गांव सारसा के लोगों की आंदोलन में रही शानदार भूमिका।
700 से ज्यादा किसानों की शहादत को सलाम। प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भाग लेने वाले सभी लोगों का आभार।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र :- देश के किसान ने अपने संघर्ष और हिम्मत से ना केवल तीन काले कृषि कानून वापिस करवाए बल्कि देश को आर्थिक गुलामी से भी बचा लिया। यह शब्द हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य लक्ष्मी कान्त शर्मा ने गत सांय गांव सारसा में गांव के युवा रवि पुनिया तथा बूटा मलिक को आंदोलन के दौरान दिल्ली बॉर्डर पर स्थाई रूप से रहने के लिए सम्मानित करते हुए कहे। युवाओं को गांव में चल रहे सांग के मंच पर किसान यूनियन के पदाधिकारियों तथा गांव के गणमान्य व्यक्तिओ के बीच सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया।

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह किसान की हिम्मत और हौसला ही था जो एक साल से भी ज्यादा समय तक भयंकर गर्मी, सर्दी और बरसात की परवाह किए बिना देश का किसान बॉर्डर पर डटा रहा और एक जालिम जबर सरकार को देशहित में घुटने टेकने पर मजबूर किया। तीनों काले कृषि कानून वापिस करवाना किसान तथा आंदोलन से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े लोगों की जीत है। आर्थिक आजादी के लिए चली इस लड़ाई में 700 से ज्यादा किसानों की शहादत हुई जिन्हें पूरा देश सलाम करता है। उन्होंने कहा कि आंदोलन में सारसा की बड़ी भूमिका रही है वो चाहे बॉर्डर पर किसानों का साथ देने की बात हो, चाहे स्थानीय टोल प्लाजा की बात हो या फिर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर धरने प्रदर्शन करने की बात हो, गांव सारसा के लोग हमेशा आगे रहे और उन्हें फक्र है कि उनका जन्म इस मिट्टी में हुआ।

इस अवसर गांव के मदन लाल, भले सिंह, साहब सिंह, दीवान सिंह दाना, पाला राम, किताब सिंह, तथा किसान यूनियन के ब्लॉक प्रधान जसमेर भैंसीमाजरा ,यूनियन के प्रवक्ता प्रिंस वड़ैच, सुखविंदर मुकीमपुरा, पंजाब सिंह, सतनाम सिंह, शिव कुमार पराशर, महावीर सिंह उपस्थित रहे।

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