एयरफोर्स स्टेशन के 100 मीटर दायरे में आने वाले मकान को राजस्व रिकार्ड में चढ़ाने की एवज में पटवारी ने मांगे थे 35 हजार
-विधायक नीरज शर्मा के मामला उठाए जाने पर एसडीएम की जांच में दोषी पटवारी को फिर उसी क्षेत्र का दे दिया था कार्यभार
अब चंड़ीगढ़ से हुए हैं सेक्शन 7 के तहत कार्यवाही के आदेश
पर पीड़ित को नहीं मिला न्याय

फरीदाबाद। राजस्व रिकार्ड दुरुस्त कराने के नाम पर पटवार घरों में खुली लूट चल रही है। भ्रष्टाचार से एकत्र अर्थ के दम पर पटवारी
सरकारी व्यवस्था में इतने प्रभावी हो गए हैं कि चंडीगढ़ से आये छोटे मोटे आदेशों की तो उन्हें परवाह ही नहीं है। इसका अंदाजा एनआइटी डबुआ कालोनी के ई ब्लाक में मकान नंबर-558 के निवासी खजान सिंह की व्यथा से लगाया जा सकता है। खजान सिंह ने बैंक ऋण लेने के लिए अपने मकान की रजिस्ट्री को राजस्व रिकार्ड में बतौर इंतकाल चढ़वाने के लिए पटवारी को दिया।खजान सिंह से पहले पटवारी के दलाल ने इस काम की एवज में दो हजार रुपये मांगे, इसके बाद यह कहकर 35 हजार रुपये मांगे कि यह एयरफोर्स के प्रतिबंधित 100 मीटर के दायरे में है।

खजान सिंह अपनी शिकायत लेकर क्षेत्र के विधायक नीरज शर्मा से मिला तो विधायक ने यह मुद्दा जिला उपायुक्त और राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के समक्ष उठाया। शिकायत पर बड़खल उपमंडल के एसडीएम की जांच बैठाई गई। तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने रिपोर्ट दी कि पटवारी ने शिकायतकर्ता के राजस्व रिकार्ड पर लाल स्याही का इस्तेमाल दुर्भावनावश किया। इसके अलावा 100 मीटर क्षेत्र में आने वाले मकानों का इंतकाल राजस्व रिकार्ड में चढ़ाया जाना है या नहीं, इस बाबत सरकार या जिला प्रशासन की तरफ से कोई आदेश नहीं हैं। शिकायतकर्ता ने अपना मकान 100 मीटर के दायरे से बाहर होने संबंधी नगर निगम के पटवारी की रिपोर्ट भी पटवारी को दे दी मगर उसका राजस्व रिकार्ड ठीक नहीं किया गया। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर जब पटवारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो विधायक नीरज शर्मा ने राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक बार फिर पत्र लिखा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्यालय से विधायक को जवाब मिला कि जिला उपायुक्त को पटवारी के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। इसके बावजूद जिला उपायुक्त ने आरोपी पटवारी को उसी पटवार घर में नियुक्त कर दिया, जिसमें रहते हुए शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। अब पटवारी के खिलाफ सेक्शन 7 के तहत कार्यवाही के आदेश चंडीगढ़ से आ गए हैं। पर क्या अधिकारियों के चहेते इस पटवारी के खिलाफ कार्यवाही होगी।

विधायक नीरज शर्मा का कहना है कि वे इस मामले को पहले जिला ग्रीवेंस कमेटी में रखवाने के लिए उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को पत्र लिख रहे हैं। इसके बाद भ्रष्टाचार के एक केस स्टडी के रूप में इसे विधानसभा में भी उठाया जाएगा।

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