-हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को हाई कोर्ट ने दिए एक माह में शिकायत निपटारे के आदेश
-अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम ने शोरूम की एनओसी दिखा आयुषमान योजना का लिया लाभ
-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हाई कोर्ट में डाली थी याचिका

भिवानी, 04 दिसंबर। शहर के दिनोद गेट स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम द्वारा शोरूम की एनओसी से आयुषमान योजना का लाभ लेने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को एक माह के अंदर शिकायत निपटारे के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हाई कोर्ट में अस्पताल संचालक के खिलाफ गलत तरीके से आयुषमान योजना का लाभ लेने के संबंध में याचिका डाली थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने ये आदेश दिया है।

 स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि दिनोद गेट स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम के संचालक डॉ. विनोद अंचल ने संबंधित विभागों से अस्पताल के नाम से एनओसी लिए बगैर ही अधिकारियों से मिलीभगत कर भारत सरकार की आयुषमान भारत योजना का लाभ ले लिया। जबकि नियम के अनुसार संबंधित विभागों से प्रोपर एनओसी के बिना इस योजना का अस्पताल लाभ नहीं ले सकता, लेकिन संबंधित अधिकारियों से सांठगांठ कर योजना का गलत तरीके से लाभ ले लिया। इस बारे में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को भी शिकायत दी थी। लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

मामले की शिकायत हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को भी शिकायत दी थी, मगर यहां पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने हाई कोर्ट में याचिका डाली। जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को एक माह के अंदर शिकायत का निपटान करने के आदेश दिए हैं।

बृजपाल सिंह ने अपनी याचिका में यह आरोप लगाया था कि अस्पताल संचालक डा. विनोद अंचल ने अस्पताल की जगह शोरूम की एनओसी लगाकर आयुषमान योजना का गलत तरीके से अधिकारियों से मिलीभगत कर लाभ ले लिया, जबकि अस्पताल के बिलकुल साथ में पेट्रोल पंप भी हैं, ऐसे में फायर विभाग की अस्पताल के नाम कोई एनओसी भी नहीं दी गई है। नियम के अनुसार पेट्रोल पंप से भी 50 मीटर दूर अस्पताल होना चाहिए।

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