थीम पार्क में 501 कुंडीय लक्षचंडी महायज्ञ का ग्यारहवां दिन। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र,1 नवम्बर :- मां मोक्षदायिनी गंगाधाम ट्रस्ट ऋषिकेश-हरिद्वार द्वारा थीम पार्क में 501 कुंडीय लक्षचंडी महायज्ञ में यज्ञ सम्राट हरिओम महाराज ने यज्ञ की महिमा पर विस्तार से चर्चा की। रविवार सायंकालीन आरती में कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी, थानेसर विधायक सुभाष सुधा,केंद्रीय सचिवालय नई दिल्ली से विपुल खरे,क्रीड़ा भारती कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष डी पी चोधरी,पवन खरखोदा,के डी बी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, विजयन्त बिन्दल सहित प्रदेश के कई शासकीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया। यज्ञ सम्राट हरिओम महाराज ने यज्ञ की महिमा पर बोलते हुए कहा कि प्राचीन काल से लेकर अब तक रुद्रयज्ञ, सूर्ययज्ञ, गणेशयज्ञ, लक्ष्मीयज्ञ, श्रीयज्ञ, लक्षचंडी भागवत यज्ञ, विष्णुयज्ञ, ग्रह-शांति यज्ञ, पुत्रेष्टि, शत्रुंजय, राजसूय, ज्योतिष्टोम, अश्वमेध, वर्षायज्ञ, सोमयज्ञ, गायत्री यज्ञ इत्यादि अनेक प्रकार के यज्ञ होते चले आ रहे हैं। हमारा शास्त्र, इतिहास, यज्ञ के अनेक चमत्कारों से भरा पड़ा है। जन्म से लेकर मृत्यु तक के सभी सोलह-संस्कार यज्ञ से ही प्रारंभ होते हैं एवं यज्ञ में ही समाप्त हो जाते हैं। क्योंकि यज्ञ करने से व्यष्टि नहीं अपितु समष्टि का कल्याण होता है। अब इस बात को वैज्ञानिक मानने लगे हैं कि यज्ञ करने से वायुमंडल एवं पर्यावरण में शुद्धता आती है। संक्रामक रोग नष्ट होते हैं तथा समय पर वर्षा होती है। यज्ञ करने से सहबन्धुत्व की सद्भावना के साथ विकास में शांति स्थापित होती है। यज्ञ को वेदों में ‘कामधुन’ कहा गया है अर्थात् मनुष्य के समस्त अभावों एवं बाधाओं को दूर करने वाला। ‘यजुर्वेद’ में कहा गया है कि जो यज्ञ को त्यागता है उसे परमात्मा त्याग देता है। यज्ञ के द्वारा ही साधारण मनुष्य देव-योनि प्राप्त करते हैं और स्वर्ग के अधिकारी बनते हैं। यज्ञ को सर्व कामना पूर्ण करने वाली कामधेनु और स्वर्ग की सीढ़ी कहा गया है। इतना ही नहीं यज्ञ के जरिए आत्म-साक्षात्कार और ईश्वर प्राप्ति भी संभव है। कार्यक्रम में महामंडलेश्वर डा. प्रेमानंद, और महामंडलेश्वर विकास दास महाराज मोहड़ा धाम ने भी अपने विचार व्यक्त किए। लक्षचंडी महायज्ञ आयोजन समिति के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा गोल्डी, अशोक शर्मा,आशुतोष गोस्वामी,राजेश मौदगिल, कपिल भडाना,राजकरण राणा, विजय नरुला,अजय गोयल, पार्षद भारत भूषण सिंगला,राहुल तंवर व सतपाल द्विवेदी सहित व्यवस्था में जुटे समस्त कार्यकर्ताओं ने सभी संतों का स्वागत किया।सोमवार सुबह सभी संतों ने लक्षचंडी महायज्ञ में आहुतियां दी। कार्यक्रम में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री बालकिशन, खंड कार्यवाह राजीव, दिनेश कुमार जींद, आरएसएस विभाग कार्यवाह डा. प्रीतम, डा. मनीष, परुषोतम सिंह ठाकरान, अनुज, सह जिला संघचालक रणजीत, सोनू मल्होत्रा, दीपक सचदेवा, इकबाल लुखी, डा. संजीव शर्मा,अतुल शास्त्री, इश्वर सिंह, बलबीर सिंह,परीक्षित शर्मा, राहुल पांचाल, लखीराम,कृष्णा, लीलूराम हिसार, सोमप्रकाश कौशिक, ओमप्रकाश लुखी, सतीश शर्मा, सतीश मित्तल,रमण बंसल,ओमप्रकाश जलगांव, रमेश कौशिक, हरीश शर्मा,जनकराज सिरसा, बी.डी.गौड़ चंडीगढ़, सीमा लोहिया व ममता गोयल सिरसा, देवेंद्र शर्मा,हरि प्रकाश शर्मा सोनीपत, हरीश अरोड़ा,कंवरपाल शर्मा, सरजन्त सिंह,अनिल देवगण,भगवत दयाल शर्मा,अनिल राणा सफीदों, सुरेन्द्र शर्मा ,मुनीष राव,राज सिंह मलिक,दीपक शर्मा, कमल शर्मा, कृष्ण दहिया सिसाना, राजीव सैनी, विजेंद्र सिंह,अनिल डागर, ईश्वर शामड़ी,विवेक मेहता,आर.डी.शर्मा सहित अन्य श्रद्धालु शामिल रहे। Post navigation कला कीर्ति भवन कुरुक्षेत्र में उत्तर-दक्षिण भारत के लोक कलाकारों ने बिखेरी सांस्कृतिक छटा, नृत्यों से मचाया धमाल। ब्रह्मसरोवर पर हजारों श्रद्धालु करते हैं छठ पूजा।