इससे बड़ा सबूत और क्या होगा कि भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिकॉल आवेदन लगा कर 7 जुलाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को वापस लेने की मांग की है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने रोहतक के रियल एस्टेट डवलपर उदार गगन प्रॉपर्टीज, जिसको कांग्रेस के शासनकाल के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जमीन जारी की थी, के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जांच करने के आदेश दिए थे
कानून को धता बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिकॉल आवेदन लगा कर सिद्ध कर दिया है कि भाजपा-भाूपेंद्र हुड्डा का हो गया है गठबंधन
मनोहर लाल खट्टर ने अपने पहले शासनकाल में विधानसभा सत्र के दौरान सदन पटल पर यह घोषणा की थी कि उदार गगन भूमि रिलीज की जांच सीबीआई से करवाएंगे
एमिकस क्यूरी जयदीप गुप्ता ने अपनी दलील में साफ कहा था कि उदार गगन भूमि रिलीज मामले की जांच अदालत की विशिष्ट टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए उचित समयबद्ध जांच सीबीआई से करवाना अति आवश्यक है

चंडीगढ़, 3 दिसंबर: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा और भाजपा-गठबंधन दोनों एक दूसरे से मिले हुए हैं यह अब पूरी तरह से साफ हो गया है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ा सबूत और क्या होगा कि भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिकॉल आवेदन लगा कर 7 जुलाई, 2021 के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को वापस लेने की मांग की है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने रोहतक के रियल एस्टेट डवलपर उदार गगन प्रॉपर्टीज, जिसको कांग्रेस के शासनकाल के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जमीन रिलीज की थी, के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जांच करने के आदेश दिए थे। भाजपा सरकार द्वारा रिकॉल आवेदन लगाना सरासर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना है। लेकिन कानून को धता बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिकॉल आवेदन लगा कर सिद्ध कर दिया है कि भाजपा-भूपेंद्र हुड्डा का हो गया है गठबंधन। भूपेंद्र हुड्डा ने ऐलनाबाद उपचुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट मांगकर पहले ही साबित कर दिया था कि वो भाजपा की गोद में बैठ चुका है।

सुप्रीम कोर्ट जज के अपने आदेश में कहा था  – ‘‘विद्वान न्याय मित्र की दलीलों पर विचार करते हुए उदार गगन प्रॉपर्टीज लिमिटेड और रामेश्वर और अन्य के केस में निर्देश संख्या 33.09 से संबंधित सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए। हमें यह स्पष्ट करना चाहिए कि फैसला मामले के गुण-दोष के आधार पर घोषित किया जाएगा, जिसे सीबीआई द्वारा स्वतंत्र रूप से देखा जाएगा।  इसके अलावा, सीबीआई द्वारा इस मामले को ऊपर वर्णित रिपोर्टों और निष्कर्षों से प्रभावित हुए बिना देखा जाएगा।’’

इनेलो विधायक ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने पहले शासनकाल में विधानसभा सत्र के दौरान सदन पटल पर यह घोषणा की थी कि उदार गगन भूमि रिलीज की जांच सीबीआई से करवाएंगे। लेकिन मुख्यमंत्री ने उस समय भूपेंद्र हुड्डा से सांठ-गांठ कर मामले को ठंडे बस्ते में डालते हुए इस की जांच सीनियर आईएएस अधिकारी को सौंपी थी। बाद में मामले को उलझता देख मुख्यमंत्री ने खानापूर्ति के लिए इस की जांच सेवानिवृत जज को सौंप दी थी। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि उस समय नेता प्रतिपक्ष होने के नाते विधान सभा में उन्होंने मुख्यमंत्री से सदन पटल पर सवाल पूछा था कि उदार गगन भूमि मामले की जांच सीबीआई से करवाने का फै सला बदल कर प्रदेश की जनता से वादाखिलाफी क्यों की? इसका सीधा मतलब है कि मुख्यमंत्री खट्टर ने भूपेंद्र हुड्डा को बचाने के लिए यह फै सला लिया है।

भूपेंद्र हुड्डा और भाजपा-गठबंधन की मिली-भगत की पोल उस समय पूरी तरह से खुल गई थी जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी जयदीप गुप्ता ने अपनी दलील में साफ कहा था कि उदार गगन भूमि रिलीज मामले की जांच अदालत की विशिष्ट टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए उचित समयबद्ध जांच सीबीआई से करवाना अति आवश्यक है। हरियाणा सरकार द्वारा रिटायर्ड जज से करवाई गई जांच की गंभीरता पर सवाल करते हुए एमिकस क्यूरी ने कहा था कि इसमें न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। एमिकस क्यूरी ने मानेसर लैंड घोटाले का हवाला देते हुए कहा था कि इसमें भी उदार गगन भूमि रिलीज के समान परिस्थितियों के अंतर्गत जांच सीबीआई द्वारा की गई थी।

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