राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत गायों और भैंसों को मुंहखुर व गलघोटु की रोकथाम के लिए किया जा रहा है टीकाकरण:जेपी दलाल
नस्ल सुधार के लिए सरकार ने लागू की कई योजनाएं :कृषि मंत्री जेपी दलाल

बहल, 31 अक्टूबर। भारत सरकार द्वारा चलाए गए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राज्य की सभी गायों और भैंसों को मुंहखुर व गलघोटु की रोकथाम के लिए टीकाकरण किया जा रहा है ताकि प्रदेश को इन बीमारियों से मुक्त किया जा सके। इस खनीज मिश्रण भी विस्तरित किया गया। पशु पालन को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं लागू की जा रही है।

कृषि मंत्री जेपी दलाल रविवार को स्थानीय पशु अस्पताल में मुंहखुर व गलघोटु बीमारी के बचाव हेतू संयुक्त टीकाकरण एवं बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर पशुपालकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में पशु पालन व्यवसाय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग द्वारा पशु पालकों के कल्याणार्थ विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों को शुरू किया गया है। विभाग द्वारा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी करने, पशु पालकों को पशुओं के उपचार से संबंधित बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने तथा बेरोजगार नवयुवकों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत करते हुए कहा कि लोहारू विधानसभा क्षेत्र को प्रगति और विकास के मामले में अग्रणी क्षेत्र बनाने के लिए वे कोई कोर कसर शेष नहीं छोड़ेंगे।राज्य के कृषि क्षेत्र में पशुपालन की 41 प्रतिशत भागीदारी है। हरियाणा प्रदेश विश्व प्रसिद्ध मुर्राह भैंसों का ग्रह क्षेत्र है, जो कि अन्य राज्यों और विदेशों में भी मुर्राह जर्मप्लाज्म उपलब्ध करवा रहा है। उन्होंने बताया कि दूध उत्पादन में हरियाणा प्रदेश में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दूध उपलब्धता 1142 ग्राम है, जो कि देश में दूसरे स्थान पर है। हरियाणा राज्य का वार्षिक दूध उत्पादन 117.34 लाख टन तक पहुंच गया है। हरियाणा राज्य में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की 2868 पशु संस्थाओं द्वारा 71.26 लाख पशुओं को पशुचिकित्सा व पशु प्रजनन संबंधित सेवाएं प्रदान की जा रही है।

श्री दलाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है, जो पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर संयुक्त टीकाकरण का उपयोग कर रहा है। राज्य में हर छह महीने के अंतराल पर लगभग 60 लाख पशुओं को संयुक्त टीका लगाया जाता है। सरकार ने राज्य में गाय और भैंसों को मुंह खुर वह गलघोटु रोग से बचाने के लिए संयुक्त वैक्सीन का सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया है। यह संयुक्त टीकाकरण अभियान भारत सरकार द्वारा चला जा रहा है पशु राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य की सभी गायों और भैंसों की पहचान करके 12 अंकों के टैग के साथ टैकिंग की जाएगी और उनका पोर्टल पशु उत्पादकता वह स्वास्थ्य सूचना नेटवर्क पोर्टल पर पंजीकरण किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत अभी तक 46 लाख पशुओं को इयर टैग और 41. 5 लाख पशुओं को आईएनएपीएच पोर्टल पर रजिस्टर किया जा चुका है।

कृषि मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा गाय भैंसों में प्रदान की जाने वाली गर्भ कृत्रिम गर्भधारन सेवाओं की तर्ज पर बकरियों में भी कृत्रिम गर्भधान सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। यह अनुवांशिक रूप से राज्य की बकरियों की नस्लों के उन्नयन में सहायक होगा। जिससे राज्य के गरीब बकरी पालकों की आय में भी वृद्धि होगी। इस दौरान कृषि मंत्री जेपी दलाल ने पशुपालकों से अपील की कि वे इस टीकाकरण अभियान को सफल बनाएं और अपने पशुओं को मुंहखुर व गलघोटू जैसी घातक बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण आवश्य करवाएं ताकि पशुओं को बीमारी मुक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधरण के अनेक योजनाएं क्रियान्वयनकी जा रही है।

कार्यक्रम में पशु पालन एवं डेयरी विभाग के महानिदेशक डॉ. बी.एस. लौरा, हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के प्रबंधक निदेशक डॉ. एस.के. बागोरिया, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक एसपी वर्मा, जगबीर झांझाडिया, डॉ. कल्याण सिंह, डॉ. वीएस रांगी, डॉ. तेजन्द्र राणा, डॉ. पुनीता, डॉ जयपाल यादव, डॉ सहीराम,पूर्व चैयरमैन अनिल झांझडिया, सजंय राड, सुनील थेपड, गजानंद अग्रवाल, रविन्द्र मंढौली, एडवोकेट संजय नहरा, मंडल अध्यक्ष विजय पूनिया, कैप्टन रामफल श्योराण, टोनी बराला, विरेन्द्र लांबा, भरत सिंह ढिगावा श्यामयान, सुनील सिरसी, सोनू मीठी,नवीन सूर्तपुरिया,बलदेव,कर्मवीर चहड, सतबीर चहड, , बलमत गौठडा, प्रदीप चाहर, कृष्ण शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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