केवल रूटीन के विकास कार्यो पर अपने नाम के ठप्पे लगाने थे तो करोड़ों रूपये का सरकारी धन बर्बाद करके बावल में एक नुक्कड़ सभा किये बिना भी यह काम किया जा सकता था : विद्रोही
दावा ठोका कि मनेठी-माजरा एम्स निर्माण की सभी औचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है और एम्स का शिलान्यास किया जायेगा लेकिन कब : विद्रोही
साल में अहीरवाल-रेवाडी का अभूतपूर्वक विकास किया है तो अहीरवाल के पुराने विकास प्रोजेक्टस सात सालों में पूरे क्यों नही हो पा रहे है? अधूरे क्यों पड़े है? : विद्रोही

27 नवम्बर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि शुक्रवार को बावल में एक नुक्कड़ सभा को सम्बोधित करने आये मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपने भाजपा राज के सात साल के हरियाणा के बजट को टुकडों में बाटकर रेवाडी जिले को सात साल में 7 हजार करोड़ रूपये देने का आंकड़ा उछालकर विकास पर खुद मियां मिठ्ठू बनकर चलते बने। वहीं सात सालों से रेवाड़ी जिले के अधूरे पडे या कछुआ गति से चल रहे विकास कार्यो को पूरा करने की दिशा में कोई गंभीर बात किये बिना लोगों को जुमलों से ठगकर बिना कुछ नया दिये हाथ झाडक़र चले गए। विद्रोही ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री को रेवाडी जिले को कुछ नया विकास तोहफा देना ही नही था और केवल रूटीन के विकास कार्यो पर अपने नाम के ठप्पे लगाने थे तो करोड़ों रूपये का सरकारी धन बर्बाद करके बावल में एक नुक्कड़ सभा किये बिना भी यह काम किया जा सकता था।

मुख्यमंत्री खट्टर ने एकबार फिर दावा ठोका कि मनेठी-माजरा एम्स निर्माण की सभी औचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है और एम्स का शिलान्यास किया जायेगा। लेकिन शिलान्यास कब होगा, न तो इसकी कोई निश्चित तारीख बताई और न ही यह बताया कि एम्स निर्माण की कौनसी कानूनी औपचारिकता उन्होंने पूरी कर ली है। 

विद्रोही ने कहा कि उनकी जानकारी अनुसार मनेठी-माजरा एम्स के लिए स्वेच्छा से जमीन देने वाले किसानों को अभी तक न तो सरकार ने जमीन मुआवजा दिया है और न ही एम्स की प्रस्तावित जमीन राजस्व रिकार्ड में एम्स के नाम हुई। अभी तक न ही सरकार ने जमीन पर कब्जा और न ही उक्त जमीन पर अभी तक पर्यावरणीय अनुमति मिली है। अभी तक न तो एम्स भवन निर्माण की ड्राईंग बनी है और न ही भवन निर्माण का नक्शा पास हुआ है। न ही भवन का टेंडर जारी हुआ है और न ही एम्स परिसर में नागरिक सुविधाओं व स्वास्थ्य सेवाओं के आधारभूत ढांचे के निर्माण का कोई भी औपचारिकता पूरी हुई है। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने खट्टर जी से पूछा कि वे बताये कि उन्होंने मनेठी-माजरा एम्स निर्माण की कौनसी कानूनी औपचारिकता पूर्ण कर ली है। कटु सत्य यह है कि अभी एम्स निर्माण से सम्बन्धित एक भी कानूनी औपचारिकता पूरी नही हुई है। सभी कुछ जुबानी जमा खर्च ही है। तभी तो खट्टर जी एम्स निर्माण की आधारशिला कब रखेगी जायेगी, यह बताने में असमर्थ है क्योंकि संघी लोकसभा चुनाव 2024 में जनता को भावनात्मक रूप से ठगकर अहीरवाल की वोट हडपने खातिर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही एम्स निर्माण की शुरूआत करेंगे जो बताता है कि उनके लिए उच्च स्तरीय स्वास्थ्य ढांचे के निर्माण की बजाय वोट हडपना पहली प्राथमिकता है। 

विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 7 साल के अपने राज में रेवाड़ी जिले के विकास के लिए जो 7 हजार करोड़ रूपये देने की घोषणा की है, वह रूटीन की विकास राशी है। खट्टर जी ने केवल प्रदेश के 7 साल के कुल बजट को जिलावाईज बाटकर आंकड़े मात्र दिये है। यह 7 साल का रूटीन बजट है जो हर सरकार गांवों, नगर निकायो व नागरिक सुविधा आधारभूत ढांचे के लिए खर्च करती है। यदि विभिन्न सरकारों द्वारा उस समय के कुल बजट के अनुपात में तुलनात्मक अध्ययन करेंगे तो पता चलेगा कि खट्टर सरकार द्वारा 7 सालों में विकास के नाम दिया पैसा तो हर राज में इस क्षेत्र को मिलता रहा है, फिर इसमें नया क्या है?

वहीं विद्रोही ने पूछा कि यदि खट्टर जी ने 7 साल में अहीरवाल-रेवाडी का अभूतपूर्वक विकास किया है तो अहीरवाल के पुराने विकास प्रोजेक्टस सात सालों में पूरे क्यों नही हो पा रहे है? अधूरे क्यों पड़े है? मुख्यमंत्री खट्टर विकास के नाम पर आंकडे की हेराफेरी से जुमले उछालकर अहीरवाल को ठगते जरूर है, पर कुछ करते नही। वस्तुत: भाजपा-खट्टर सरकार इवेंट मैनेजमैंट की सरकार है जो सत्ता दुरूपयोग से सरकारी धन फूंककर विकास के झूठे दावे तो करती है, पर जमीन पर कुछ नही करती।

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