नई दिल्ली। गोपाल गोलोक धाम रामेश्वरी भक्ति आश्रम ट्रस्ट द्वारा संचालित भारतीय गौ क्रांति मंच के तत्वाधान गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करवाने के उद्देश्य से नई दिल्ली के ऐतिहासिक जंतर मंतर में आगामी 7 नवम्बर को होने वाला राष्ट्रव्यापी महा जनादोलन की तारीख आगे बढ़ा दी गयी है। क्योंकि कोविड प्रोटोकॉल के कारण इसे अभी तक परमिशन नही मिल पाया है। यह जानकारी आज नई दिल्ली के रायसीना रोड स्थित प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान भारतीय गौ क्रांति मंच के संस्थापक गोपाल मणी ने दी। अब यह आंदोलन देश भर के सभी जिला स्तर पर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी पांच प्रमुख मांगे है जिन्हें सरकार को हर हाल में मानना होगा। इसमें गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देना, गाय के गोबर का प्रयोग खाद के लिए, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चो को देशी गाय का दूध उपलब्ध कराएं, जर्सी गाय पर प्रतिबंध, दीन-हीन गायों के रहने का प्रबंध किया जाएं। उन्होंने भारत सरकार से गाय को राष्ट्र माता की घोषित करने की मांगी की है।प्रेस वार्ता के दौरान गोपाल मणि ने गौ माता की महिमा बताते हुए कहा कि गौ माता हमारी भारतीय सनातन संस्कृति की मूल है। वेद शास्त्रों में गाय को मां का सम्मान है। 80 करोड़ हिन्दुओं की धार्मिक आस्था की प्रतिक है। गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास माना जाता है। गाय के गोबर में लक्ष्मी, मूत्र में गंगा का वास बताया गया है। गाय आध्यात्मिक उर्जा का देवालय है। लेकिन हमारी सरकार गाय को केवल एक अच्छे पशु श्रेणी में समझती है। जैसे उसका गोबर बहुत कीमती है, उसके गोबर की खाद से अच्छी खेती व पैदावार होती है। लेकिन हमारा यह मुद्दा है कि गौ माता को धर्म से जोड़ा जाये। आपको बता दें कि संविधान के धारा 25 में हमें यह अधिकार दिया गया की देश के हर व्यक्ति के धर्म व आस्था का सम्मान किया जायेगा लेकिन हमारे देश के बहुसंख्यक समुदाय की आस्था का सम्मान नहीं किया गया। जिसके लिए हम सब एक दिवसीय प्रदर्शन की शुरुआत कर रहे है। इसके लिए हमने कई महीनो पहले से सरकार को प्राथना पत्र भी दिया था लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला। इसलिए हम देश के हर जिले में एक दिवसीय आंदोलन और धरना प्रदर्शन करेंगे। प्रेस वार्ता के मौके पर कुसुम शर्मा भारतीय गौ क्रांति मंच केंद्रीय कार्यालय प्रभारी, भारतीय गौ क्रांति मंच के महासचिव विकास पाटनी एवं साध्वी राजेश्वरी देवी प्रचार मंत्री मौजूद रहे। इस अभियान के तहत यह संदेश देश के कोने कोने तक पहुंचाया जाएगा। Post navigation सिंघु बार्डर पर फिर से बवाल, बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश, पुलिस ने किया लाठीचार्ज राकेश टिकैत का केंद्र को अल्टीमेटम, बोले- दिल्ली आकर किलेबंदी करेंगे किसान