डिग्रीधारी प्रतिभाओं को चपड़ासी बना कर अब प्रदेश के युवाओं को मात्र 30 हजारी वेतन का कर्मी बनाने का जश्न मना रही है सरकार इस बीजेपी सरकार ने जो कहा वो किया नही, जो किया वो इनसे हुआ नही, जो हुआ वो जनता के लिए फायदेमंद हुआ नही आरक्षण के निजीकरण का लाभ प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को मिलना अभी दूर की कौड़ी लगता है 13/11/2021 :- डिग्रीधारी युवाओं को चपड़ासी बनाने वाली बीजेपी-जजपा सरकार अब प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को 30 हजार से कम वेतनधारी बनाने का जश्न मना रही है, बस इतना सा है प्राइवेट सेक्टर में इस 75 फीसदी आरक्षण कानून का सार। ये कहना है हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा का। उन्होंने उक्त बातें प्रेस के नाम विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा की इस 75 फीसदी आरक्षण को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताने वाली इस गठबंधन सरकार का छुपा एजेंडा यही है कि ये अब प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को 30 हजार से कम वेतन वाला कर्मी बना रहे हैं। वर्मा ने सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की पोल खोलते हुए बताया कि सरकार द्वारा बनाये गए इस कानून में जानबूझ कर ऐसी पेचेदगियाँ पैदा की गई हैं जो सीधा लाभ प्राइवेट कम्पनियों को पहुंचा रही हैं, जिससे ये सिर्फ युवाओं के लिए छलावा ही साबित होगा, उन्होंने कहा कि इस कानून मे यह भी है कि यदि कम्पनियों को स्थानीय योग्य कर्मी नही मिलते हैं तो वो काबलियत के हिसाब से बाहरी कर्मियों को नियुक्त कर सकती हैं और कोई भी कम्पनी अपनी सुविधाओं के हिसाब से कर्मियों की छंटनी भी कर सकती है। इसलिए सरकार कम्पनियों के हाथों में हंटर थमा कर इस आरक्षण के नाम पर किस तरहं से झूठी वाहवाही लूट रही है, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। वर्मा ने कहा कि इस खट्टर सरकार ने जो कहा वो इन्होंने किया नही और जो किया वो इनसे हुआ नही। उन्होंने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए शायराना अंदाज में कहा कि झूठ, फरेब और धोखा यही है इस सरकार का लेखा जोखा। महिला कांग्रेस नेत्री ने गठबंधन सरकार पर आरोप जड़ते हुए कहा कि देश के संविधान का आर्टिकल 19 कहता है कि हर नागरिक को देश में कहीं भी जाकर किसी भी तरह की नौकरी, व्यापार करने का अधिकार है। इसी आधार पर कम्पनियों के विरोध को देखते हुए हरियाणा में इस आरक्षण के निजीकरण का लाभ प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को मिलना अभी दूर की कौड़ी लगता है। इस फैसले से प्रदेश में बड़ी कंपनियां निवेश करने से कतराएँगी। कांग्रेस नेत्री ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ किये जा रहे छल की पोल खोलते हुए कहा कि इस गठबंधन सरकार के बनाये नए नियमों के अनुसार गत 5 वर्षों से बाहर के निवासी को हरियाणा में रहने पर अब उसे कानूनन स्थानीय निवासी माना जायेगा, उन्होंने कहा कि इस तरहं हरियाणा निवास प्रमाण पत्र डोमोसाइल को कमजोर करके बेरोजगार प्रदेशवासियों की कमर तोड़ दी है। सरकार के इस फैसले से जहां प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के हक़ों पर कुठाराघात हुआ है वहीं इस निर्णय ने 10 लाख बाहरी युवाओं को हरियाणा के डोमोसाइल और अन्य सुविधाओं का हकदार बना डाला। वर्मा ने प्रदेश की गठबंधन सरकार को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि इस बीजेपी सरकार के शासन में आज राजनीति का सबसे दुखद दौर है, सत्तानशीन तानाशाह को होश में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सरकार के सभी फैसले अव्यवहारिक है, क्योंकि जब युवाओं को कम्पनियों में मजदूरी ही करनी है तो वो महंगी स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई पर क्यों करेंगें? Post navigation जेजेपी ने अपने संगठन में किया विस्तार डेंगू के बढ़ते मामलों पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जताई गहरी चिंता