घटना हेलीमंडी नगरपालिका इलाके में मिर्जापुर रोड की’
यही वार्ड नंबर 7 बाबा हरदेवा कॉलोनी में है रैन बसेरा
कड़ी मशक्कत से दमकल विभाग ने आग पर पाया काबू
रैन बसेरा में आग लगने की घटना बुधवार देर शाम की

फतह सिंह उजाला

पटौदी । पटौदी विधानसभा क्षेत्र के हेली मंडी नगर पालिका इलाके में बनाया गया रैन बसेरा लाक्षागृह की तरह से अचानक धू-धू कर जल उठा। यह घटना बुधवार देर सायं दिन ढले की है। लाक्षागृह की तरह से जलते हुए और सुलगते हुए रैन बसेरे की ऊपरी मंजिल में लगी आग की लपटें दूर से ही दिखाई दे रही थी और आसपास क्षेत्र में धुआं ही धुआं फैलने से आसपास के रहने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा ।

जानकारी के मुताबिक पटोदी रेलवे स्टेशन के नजदीक मिर्जापुर रोड पर वार्ड नंबर 7 में बाबा हरदेवा कॉलोनी में बनाए गए रेन बसेरा की ऊपरी मंजिल पर अचानक उठते हुए धुएं पर लोगों की जैसे ही नजर पड़ी तो सबसे पहले स्थानीय वार्ड पार्षद मदन लाल अग्रवाल को इसकी सूचना दी गई। पार्षद मदन लाल अग्रवाल ने बिना देरी किए दमकल विभाग के अधिकारियों सहित डायल 112 पर भी रैन बसेरा में आग लगने की सूचना दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए बिना देरी किए फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची , लेकिन तब तक रैन बसेरा की ऊपरी मंजिल पर आग पूरी तरह से बेकाबू होकर आग की लपटें आसमान छूती हुई दिखाई दे रही थी।

इससे पहले ऊपरी मंजिल पर ही आग भड़कने से पहले जो धुएं का गुबार आसमान में तथा आसपास के इलाके में फैला, उसके कारण स्थानीय लोगों के द्वारा भी आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी की शिकायतें की गई । इसका कारण बताया गया कि रैन बसेरा बनाने में जो मेटेरियल यूज़ किया गया है वह फैब्रिकेटर अथवा फाइबर किस्म का मेटेरियल ही है । जोकि बेहद ज्वलनशील और संवेदनशील बताया जाता है ।सूत्रों के मुताबिक रैन बसेरा में आग का धुआं सबसे पहले बुधवार शाम करीब 5. 30 बजे निकलता देखा गया इसकी सूचना 5. 45 बजे दमकल विभाग को मिली । जब तक दमकल विभाग की गाड़ी और कर्मचारी रेन बसेरा तक पहुंचते , ऊपर की मंजिल पूरी तरह से आग का गोला बन चुकी थी। बताया गया है कि यहां सुलग रही आग को दमकल विभाग की पहुंची एक गाड़ी को आग बुझाने में पूरी तरह से कामयाबी नहीं मिली । तब तक स्थानीय पुलिस चौकी से भी पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके थे ।

आज के रैन बसेरा में और अधिक भड़कने तथा नीचे की मंजिल पर आग न फैले इस बात को ध्यान में रखते हुए फर्रूखनगर सहित मानेसर से भी दमकल विभाग की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने के लिए कहां गया । बताया गया है कि जिस समय रैन बसेरा में आग लगी , उस समय रैन बसेरा में कोई भी मौजूद नहीं था । इस प्रकार की आशंका व्यक्त की गई है कि रैन बसेरा में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी। गौरतलब है कि सर्दियों में बेघर, बेबस, लाचार लोगों को सर्दी से बचाने के लिए और रहने खाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हरियाणा सरकार के द्वारा विभिन्न स्थानों पर रैन बसेरों का निर्माण करवाया गया । इन रैन बसेरों को बनाने के लिए स्थानीय नगर पालिका, नगर परिषद अथवा नगर निगम के द्वारा ही जगह भी उपलब्ध करवाई गई । सूत्रों के मुताबिक एक रैन बसेरा पर औसतन लागत करीब 40 से 50 लाख की बताई गई है।

रैन बसेरा को बनाने में सूत्रों के मुताबिक जो मेटेरियल यूज़ किया गया वह फैब्रिकेटर अथवा फाइबर किस्म का और प्लास्टिक जैसा ही मेटेरियल है । जोकि बेहद संवेदनशील और ज्वलनशील माना जाता है । शायद यही कारण रहा कि हेली मंडी में रैन बसेरा में लगी आग ने भी देखते ही देखते भयंकर रूप धारण कर लिया । इस बात का अंदाजा यह रैन बसेरा की उपरी मंजिल में लगी आग की आसमान छूती लपटों से ही लगाया जा सकता है । बहरहाल राहत की बात यह है कि जिस वक्त यह आगजनी की घटना हुई उस समय रैन बसेरा में कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था । लेकिन जिस प्रकार का रैन बसेरा को बनाने में मेटेरियल इस्तेमाल किया गया है , वह तमाम मेटेरियल और ढांचा आग सहित आग की तपिश में मोम की तरह पिघलता चला गया।  हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में रैन बसेरा में लगी आग की इस एक घटना ने तमाम रैन बसेरा की सुरक्षा को लेकर भी एक प्रकार से सवाल खड़े कर डाले हैं ? समाचार लिखे जाने तक यहां हेली मंडी में लगी रैन बसेरा की आग को पूरी तरह से बुझाया जा चुका था । लेकिन जिस प्रकार से आग लगने के कारण रैन बसेरा को नुकसान हुआ है, वह अब रहने की हालत अथवा किसी के ठहरने के योग्य नहीं रह गया है । अब यह तो जांच के बाद ही पता लगेगा कि वास्तव में रैन बसेरा में आग लगने का कारण क्या है।

error: Content is protected !!