किसान आन्दोलन जहां दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत रहा वहीं इससे देश के प्रजातंत्र को मज़बूती मिली और सरकारों को सीख : सुनीता वर्मा
आंदोलन को यह मुकाम 700 किसानों की शहीदी देकर मिला है। किसान न इस बात को भूलेगा और न ही हुकूमत को भूलने देगा ।

10/12/2021 :- ‘1साल 14 दिन चलने वाले आंदोलन में 700+ शहादतें हुई, बेघर होकर रहे, सरकार को मजबूर कर दिया, बस जिन लोगों ने जंगे आज़ादी को सिर्फ़ पढ़ा है उन लोगों ने इस आंदोलन से समझ लिया की 1947 से पहले कैसे हालत थे, किसानों की जीत पूरे देश की जीत है।’ उक्त बातें हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही। उन्होंने किसान आंदोलन समाप्ति पर खुशी जताते हुए कहा कि किसानों की एकता, संयम व दृढ़ संकल्प ने अहंकारी सरकार और कॉरपोरेट सत्ता को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। सरकार ने किसानों की सभी मांगे मान ली हैं। यह किसानों के सत्याग्रह की जीत है, और ये लोकतंत्र की जीत है।

वर्मा ने कहा कि किसान जीत गया और अभिमान हार गया। उन्होंने कहा कि बीज को उगाना, उसका पौधा बनाना, उसको अनाज में तब्दील करना, समय पर बारिश, धूप के अनुसार फैसले लेना..वास्तव में किसान की ये समझ, उसका ये धैर्य और उसका ये वैज्ञानिक अनुभव ही इस जीत में मददगार रहा।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि भारत का किसान आन्दोलन भविष्य में दुनिया में होने वाले आन्दोलनों के लिए प्रेरणास्रोत होगा। इस आन्दोलन से देश में प्रजातंत्र को मज़बूती मिलेगी और सरकारों को भी सीख मिलेगी।

महिला कांग्रेस प्रदेश महासचिव ने कहा कि यह पहली सरकार है जो कानून बनाने पर भी फायदे गिना रही थी और अब वापस लेने पर भी गिना रही है। उन्होंने कहा कि मोदी ने देश से तो माफी मांग ली किन्तु जिन 700 किसानों ने सरकार की हठधर्मिता के चलते अपनी जान गंवा दी उनकी जवाबदेही किसकी ?

वर्मा ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि काश! किसानों की तरह पढ़े लिखे लोग भी सड़को पर आ जाते या अंधभक्ति नही दिखाते तो न एयरपोर्ट बिकता, न रेलवे स्टेशन, न नौकरी जाती, ना निजीकरण होता।

उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि इस किसान आंदोलन की जीत का सबसे अधिक श्रेय उन किसानों को जाता है जो लौटकर घर नहीं जा पा रहे। किसानों की ये जीत सत्य की जीत है और अहंकार की हार। इस संघर्ष में शहीद किसानों को नमन करते हुए वर्मा ने कहा कि इन शहीदों की कीमत पर सरकार ने किसानों की मांगें मानी है। इनका बलिदान कभी नहीं भुलाया जाएगा।

कांग्रेस नेत्री के अनुसार किसान आंदोलन देशवासियों के लिए एक सबक भी है जो यह सिखाता है कि धर्म जाति में बंटे तो नेता तानाशाही पर उतर आएंगे और एक सूत्र में बंधे रहे, एक छप्पर, एक नाम के नीचे रहे तो बड़े बड़ो का अहंकार टूटेगा इसलिए बंटो मत, एक रहो। वर्मा के कथनानुसार किसानों ने इस सरकार के अहंकार से पीड़ित हर वर्ग में एक नया जोश प्रस्थापित किया है ।

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