धर्मपाल वर्मा

चंडीगढ़ – चरखी दादरी की निर्दलीय विधायक और सांगवान खाप के मुखिया सोमवीर सांगवान ने कहा है कि सर्व जातीय सर्व खाप पंचायतें सदा से सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने अपराधों पर अंकुश लगाने असामाजिक तत्वों पर नजर रखने तथा दूसरी सामाजिक अपेक्षाओं के दृष्टिगत समय-समय पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करती आ रही हैं। इन पंचायतों ने महसूस किया है कि पिछले 7 साल में हमारे यहां कुछ ताकतों ने समाज में जाति पाती का जहर फैलाने का काम किया है। भारतवर्ष में हरियाणा में सबसे कम छुआछात है लेकिन अब जाति पति के नाम पर स्वार्थ पूरा करने वाले लोग अपने मकसद में कामयाब हो रहे हैं इसलिए के साथ‌ कुछ और सामाजिक मुद्दों को लेकर आगामी 2 जनवरी 2022 को चरखी दादरी जिले में कितनाना टोल प्लाजा पर एक सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।

इसमे मेघालय के गवर्नर महामहिम सत्यपाल सिंह मलिक मैग्सेसे अवार्ड प्राप्त राजेंद्र सिंह के अलावा सभी खापों के प्रतिनिधि के मुखिया और प्रधान बुद्धिजीवी, संत लोग, सेवानिवृत्त बड़े अधिकारी सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रवर्तक बहुत से गणमान्य लोग किसान आंदोलन से जुड़े अग्रणी लोग संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और बड़ी संख्या में अग्रणी और विचारशील लोग हिस्सा ले रहे हैं। वे चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस महापंचायत में यह प्रस्ताव पास करने की भी अपेक्षा है कि भारत सरकार संविधान में संशोधन करके वैवाहिक मामलों में एक नई व्यवस्था करें कि विवाह के मामले में लड़की की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष हो और लड़के की 21 से बढ़ाकर 25 वर्ष। सामाजिक तौर पर ऐसा इसलिए समझा जा रहा है कि इस समय परिपक्वता के बाद ही शादी करने का रुझान बढ़ रहा है और यह जरूरी भी है। बच्चे 30 30 साल की उम्र में शादी करना पसंद करने लगे हैं।

पंचायत में प्रस्ताव भी विचारणीय है कि भारत सरकार संविधान में एक और संशोधन कर हिंदू मैरिज एक्ट मे यह प्रावधान करें कि लड़का लड़की अपने माता पिता परिवार की सहमति के बिना लव मैरिज न कर सकें। शादी अंतरजातीय की जा सकती है लेकिन इसमें माता-पिता परिवार की सहमति जरूर चाहिए। मतलब लव मैरिज भी हो तो माता-पिता की सहमति से हो। क्योंकि अब यह समय की मांग इसलिए हो गई है कि अमूमन ऐसी शादियां सफल नहीं हो पा रही है ऑनर किलिंग के नाम पर हत्याएं हो रही हैं ।सख्त कानूनों के बाद भी इन्हें नहीं रोका जा सका है। बच्चों का मां-बाप और परिवार के प्रति बागी होना किसी मायने में भी उचित और उपयुक्त नहीं कहा जा सकता ।हमारी सामाजिक मान्यताएं बहुत अर्थपूर्ण और सार्थक हैं इसलिए इस व्यवस्था की जरूरत है।

इस समय हरियाणा में भी नशाखोरी बढ़ रही है दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या पर अंकुश नहीं लग पा रहा है और ऑनर किलिंग की घटनाएं भी जारी हैं। सामाजिक बुराइयों को लेकर जगह-जगह पंचायतों का आयोजन हो रहा है इसका सीधा सा अर्थ यह है कि समाज परिवर्तन चाहता है और समय रहते किसी विसंगति का समाधान या उपचार न किया जाए तो वह भयंकर रूप धारण कर लेती है ।खाप पंचायतें अपनी जिम्मेदारी और अच्छे ठीक कैसे निभाएंगी, ऐसा मानकर उपरोक्त महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।

इस महा पंचायत में किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों , आंदोलन की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाले, अलग-अलग रूप में जिम्मेदारी निभाने वाले टोल प्रमुख, बॉर्डर पर आंदोलन मे अग्रणी भूमिका निभाने वाले लोगों तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाएगा। इस महापंचायत में पूरे देश से अग्रणी नागरिक पंचायती प्रतिनिधि बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।

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