ताइपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी ताइवान में हरियाणा से शाश्वत शर्मा का हुआ चयन

शाश्वत शर्मा भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए वहां 2 वर्ष तक कैंसर पर रिसर्च करेगा।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 6 नवम्बर : – धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के लिए गर्व की बात है कि हरियाणा से एकमात्र शोधार्थी के रूप में शाश्वत शर्मा का चयन हुआ है। ताइपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी ताइवान में एम. फार्मा के लिए हरियाणा से कुरुक्षेत्र के शाश्वत शर्मा को चुना गया है। ताइवान में शाश्वत शर्मा कैंसर पर अनुसंधान करेंगे। शाश्वत शर्मा की माता डा. सुनीता शर्मा के अनुसार ताइपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी शाश्वत शर्मा को कैंसर में अनुसंधान के लिए ताइवान स्कॉलरशिप प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि उनका बेटा शाश्वत शर्मा भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए वहां दो वर्ष तक कैंसर पर रिसर्च करेंगे। डा. शर्मा के अनुसार इस अनुसंधान का लक्ष्य कैंसर को जड़ से मिटाने का है। इस रिसर्च में डा. कुणाल नेपाली उनके सुपरवाइजर रहेंगे। उन्हीं की देखरेख में कुमार शाश्वत अपना शोध कार्य पूरा करेंगे।

उल्लेखनीय है कि शाश्वत शर्मा की माता सेठ नवरंग राय लोहिया जयराम कन्या महाविद्यालय लोहार माजरा में हिंदी की प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा कि मुझे अपने पुत्र पर गर्व है कि वह ताइवान सरकार की ओर से स्कॉलरशिप प्राप्त कर इस यूनिवर्सिटी में शोध कार्य हेतु जा रहा है। वह हरियाणा के साथ-साथ अपने देश का भी नाम रोशन करेगा और हरियाणा का परचम पूरे विश्व में लहराएगा। इस विषय पर शाश्वत का कहना है कि मेरी शिक्षा एवं उन्नति में हमेशा मेरे पिता डॉ. चंद्रशेखर शर्मा माता डॉ. सुनीता शर्मा तथा बड़े भाई मानवेंद्र शर्मा का सहयोग एवं आशीर्वाद रहा। मैं जब अपने आसपास कैंसर से संघर्ष करते हुए, लड़ते हुए लोगों को देखता हूं तो मन चीत्कार कर उठता है लेकिन कुछ कर नहीं पाता। आज मुझे ताइवान जाकर इस विषय पर काम करने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ है। मैं कैंसर जैसे आत्मघाती विषय पर शोध कार्य करते हुए कोशिश करूंगा कि इस बीमारी की तह तक जा सकूं और कुछ ऐसा करूं कि इस बीमारी को जड़ से मिटाया जा सके। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए अपने उन शिक्षकों का धन्यवाद किया। जिन्होंने इस अवसर को पाने का रास्ता दिखाया। उन्होंने भारत सरकार के साथ-साथ ताइवान सरकार एवं विशेष रूप से डा. कुणाल नेपाली का धन्यवाद किया जिन्होंने इस शोध कार्य के लिए मेरा चुनाव किया। उन्होंने कहा कि मैं पूरे परिश्रम से इस शोध कार्य पर कार्य करूंगा और अपने मकसद में सफलता अर्जित करूँगा।

गौरतलब है कि शाश्वत शर्मा बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। कक्षा में अव्वल रहने के साथ-साथ समाजसेवा भी करते रहे हैं। शाश्वत जूनियर साइंटिस्ट का खिताब हासिल कर चुके हैं। इसके साथ कांग्रेस घास को मिटाने हेतु दवाई भी बना चुके हैं। एनर्जी सेविंग गैस चूल्हा बनाने के प्रोजेक्ट पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं।

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