किसानों के संघर्ष की हुई जीत: रजवन्त डहीनवाल

मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री नैतिकता के आधार पर दे इस्तीफा:
किसान आंदोलन के खिलाफ बोलने वाले सभी नेता माँगे माफी:
किसानों पर दर्ज मुकदमे वापिस हो :

रेवाड़ी, 19 नवंबर 2021 – ने तीन काले कृषि कानूनों की वापसी को किसानों की जीत बताते हुए कहा की । किसानों का लम्बा संघर्ष रँग लाया है जिस दिन से यह काले कानून बीजेपी सरकार लायी हैं। इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी ने इन कानूनों का विरोध किया है। और किसानों के साथ लगातार खड़े थे। इसी के चलते चौ अभय सिंह चौटाला जो कि पूरे भारतवर्ष में एकमात्र विधायक ऐसे थे जिन्होंने अपना इस्तीफा काले कृषि कानूनों के समर्थन में दिया था। और दोबारा जीत कर भी किसानों के दम पर आये। जिससे किसानों के आंदोलन को बल मिला। जिसका नतीजा यह रहा कि सरकार को किसानों के सामने घुटने टेकने पड़े। इनेलो प्रवक्ता ने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी ने जिस प्रकार से किसानों के आंदोलन के सामने अपनी हार मानी है। असल मे वो कई राज्यों उपचुनावों में मिली करारी हार का भी नतीजा है। नरेन्द्र मोदी जी को 800 के लगभग उन किसानों के परिजनों से माफी मांगने चाहिए जिन्होंने अपनी शहादत इस आंदोलन में दी है। इसके साथ ही उनको मुआवजा भी दें।

इनेलो प्रवक्ता ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को तुरंत प्रभाव से अपना इस्तीफा नैतिकता के आधार पर दे देना चाहिए जो कि गलत कानूनों की सपोर्ट कर रहे थे। इसके अलावा उनको हरियाणा की जनता से भी माफी मांगनी चाहिए जिन्होंने नरेन्द्र मोदी जी की उस गलत नीतियों का समर्थन किया और जनता को गुमराह किया ।

एडवोकेट रजवन्त डहीनवाल ने कहा कि सरकार को तुरंत प्रभाव से किसानों के खिलाफ़ दर्ज किए झूठे देश द्रोह व हत्या के प्रयास के मुकदमों को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने चाहिए।

यही नहीं जनता को जो परेशानी है उसकी जिम्मेदारी भी स्वयं सरकार को लेनी चाहिए उनकी आर्थिक नुकसान जो हुआ है ।एडवोकेट डहीनवाल ने कहा कि आज उन मंत्रियों व छुटभैया नेताओं की हकीकत सामने आ गयी जो वह प्रधानमंत्री की जिद को जायज बता रहे थे और संघर्ष करने वाले किसानों को गलत बता रहे थे आज यह साफ हो गया कि सही कौन और गलत ।

किसानों से अपील करते हुए इनेलो प्रवक्ता ने कहा की अभी मैदान छोड़ने का वक्त नहीं आया है । लड़ाई अभी बरकरार है। सरकार को एमएससी पर गारण्टी का कानून बनाना व स्वामीनाथन की पूरी रिपोर्ट को लागू करना चाहिए। असल मे बीजेपी को उपचुनावो में मिली हार व किसानों के विरोध के कारण ही डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ाने वाली सरकार ने एकदम दाम डीजल पर 10 रू व पेट्रोल पर 5 रु कम किया । अगले साल यूपी चुनाव आने वाला है ओर जनता को बीजेपी सरकार के झांसे में नहीं आना चाहिए।

इस सत्ता के मद में चूर बीजेपी सरकार को सत्ता से बेदखल करने का काम भी किसान ही करेंगे ।किसानों की एकजुटता से सरकार घबरा चुकी है ।जिस दिन यूपी चुनाव हुआ और सत्ता से बेदखल हुई सरकार उसी दिन लगातार बढ़ रहे डीजल, पेट्रोल, गैस तेल के दाम भी आधे हो जाएंगे। महंगाई भी नियंत्रण में आ जाएगी असल में मोदी जी की गलत नीतियों के कारण यहां देश को देश को कई बार बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है उससे सरकार को यह मानना पड़ेगा कि भविष्य में जो भी कानून बनाए जाएं वह जन हितेषी बनाया जाए ना कि अपने पूंजीपति मित्रों के फायदे के लिए बनाया जाए। आज जिस प्रकार से सरकारी संपत्तियों को बेचा जा रहा है यह कहीं ना कहीं सरकार की बड़ी नाकामी है गलत नीतियां है।

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