हिसार : 8 नवम्बर – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के वैज्ञानिकों ने गांव चिड़ौद में एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम विस्तार शिक्षा निदेशालय में चल रही फार्मर फस्र्ट परियोजना के तहत किया गया जिसमें गांव के 85 किसानों ने हिस्सा लिया। परियोजना में कार्यरत डॉ. आर.एस. श्योराण ने किसानों को रबी सीजन की चारा फसलों के उत्पादन को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने किसानों को जई की ज्यादा कटाई वाली किस्मों की बिजाई की सलाह दी ताकि हरे चारे की निरंतर उपलब्धता बनी रहे। उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से विकसित एच.जे. 8 किस्म की बिजाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस किस्म की औसतन पैदावार लगभग 550 क्विंटल हरा-चारा प्रति हेक्टेयर है। इस अवसर पर उन्होंने किसानों से कहा कि चारे वाली फसलों में नाइट्रोजन के साथ-साथ फास्फोरस वाली खादों का भी प्रयोग किया जाना चाहिए जिससे पशुओं के स्वास्थ्य पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ता है। जई के अलावा बरसीम की उन्नत किस्में, बिजाई व उत्पादन तकनीकों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। इस अवसर पर किसानों को जई की एच.जे. 8 किस्म का बीज वितरित किया गया ताकि किसान अपने खेत पर ही इसका बीज भी तैयार कर सकें। इस प्रशिक्षण में डॉ. अनिल मलिक व डॉ. राकेश कुमार का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर किसान रमेश कुमार, नरेश कुमार, कृष्ण, सुनील कुमार, कमल सिंह चंद्रसेन, संजय सहित अनेक किसान मौजूद रहे। Post navigation एक सांसद की असंसदीय भाषा परिवार की पार्टी नहीं पर दलबदल की पार्टी न बनाइए भाजपा को