संघर्षो बलिदानों व उपलब्धियों के सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के 35 वर्ष चंडीगढ़, 14 दिसम्बर – सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के पूर्व राज्य वरिष्ठ उप प्रधान व हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया ने सर्व कर्मचारी संघ के 36 वें स्थापना दिवस की प्रदेश के समस्त कर्मचारियों को हार्दिक बधाई देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा की तर्ज पर संयुक्त कर्मचारी मोर्चा के गठन का आह्वान किया। उन्होंने कहा 14 दिसम्बर,1986 को करनाल में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का गठन हुआ। कर्मचारी नेता श्री पूनिया ने कहा सर्व कर्मचारी संघ के एतिहासिक संघर्षो-बलिदानों की उपलब्धियां हैं। कितने ही साथियों की जेले,मुकदमे, तबादले,40-45 दिन तक की आमरन अनशन,लाठीचार्ज ,व निलंबन व संस्पैंशन हैं,जिनकी बदौलत एसीपी, मैडीकल भत्ता, HRA, CEA, CCL, LTC, मैटरनिटी व पैटर्निटी लीव, बोनस, कर्मचारियों की मौत पर मुआवजा आदि भत्ते शुरू भी हुए व समय समय पर बढ़े भी हैं। सर्व कर्मचारी संघ के आंदोलन ही थे,जिन्होने 11 बार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करवाने की नीतियां बनवाई,जिनके तहत लाखो कर्मचारी पक्के हुए।बीच मेंं कितनी ही बार कच्ची भर्तियों की प्रक्रिया को रद्द करवाकर नियमित भर्ती करने के लिए सरकार को मजबूर किया है। सर्व कर्मचारी संघ ने अखिल भारतीय स्तर पर सहयोग व नेतृत्व करते हुए NPS में,20 लाख की ग्रेजयूटी,60% नकद वापसी को टेक्स फ्री करवाने व 3 बार बीच में राशि निकलवाने जैसी शर्ते मानने को सरकारों को मजबूर किया हैं। एक ही मांग-एक ही नारा जैसे संगठन तो तब अस्तित्व में भी नहीं थे। उन्होंने कहा1991 में सरकारों द्वारा सभी विभाग बेचने, कच्ची भर्ती करने जैसे तीखे हमलो के बाद भी आन्दोलन से लगातार पक्की भर्तियां ही नहीं करवाई बल्कि कच्चों को पक्का भी करवाया है,आज भी लगभग 60-65% विभाग व पक्के कर्मचारी काम कर रहे है।जबकि इसी दौर में गुजरात व MP जैसे राज्यो सहित कितने ही राज्यों में ,कितने की विभागों में एक भी पक्का कर्मचारी नहीं हैं,यहा तक कि कुछ तो विभाग ही 100% प्राईवेट करते हुए बेच दिये गये है।कर्मचारी नेता ने कहा आज भी केंद्र व राज्य सरकारें विभागों में निजीकरण की प्रक्रिया तेज करते हुए कच्ची भर्तियां कर रही हैं। NPS को रद्द कर पुरानी पैंशन अभी बहाल नहीं की हैं।अन्य बहुत से मांग मुद्दों को हल नहीं कर रहीं हैं। श्री पूनिया ने कहा आज इस स्थापना दिवस के मौके पर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा प्रदेश के तमाम कर्मचारी संगठनों से हमेशा की तरह पुनःआह्वान करता है कि आओ संयुक्त किसान मोर्चा की तर्ज पर “संयुक्त कर्मचारी मोर्चा” बनाते है। हां सयुक्तं किसान मोर्चे की तर्ज पर ही सयुक्तं कर्मचारी मोर्चा,SKM एक कड़े व निर्णायक आंदोलन के पक्के मोर्चे लगाए। जो सयुंक्त कर्मचारी मोर्चे के साथ नहीं, वह सरकार के साथ समझा जाए।जनसंख्या के अनुपात में लगभग 8 लाख नये पद स्वीकृत कर पक्की भर्ती करने,सभी विभागों को बचाने, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करवाने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करवाने, वेतन विसंगति दूर करवाने, स्थानांतरण ,पदोन्नति आदि जैसी सभी मांगे हल करवाने आदि लम्बित मांगों को लागू करवाने के लिए एकजुट निर्णायक संघर्ष समय की आवश्यकता है। Post navigation ओबीसी के प्रति संघी सरकार का इतना पूर्वाग्रह व द्वेषपूर्ण आचरण क्यों ? विद्रोही इनेलो ने शीतकालीन सत्र के लिए विधानसभा में जनहित से जुड़े ग्यारह ध्यानाकर्षण प्रस्ताव किए प्रस्तुत