अजीत सिंह दीवाली या गोवर्धन पूजा के अगले दिन हरियाणा व राजस्थान में रामरमि की परम्परा चली आ रही है। इसमें सभी अपने से उम्र में बड़ों को राम-राम कह कर अपने लिए लंबी आयु और अच्छी सेहत का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह एक सनातन परम्परा रही है हालांकि शहरीकरण के दौर में नई पीढ़ी इस बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं रखती। इसे आप अभिवादन दिवस या सीनियर सम्मान दिवस भी कह सकते हैं। इसमें पद या अमीरी का ख्याल नहीं रखा जाता। केवल उम्र का ख्याल रखा जाता है। असल में यह अभिवादन का दिन है। आप अपने बड़ों के सम्मान के लिए नमस्ते, आदाब, गुड डे या अपने सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश का कोई और शब्द चुन सकते हैं। बस रामरमि हो जाएगी। यह रसम बच्चों पर भी लागू होती है। छोटे बच्चों को अपने से बड़े बच्चों को राम राम कह कर रामरमि की रसम अदा करनी होती है। इस तरह छोटों द्वारा बड़ों का आदर करने की नसीहत दी जाती है। रामरमि के लिए,अच्छा होमिलें। वर्ना फोन करलें।और नहीं, तो कम से कम ,रामरमि का मेसेज ही भेज दें,राम राम जी लिख कर।रामरमि की रसम पूरी हो जाएगी।अगर कोई आपको राम राम लिखकर भेजता है, तो उसका जवाब भी राम राम होगा। अंगूठा दिखाने या हाथ जोड़ने मात्र से नहीं। असल में यह अभिवादन दिवस है। आप कुछ भी संदेश चुन कर बड़ों का अभिवादन कीजिए। राम राम जी,आदाब हजूर,सत श्री अकाल,गुड आफ्टर नून,नमस्ते आदि कुछ भी चलेगा। एक बार फिर राम राम जी। Post navigation दूरबीन नहीं , चश्मा लगाइए ,,,, ‘‘लूट की छूट पर झूठ’’ परोसने की बजाय पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साईज़-वैट दरें कांग्रेस सरकार के बराबर करें – रणदीप