मार्च 2017 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इस मामले की जांच फिर से शुरू हुई और जस्टिस रणजीत सिंह के नेतृत्व में जांच आयोग का गठन हुआ. इस आयोग ने 30 जून 2018 को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें बेअदबी मामलों में डेरा की भूमिका पर शक जताया गया. इसके बाद इस मामले की जांच पंजाब पुलिस द्वारा गठित एसआईटी और सीबीआई ने भी की लेकिन फिर भी मामले की स्थिति अस्पष्ट है. पिछले दिनों एसआईटी ने फरीदकोट जिले से डेरा सच्चा सौदा सिरसा के छह अनुयायियों को गिरफ्तार कर लिया.

चंडीगढ़. हरियाणा की रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से पंजाब पुलिस की एसआईटी 8 नवंबर को पूछताछ करेगी. साल 2015 के बरगाड़ी बेअदबी मामले में पंजाब पुलिस की एसआईटी उससे पूछताछ करेगी. गुरमीत सुनारिया जेल में सजा काट रहा है. इस संबंध में एसआईटी के मुखिया और आईजी सुरिंदरपाल सिंह परमार ने पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए रोहतक के जिला मजिस्ट्रेट को पत्र भेजकर सूचना भेज दी है. परमार ने उससे सुनारिया जेल प्रशासन को अवगत करवाने का आग्रह किया है ताकि उच्च न्यायालय की हिदायत का पालन हो सके.

बता दें कि बरगाड़ी बेअदबी मामले की जांच कर रही पंजाब पुलिस की एसआईटी ने इस मामले से जुड़ी गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पावन स्वरूप चोरी करने के केस में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की हुई है. पिछले माह 25 अक्तूबर को डेरा प्रमुख का फरीदकोट की अदालत से 29 अक्तूबर के लिए प्रोडक्शन वारंट भी जारी करवाया था, लेकिन फरीदकोट की अदालत में पेशी से एक दिन पहले 28 अक्तूबर को पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने डेरा प्रमुख के वारंट पर रोक लगा दी और एसआईटी को सुनारिया जेल में जाकर पूछताछ करने की इजाजत दी.

यह मामला करीब साढ़े पांच साल पुराना है. 1 जून 2015 को दोपहर के वक्त पंजाब के बरगाड़ी से करीब पांच किमी दूर गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला में स्थित गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप चोरी हो गए थे. 25 सितंबर 2015 को बरगाड़ी के गुरुद्वारा साहिब के पास हाथ से लिखे दो पोस्टर लगे मिले थे. ये पंजाबी भाषा में लिखे गए थे. आरोप है कि पोस्टर में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था और इन स्वरूपों की चोरी में डेरा का हाथ होने की बात लिख सिख संगठनों को खुली चुनौती दी गई थी.

सड़क पर मिले थे गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप

12 अक्टूबर को गुरुद्वारे में माथा टेकने गए लोगों को आसपास नालियों और सड़क पर बिखरे श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप के पन्ने मिले. मामले में पुलिस कार्रवाई से पहले ही बड़ी संख्या में सिख संगठनों के नेताओं ने बरगाड़ी और कोटकपुरा की मुख्य चौक पर प्रदर्शन दिया. कुछ ही घंटों में हजारों सिखों का जमावड़ा लग गय. पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से भी गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई और गिरफ्तारी की मांग होने लगी.

पुलिस ने की थी फायरिंग

14 अक्टूबर 2015 को पंजाब पुलिस ने कोटकपुरा चौक और कोटकपुरा बठिंडा रोड स्थित गांव बहबल कलां में प्रदर्शन कर रही भीड़ पर फायरिंग कर दी. इसमें दो लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों घायल हुए. मृतकों में गांव सरांवा वासी गुरजीत सिंह और बहबल खुर्द वासी कृष्ण भगवान सिंह शामिल थे. तबसे यह गोली कांड पंजाब सरकार के लिए सिरदर्द बना हुआ है.

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