आयुष विश्वविधालय में पीजी में नौ और योग में चार नए कोर्स होंगे शुरु

कार्यकारिणी परिषद की बैठक में 31 एजेंडों पर लगी मोहर।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र :- श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में आयुर्वेद में नौ पीजी कोर्स व योगा विभाग में चार सर्टिफिकेट कोर्स जल्द ही शुरु किये जाएंगे। इसकी मंजूरी भी दे दी गई है। इसके साथ ही एमडी के विद्यार्थियों का स्टाइफंड बढ़ाने और एचआरए देने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। आयुष विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद ने इन मुद्दों पर अपनी सहमति जताई है। बुधवार को चौथी बैठक आयुष विवि के परिसर में कुलपति प्रो. डॉ. बलदेव कुमार के अध्यक्षता में हुई। कार्यकारिणी परिषद की दो घंटे चली बैठक में 31 मुद्दों पर चर्चा की गई। ईसी ने इन सभी एजेंडा पर महत्वपूर्ण निर्णय लिये।

एमडी आयुर्वेद में नौ नए कोर्स होंगे शुरू।
कार्यकारिणी परिषद ने विश्वविद्यालय में नौ पीजी कोर्स शुरू करने की स्वीकृति दी है। आयुर्वेद में 14 विभाग होते हैं जिसमें से पांच विभाग में विश्वविद्यालय एमडी पहले से करा रहा है। आयुर्वेद संहिता एवं सिद्धांत, द्रव्यगुण विज्ञान, रसशास्त्र एवं भैषज्य कल्पना, रोग निदान एवं विकृति विज्ञान, प्रसुती एवं स्त्री रोग, स्वस्थवृत, कायचिकित्सा, शालाक्य तंत्र और अगदतंत्र विषय में 02 और अन्य में पांच-पांच सीटों की मांग सरकार से की जाएगी। इसके साथ ही योग विभाग में चार नए सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किये जाने हैं। योग साइंस एक वर्ष का सर्टिफिकेट कोर्स, प्राणायाम व मेडिटेशन व योग थेरेपी में तीन महीने और व्यक्ति स्वस्थ रहे। आम व्यक्ति भी जीवन में योग करें। इसके लिए एक महीने का फाउंडेशन कोर्स शुरू किया जाएगा।

विवि के कुलसचिव नरेश कुमार ने बताया कि बैठक में एमडी के विद्यार्थियों का स्टाइफंड बढ़ाने और एचआरए देने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके साथ विद्यार्थियों की कठिनाई को दूर करने के लिए विद्यार्थी 24 घंटे के भीतर भी विलंब शुल्क के साथ परीक्षा फार्म भर सकते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा के बाद री-इवैल्युएशन फार्म भरने के लिए अंक तालिका के साथ 15 दिन का समय दिया जाता था। यदि किसी कारणवश विद्यार्थी को उसकी अंक तालिका नहीं मिलती है तो परीक्षा परिणाम की कॉपी लगाकर री-इवैल्युएशन भर सकता है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के शैक्षिक शाखा में 38 सेंक्शन प्राप्त पद हैं जिसमें 26 खाली है। उन्हें भरने के लिए अन्य राजकीय कार्यालयों से डेपूटेशन पर बुलाया जाएगा। विश्वविद्यालय में आवश्यकतानुसार सेक्शन पोस्ट के आने तक सुधार कार्य हेतु कुलपति को कॉन्ट्रैक्ट के द्वारा नियुक्त करने का अधिकार ईसी की बैठक में दिया गया है।

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