एच सी एस अधिकारी जिसका वेतन एक लाख रुपए प्रति महीना से भी कम है। वह मुख्यमंत्री के इशारे के बिना नौकरी लगवाने के नाम पर करोड़ों रुपए एकत्रित नहीं कर सकता है। चन्द्र मोहन पंचकूला 19 नवम्बर -हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा लोक सेवा आयोग के उप सचिव और हरियाणा सरकार के चहेते एच सी एस अधिकारी अनिल नागर को एक करोड़ रुपए के साथ पकडे जाने पर तंज कसते हुए कहा कि इससे मनोहर लाल खट्टर और जे जे पी गठबंधन सरकार का असली चेहरा बेनकाब हो गया है। चन्द्र मोहन ने कहा कि इससे बड़ी विडम्बना हरियाणा प्रदेश के युवाओं के साथ हो नहीं सकती है कि उनको पारदर्शिता के नाम पर मूर्ख बनाया जा रहा है और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस षड्यंत्र का पर्दाफाश होने से सरकार का असली चेहरा प्रदेश की जनता के सामने उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि एक करोड़ रुपए की राशि कोई कम नहीं होती है, जो उसकी अटैची में मिली है। एक एच सी एस अधिकारी जिसका वेतन एक लाख रुपए प्रति महीना से भी कम है। वह मुख्यमंत्री के इशारे के बिना नौकरी लगवाने के नाम पर करोड़ों रुपए एकत्रित नहीं कर सकता है। इस सरकार से पहले रिश्वत का ऐसा नंगा नाच कभी भी नहीं देखा गया है। एक अदने से अधिकारी की भूमिका की जांच सीबीआई से करवाई जाए ताकि नौकरियों का सच जनता के सामने उजागर हो सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को हरियाणा में, लोक सेवा आयोग का चेयरमैन लगाने के लिए कोई योग्य व्यक्ति नहीं मिला इसलिए राज्य से बाहर के अधिकारी श्री वर्मा को चेयरमैन लगा कर युवाओं का भविष्य बर्बाद करने के लिए डोर उनके हाथ में सौंप दी गई है। उन्होंने मांग कि है कि मुख्यमंत्री को नैतिकता का परिचय देते हुए इस मामले की जांच तुरंत सीबीआई से अविलंब करवाने के आदेश जारी करने चाहिए ताकि जिन योग्य युवाओं के साथ पक्षपात और अन्याय किया गया है उनको न्याय मिल सके। चन्द्र मोहन ने कहा कि लोकसेवा आयोग ही नहीं अपितु हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की कारगुजारियां भी लोगों के सामने आ चुकी है और हरियाणा के इतिहास में भाजपा और जजपा सरकार में पहली बार हुआ है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पेपर बार- बार लीक हो रहें हैं और सरकार के पास इसका कोई ठोस सन्तोष जनक उत्तर नहीं है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर प्रदेश में यही हालत रहे तो युवाओं में घोर निराशा पैदा होगी और वह भयावह कदम उठाने पर विवश होंगे। ऐसे हालात से निपटने के लिए लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को तुरंत त्याग पत्र देने के साथ साथ जितने भी पेपर इस सरकार के समय में हुए हैं उन सबकी पूरी जांच करवाई जाए ताकि युवाओं को न्याय मिल सके और उनका भविष्य अंधकारमय होने से बचाया जा सके। उन्होंने आशंका जताई है कि सरकार अपनी छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने का प्रयास करेगी ताकि सच्चाई जनता के सामने ना आ सके। Post navigation रिआन सैनी ने हासिल किया थ्री आई इंटरनेशनल आईकॉन में द्वितीय पुरस्कार पांच राज्यों में संभावित हार को देखते हुए वापिस लिए केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानृन: योगेश्वर शर्मा