गीता महोत्सव में बड़ी-बडी बाते करने वाले भाजपाई-संघी नेता व प्रशासनिक-पुलिस अधिकारीे क्या अपने निजी जीवन में रत्तीभर भी गीता उपदेशों के अनुसार आचरण करते है? विद्रोही 15 दिसम्बर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि सरकारी पैसे से मनाया गया तीन दिवसीय गीता महोत्सव को भाजपा खट्टर सरकार ने भाजपा-संघी गीता महोत्सव में बदन दिया जिसमें विपक्ष के लिए कोई स्थान नही था। विद्रोही ने सवाल किया कि सरकारी धन फूंककर मनाये गए गीता महोत्सव को संघी महोत्सव में बदलकर वोट बैंक की राजनीति करना सत्ता दुरूपयोग का भौंडा नग्न प्रदर्शन नही तो और क्या है? गीता महोत्सव के नाम पर भाजपा-संघी नेताओं व प्रशासनिक-पुलिस अधिकारियों के भाषण करवाके गीता ज्ञान की बजाय संघी साम्प्रदायिक हिंसा की घुटी पिलाई व सरकार की उपलब्धियों का गुणगान करके एक तरह से सामाजिक कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम में बदलकर भगवान श्रीकृष्ण व गीता का अपमान ही किया गया। विपक्षी सांसदों, विधायकों, नेताओं का गरिमापूर्ण, सम्मानजनक ढंग से गीता महोत्सव में क्या नही बुलाया गया? विद्रोही ने सवाल किया कि जो मंत्री किसी दिवंगत आत्मा को श्रद्धाजंली भी ठीक ढंग से देने के काबिल नही है, ऐसे अज्ञानी लोग गीता महोत्सव में गीता का ज्ञान लोगों को पेले, इससे अधिक क्रूर मजाक और क्या है? गीता महोत्सव में बड़ी-बडी बाते करने वाले भाजपाई-संघी नेता व प्रशासनिक-पुलिस अधिकारीे क्या अपने निजी जीवन में रत्तीभर भी गीता उपदेशों के अनुसार आचरण करते है? गीता उपदेशों व भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शो के विपरित आचरण करने वाले गीता महोत्सव बहाने ज्ञान पेले, इससे अधिक अनैतिकता व गीता का कोई अपमान नही हो सकता। खट्टर सरकार पिछले सात सालों से दावा कर रही है कि गीता उपदेशों को स्कूली पाठयक्रमों में शामिल किया जायेगा लेकिन यह दावा आज तक तो पूरा नही हुआ। विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा-संघी सरकार लोगों को धर्म की अफीम चटाकर उनकी वोट बटोरने सरकारी धन को पांखड फैलाने में गवां रही है, पर पढ़ाई, रोजगार, ईलाज, नागरिक सुविधाओं जैसे मूलभूत आवश्यक आधारभूत ढांचे के लिए धन की भरपूर उपेक्षा कर रही है। Post navigation कुरुक्षेत्र गीता जयंती महोत्सव में बारहमासी रामलीला में हुआ श्री राम राज्य अभिषेक सरदार पटेल का योगदान भारत की आजदी आंदोलन व आजादी के बाद देश के निर्माण में अविस्मरणीय है