अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का दीपोत्सव पूरी दुनिया में बनाएगा एक पहचान : छाबड़ा

आजादी के अमृत महोत्सव का इतिहास देखने को मिलेगा गीता महोत्सव में।
मीडिया के प्रयासों से ही अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को मिला एक मुकाम।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 15 नवंबर :- कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव -2021 में 14 दिसंबर को सायं के समय दीपोत्सव पूरी दुनिया में एक अलग पहचान बनाएगा। इस गीता महोत्सव के साथ दीपोत्सव को पिछले वर्ष साथ जोड़ा गया और पिछले साल से ही इस दीपोत्सव को लेकर लोगों में उत्साह और जोश देखने को मिल रहा है। इस दीपोत्सव के साथ शहर की तमाम समाज सेवी संस्थाए जुड़ गई है।

मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में पत्रकारों के साथ विचार-विमर्श कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 के दीपोत्सव को कुरुक्षेत्र जिले की तमाम समाज सेवी व धार्मिक संस्थाओं के सहयोग से यादगार बनाया जाएगा। इस दीपोत्सव में पहली बार गत वर्ष कोरोना महामारी के दौरान बड़ी सजगता के साथ आयोजित किया गया था और कोरोना महामारी के दौरान शहर की समाज सेवी संस्थाओं ने इस दीपोत्सव में बढ़चढक़र भाग लिया और इस दीपोत्सव को यादगार बनाने का काम किया।

इस वर्ष भी दीपोत्सव के लिए कुरुक्षेत्र जिले की सभी समाज सेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही कुरुक्षेत्र 48 कोस के सभी तीर्थों पर भी 14 दिसंबर को सायं के समय एक साथ लाखों दीपक जलाएं जाएंगे।

उन्होंने कहा कि दीपोत्सव के साथ-साथ इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को आजादी के अमृत महोत्सव के साथ जोड़ा गया है और यह महोत्सव पूर्णत: अमृत महोत्सव को समर्पित होगा। इस वर्ष केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान देश की आजादी के 75 वर्ष के इतिहास को लोगों के समक्ष रखने का अनोखा प्रयास किया जाएगा। इसमें यह दिखाने का प्रयास किया जाएगा कि आजादी के समय पवित्र ग्रंथ गीता की क्या भूमिका रही थी और शहीद भगत सिंह जैसे महान लोगों ने आजादी लेने के लिए पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को जहन में रखा। इस प्रकार सभी महान लोगों के बारे में बताने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और प्रशासन चाहे लाख प्रबंध या प्रयास करे, लेकिन मीडिया के बिना महोत्सव को सफल बनाना संभव नहीं है। इस महोत्सव को विश्व पटल पर पहुंचाने का काम मीडिया के लोगों ने ही किया है।

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