में सीएम खट्टर ने की थी घोषणा ।

चंडीगढ़ 23 दिसम्बर – सीएम मनोहर लाल खट्टर द्वारा प्रदेश में बढ़ते भृष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सीएम ऑफिस में भृष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ बनाने की घोषणा से प्रदेश सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है ।सीएम खट्टर ने यह घोषणा 2 वर्ष पूर्व 9 दिसम्बर 2019 को अंतर्राष्ट्रीय भृष्टाचार निरोधक दिवस पर प्रदेश सरकार द्वारा पंचकूला में आयोजित भव्य समारोह में मंच से की थी ।इस घोषणा के बड़े बड़े विज्ञापन भी मीडिया में छपवाए थे ।

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने यह खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने इस सीएम घोषणा की स्थिति जानने के लिए गत 24 नवम्बर को सीएम सचिवालय में आरटीआई लगाई थी ।सीएम सचिवालय के जन सूचना अधिकारी एवं अधीक्षक ने 14 दिसम्बर के पत्र द्वारा बताया कि सीएम द्वारा की गई ऐसी कोई भी घोषणा कार्यालय रिकॉर्ड में ही नहीं है । कपूर ने इस जवाब पर हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने इस भव्य समारोह पर लाखों रुपये खर्च किये थे । मीडिया में इन सीएम घोषणाओं के बड़े बड़े विज्ञापन प्रकाशित करवा कर वाह वाही लूटी थी । जिस पर जनता पर लगे टैक्सों के लाखों रुपये फूंकें थे ।

कपूर ने बताया कि इसी सवाल पर 2 वर्ष पहले उनकी आरटीआई के जवाब में चीफ सेक्रेटरी विजिलेंस डिपार्टमेंट के जन सूचना अधिकारी दिनेश शर्मा ने अपने 22 अप्रैल 2020 के जवाब में बताया था कि प्रकोष्ठ गठन का कार्य सरकार में विचाराधीन है ।और अब सरकार साफ मुकर गई है ।

कपूर ने कहा कि इस खुलासे से स्पष्ट है कि हरियाणा सरकार भृष्टाचार को खत्म नही करना चाहती । इसीलिए आज प्रदेश में नौकरियां चौराहे पर नीलाम हो रही हैं, चारों ओर करप्शन है ।

सीएम खट्टर ने ये की थी घोषणाएं: सीएम कार्यालय में हरियाणा भृष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ बनाने का प्रावधान,जो किसी भी नागरिक द्वारा ऑडियो या वीडियो प्रमाण सहित भेजी गई हर शिकायत पर तुरन्त प्रकोष्ठ जांच करेगा। शिकायतकर्ता की जानकारी को पूर्णत: गुप्त रखा जाएगा। शिकायत सही पाए जाने पर शिकायतकर्ता को उसकी इच्छानुसार किसी सार्वजनिक स्थल पर या उसके घर पर पुरूस्कृत एवं सम्मानित किया जाएगा।

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